Sheikh Hasina:बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ दर्ज केस में 13 नवंबर को इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल फैसले की तारीख का ऐलान करेगा. शेख हसीना पर मानवता के खिलाफ अपराध और हत्या जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जो जुलाई 2024 में बांग्लादेश में हुए छात्र आंदोलन से जुड़े हुए हैं और इस आंदोलन में लगभग 1400 लोगों की मौत हुई थी.शेख हसीना पर आरोप है कि उन्होंने आंदोलन को दबाने के लिए सुरक्षा बलों का इस्तेमाल किया था.

बांग्लादेश में बढ़ा तनाव
फैसले की तारीख की घोषणा से पहले बांग्लादेश में तनाव बढ़ गया है, जिससे सुरक्षा व्यवस्था को हाई अलर्ट पर रखा गया है. सेना, पुलिस और अन्य सुरक्षाकर्मियों को देश के महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात किया गया है, ताकि किसी भी प्रकार के प्रदर्शन या बवाल को रोका जा सकें.

वहीं पूर्व पीएम शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग ने गुरुवार को पूरे देश में सुबह से शाम तक लॉकडाउन का एलान किया है और देश के लोगों से इसमें भाग लेने की अपील की है. आवामी लीग पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कई प्रतिबंध लगाए हैं, जिसके चलते पार्टी के नेता सोशल मीडिया पर देश के लोगों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं और ऑनलाइन कैंपेन चला रहे हैं.

बता दें कि बांग्लादेश की मोहम्मद युनूस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने आवामी लीग पर कई प्रकार का प्रतिबंध भी लगाया है और यही कारण है कि पार्टी के नेता सोशल मीडिया पर देश के लोगों से संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं और आनलाइन कैंपेन चला रहे हैं.

1400 लोगों की गई थी जान
पूर्व पीएम शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग ने गुरुवार को पूरे देश में सुबह से शाम तक लॉकडाउन का एलान किया है और देश के लोगों से इसमें भाग लेने की अपील की है.आवामी लीग पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कई प्रतिबंध लगाए हैं, जिसके चलते पार्टी के नेता सोशल मीडिया पर देश के लोगों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं और ऑनलाइन कैंपेन चला रहे हैं. जुलाई 2024 में छात्रों के नेतृत्व वाले विद्रोह ने शेख हसीना की सरकार को गिरा दिया, जिसमें लगभग 1400 लोग मारे गए थे. इसके बाद मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया.
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