Monday, November 10, 2025

E20 फ्यूल विवाद पर नितिन गडकरी का बड़ा बयान: कहा- मेरे दिमाग की कीमत 200 करोड़ रुपये है

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Hemant Raushan
Hemant Raushan
Delhi-based content writer at The Rajdharma News, with 5+ years of UPSC CSE prep experience. I cover politics, society, and current affairs with a focus on depth, balance, and fact-based journalism.

Nitin Gadkari: केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में उठे E20 फ्यूल विवाद पर विपक्ष के आरोपों का जोरदार जवाब दिया है। नागपुर में एग्रीकोस वेलफेयर सोसाइटी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि उनकी सोच हमेशा किसानों के भले के लिए रही है। उन्होंने यह भी साफ किया कि उन्हें निजी लाभ से कोई लेना-देना नहीं है। गडकरी ने कहा, “मेरा भी एक परिवार और एक घर है। मैं कोई संत नहीं हूं, मैं एक नेता हूं। लेकिन जब तक किसान समृद्ध नहीं हो जाते, हमारी कोशिशें जारी रहेंगी।” उनका कहना है कि इथनॉल को लेकर चलाई जा रही नीति किसानों की आय बढ़ाने और पर्यावरण को बचाने का प्रयास है। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि राजनीतिक दल झूठे आरोप लगाकर किसानों के हित में चल रहे काम को बदनाम कर रहे हैं।

इथनॉल और E20 फ्यूल विवाद पर जवाब

नितिन गडकरी ने कार्यक्रम में विस्तार से बताया कि इथनॉल मिश्रित पेट्रोल यानी E20 फ्यूल देश के लिए कई तरह से फायदेमंद है। इसमें 80% पेट्रोल और 20% इथनॉल शामिल होता है, जो पर्यावरण के लिए अधिक सुरक्षित माना जाता है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार इस नीति के जरिए प्रदूषण घटाने और कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता कम करने की दिशा में काम कर रही है। हालांकि, इस नीति को लेकर सोशल मीडिया से लेकर विपक्षी पार्टियों तक, कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं। खासकर कांग्रेस ने आरोप लगाया कि गडकरी के परिवार को इसका सीधा फायदा मिल रहा है। गडकरी ने इन दावों को पूरी तरह गलत ठहराया और कहा कि E20 फ्यूल विवाद केवल अफवाहों और राजनीतिक मकसद से फैलाया जा रहा है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही इथनॉल-मुक्त पेट्रोल की मांग वाली याचिका खारिज कर चुका है।

“मेरे दिमाग की कीमत 200 करोड़ रुपये”

विपक्ष के लगातार आरोपों पर नितिन गडकरी ने सख्त प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि उनकी नीतियों को लेकर सवाल उठाना ठीक है, लेकिन यह कहना कि वह निजी लाभ के लिए काम कर रहे हैं, पूरी तरह गलत है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “आपको लगता है कि मैं पैसे के लिए ये सब कर रहा हूं? मैं ईमानदारी से कमाना जानता हूं। मैं कोई दलाल नहीं हूं। मेरा दिमाग ही 200 करोड़ रुपये का है, और मैं पैसों के लिए कभी नीचे नहीं गिरूंगा।” उनका यह बयान मीडिया और सोशल मीडिया दोनों में चर्चा का विषय बन गया। गडकरी का मानना है कि देश की ऊर्जा नीति को लेकर हो रही बहस जरूरी है, लेकिन इसे व्यक्तिगत आरोपों से जोड़ना किसानों और देश दोनों के लिए नुकसानदायक है।

बेटे के बिजनेस पर लगाए आरोपों का जवाब

E20 फ्यूल विवाद के बीच गडकरी के बेटे पर भी कई सवाल उठाए गए। विपक्ष ने कहा कि उनके बेटे के कारोबार को गडकरी की नीतियों से सीधा फायदा हो रहा है। इस पर गडकरी ने कहा कि उनका बेटा अपने दम पर कारोबार कर रहा है और इसमें किसी तरह की सरकारी मदद या पक्षपात शामिल नहीं है। उन्होंने विस्तार से उदाहरण देते हुए बताया, “मेरे बेटे ने हाल ही में ईरान से 800 कंटेनर सेब मंगाए और यहां से 1,000 कंटेनर केले भेजे। उसने गोवा से 300 कंटेनर मछलियां लेकर सर्बिया पहुंचाई। वह ऑस्ट्रेलिया में दूध पाउडर बनाने की फैक्ट्री भी चला रहा है और अबू धाबी समेत कई देशों में कंटेनर भेज रहा है।” गडकरी ने कहा कि उनका बेटा आईटीसी के साथ मिलकर 26 चावल मिलें भी चला रहा है। यह कारोबार पूरी तरह पारदर्शी है और इसका इथनॉल नीति से कोई संबंध नहीं है।

किसानों और पर्यावरण को मिलेगा लाभ

गडकरी ने अंत में कहा कि असली मुद्दा किसानों की समृद्धि और पर्यावरण की सुरक्षा है। E20 फ्यूल विवाद को लेकर भले ही राजनीतिक बहस चल रही हो, लेकिन हकीकत यह है कि इस नीति से देश का फायदा होगा। इथनॉल के इस्तेमाल से प्रदूषण कम होगा और विदेशी तेल पर निर्भरता घटेगी। इसके अलावा, गन्ना और अन्य फसलों की मांग बढ़ने से किसानों की आमदनी में इजाफा होगा। गडकरी ने याद दिलाया कि विदर्भ में हजारों किसानों ने आत्महत्या की है और यह बहुत शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि जब तक किसान आत्मनिर्भर और समृद्ध नहीं हो जाते, उनका संघर्ष जारी रहेगा। गडकरी का मानना है कि इस दिशा में उठाया गया हर कदम देश को मजबूत बनाएगा और आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित भविष्य देगा।

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