Rajnath Singh: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका के साथ जारी टैरिफ विवाद पर स्पष्ट संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि भारत के लिए अपने नागरिकों का हित सबसे ऊपर है। टैरिफ वॉर के बीच राजनाथ सिंह ने यह भी साफ किया कि भारत किसी को दुश्मन नहीं मानता, लेकिन जनता का कल्याण सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, “हमारे किसानों, छोटे व्यापारियों और आम नागरिकों का भला हमारे लिए सर्वोपरि है। चाहे कितना भी दबाव बने, हम अपने नागरिकों के हितों से समझौता नहीं करेंगे।” इस बयान के जरिए उन्होंने अमेरिका को संकेत दिया कि भारत पर दबाव डालकर नीतियों को बदला नहीं जा सकता।

चीन के साथ रिश्तों पर दिया बड़ा बयान
राजनाथ सिंह ने अपने बयान में चीन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति में कोई स्थायी मित्र या स्थायी शत्रु नहीं होता। देश का हित ही सबसे बड़ा आधार है। ऐसे में भारत का किसी भी राष्ट्र से व्यक्तिगत बैर नहीं है। उन्होंने कहा, “हमारे लिए हमारे नागरिकों, किसानों, छोटे दुकानदारों और पशुपालकों का कल्याण सर्वोपरि है। चाहे कितना भी दबाव डाला जाए, भारत अपने लोगों के हित से समझौता नहीं करेगा।” इस बयान से उन्होंने न केवल अमेरिका को संदेश दिया, बल्कि चीन के साथ बढ़ते समीकरणों पर भी स्पष्टता दी।

दबाव में भारत और मजबूत होता है: राजनाथ सिंह
अमेरिका के टैरिफ दबाव पर जवाब देते हुए राजनाथ सिंह ने एक दिलचस्प उदाहरण भी दिया। उन्होंने कहा, “हम सब भू-विज्ञान में पढ़ते हैं कि जितना दबाव पड़ता है, उतनी ही चट्टान मजबूत होती जाती है। भारत पर जितना दबाव डाला जाएगा, भारत उतने ही मजबूत चट्टान के रूप में निखरकर सामने आएगा।” उनके इस बयान ने साफ कर दिया कि भारत दबाव की राजनीति से नहीं झुकेगा, बल्कि और अधिक आत्मनिर्भर और सशक्त बनेगा। रक्षा मंत्री ने यह भी जोड़ा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है और यही रणनीति आने वाले समय में देश को वैश्विक नेतृत्व की ओर ले जाएगी।

आत्मनिर्भरता से मजबूत होगी अर्थव्यवस्था और सुरक्षा
राजनाथ सिंह ने कहा कि मौजूदा वैश्विक हालात आत्मनिर्भरता की अहमियत को और बढ़ा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि महामारी, आतंकवाद और क्षेत्रीय संघर्षों ने दुनिया को सबसे अस्थिर दौर में धकेल दिया है। ऐसे समय में भारत के लिए आत्मनिर्भरता कोई विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “पहले आत्मनिर्भरता को एक विशेषाधिकार माना जाता था, लेकिन अब यह अस्तित्व और प्रगति के लिए जरूरी है।” रक्षा मंत्री ने दोहराया कि आत्मनिर्भर भारत न केवल आर्थिक मजबूती देगा बल्कि सुरक्षा के लिहाज से भी हमें बाहरी निर्भरता से मुक्त करेगा। इस तरह, अमेरिका के टैरिफ दबाव से निपटने का सबसे बड़ा हथियार आत्मनिर्भरता ही है।

दबाव की राजनीति नहीं चलेगी
राजनाथ सिंह का यह रुख साफ करता है कि भारत दबाव में आकर फैसले लेने वाला देश नहीं, बल्कि अपने दम पर खड़ा होकर आगे बढ़ने वाला राष्ट्र है। उन्होंने यह भी कहा कि आत्मनिर्भर भारत की नीति ही भविष्य में भारत को रणनीतिक स्वायत्तता और वैश्विक पहचान दिलाएगी। अमेरिका के टैरिफ दबाव के बीच यह बयान भारत की दृढ़ता और आत्मविश्वास को दर्शाता है।

राजनाथ सिंह का पूरा बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि भारत किसी भी वैश्विक दबाव में आने वाला नहीं है। अमेरिका के टैरिफ फैसलों और चीन की नीतियों पर उनकी प्रतिक्रिया भारत के संतुलित दृष्टिकोण को दिखाती है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का मानना है कि कोई भी प्रधानमंत्री, चाहे कितना भी दबाव हो, जनता के हित से समझौता नहीं कर सकता। उनका कहना था कि भारत की रणनीतिक स्थिति आज बदलते वैश्विक समीकरणों में और भी अहम हो गई है। ऐसे में आत्मनिर्भर भारत ही भविष्य का रास्ता है और यही हमें सुरक्षित और सक्षम बनाएगा।
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