PM Modi Bihar Visit: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सीमांचल दौरा राजनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है। लोकसभा चुनाव 2024 में एनडीए को इस इलाके में हार का सामना करना पड़ा था। चार लोकसभा सीटों में से सिर्फ अररिया ही बीजेपी के खाते में आई थी, जबकि पूर्णिया निर्दलीय पप्पू यादव ने जीती और कांग्रेस ने किशनगंज व कटिहार पर कब्जा किया। ऐसे में अब बीजेपी इस क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए विकास योजनाओं पर जोर दे रही है।

प्रधानमंत्री मोदी 15 सितंबर को पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे और साथ ही 35,461 करोड़ रुपये की योजनाओं का तोहफा सीमांचल और पूरे बिहार को देंगे। इसमें सड़क, रेल, हवाई, कृषि, उद्योग और ऊर्जा जैसे कई सेक्टर शामिल हैं। यह दौरा न सिर्फ चुनावी दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि सीमांचल की लंबे समय से चली आ रही विकास संबंधी समस्याओं का समाधान करने की दिशा में भी बड़ा कदम है।
पूर्णिया एयरपोर्ट उद्घाटन से हवाई कनेक्टिविटी का नया युग
सीमांचल के लोगों को लंबे समय से हवाई सेवा की कमी का सामना करना पड़ रहा था। अब प्रधानमंत्री मोदी पूर्णिया एयरपोर्ट के नए सिविल एन्क्लेव का उद्घाटन करने जा रहे हैं, जिस पर 34 करोड़ रुपये की लागत आई है। इस एयरपोर्ट के शुरू होने से सीमांचल के लोग सीधे बड़े शहरों से जुड़ सकेंगे। शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए दिल्ली या कोलकाता जाने वाले लोगों को अब ज्यादा दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी। इससे स्थानीय व्यापार और उद्योगों को भी फायदा होगा। पीएम मोदी पूर्णिया से एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे, जिसमें बड़ी संख्या में भीड़ जुटने की संभावना है। इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी भी उनके साथ मौजूद रहेंगे। इस एयरपोर्ट की शुरुआत सीमांचल की अर्थव्यवस्था और सामाजिक विकास में मील का पत्थर साबित हो सकती है।
रेलवे परियोजनाओं से सीमांचल को बड़ी राहत
प्रधानमंत्री मोदी के दौरे में रेलवे क्षेत्र की भी बड़ी घोषणाएं शामिल हैं। अररिया-गलगलिया रेल लाइन का उद्घाटन किया जाएगा, जिस पर 4,410 करोड़ रुपये की लागत आई है। इसके अलावा जोगबनी-दानापुर वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत की जाएगी, जिससे सीमांचल के लोग अब पटना तक आसानी से और कम समय में पहुंच सकेंगे। साथ ही अररिया से अमृतसर और जोगबनी से इरोड तक अमृत भारत एक्सप्रेस भी शुरू की जाएगी। इन रेल परियोजनाओं से सीमांचल की जनता को बेहतर यात्रा सुविधा मिलेगी, साथ ही व्यापारियों और छात्रों के लिए भी नए अवसर खुलेंगे। स्थानीय उद्योगों के उत्पाद अब बड़े शहरों तक आसानी से पहुंच पाएंगे। इन परियोजनाओं से न केवल सीमांचल के लोगों को सुविधा होगी बल्कि बिहार की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
कोसी-मेची लिंक परियोजना से बाढ़ की समस्या का समाधान
सीमांचल हर साल बाढ़ की त्रासदी झेलता है। बाढ़ से किसानों की फसलें बर्बाद होती हैं और लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। प्रधानमंत्री मोदी इस दौरे में 2,680 करोड़ की लागत वाली कोसी-मेची लिंक परियोजना का शिलान्यास करेंगे। यह योजना गाद की समस्या को दूर करने और बाढ़ नियंत्रण में बेहद कारगर मानी जा रही है। इससे लाखों किसानों को सीधी राहत मिलेगी। कृषि उत्पादन बढ़ेगा और लोगों को बाढ़ से होने वाले नुकसान से छुटकारा मिलेगा। यह परियोजना बिहार के लिए ऐतिहासिक साबित हो सकती है क्योंकि यह न सिर्फ सीमांचल बल्कि पूरे कोसी इलाके की दशकों पुरानी समस्या को हल करेगी। विकास योजनाओं का यह पैकेज किसानों और ग्रामीणों के जीवन को बदलने में अहम योगदान देगा।

मखाना बोर्ड और ऊर्जा परियोजनाओं से नई दिशा
सीमांचल और मिथिलांचल मखाना उत्पादन के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध हैं। प्रधानमंत्री मोदी इस दौरे पर राष्ट्रीय मखाना बोर्ड की स्थापना की घोषणा करेंगे। इससे मखाना किसानों को बेहतर दाम मिलेगा, प्रोसेसिंग यूनिट्स लगेंगी और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में यह योजना बेहद अहम है। इसके साथ ही भागलपुर में 25,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल ताप विद्युत परियोजना का शिलान्यास भी किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट बिहार की बिजली जरूरतों को पूरा करेगा और उद्योगों को निरंतर ऊर्जा उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा 2,170 करोड़ की बिक्रमशिला कटारिया रेल लाइन से औद्योगिक गतिविधियों को बल मिलेगा। ये सभी योजनाएं सीमांचल और बिहार को नई पहचान देंगी और आने वाले चुनाव में बीजेपी के लिए बड़ी उम्मीद बन सकती हैं।
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