Monday, August 25, 2025

130वां संविधान संशोधन विधेयक: जानिए कैसे पीएम और सीएम को हटाया जा सकेगा

Must read

Hemant Raushan
Hemant Raushan
Delhi-based content writer at The Rajdharma News, with 5+ years of UPSC CSE prep experience. I cover politics, society, and current affairs with a focus on depth, balance, and fact-based journalism.

New Delhi: केंद्र सरकार ने संसद में 130वां संविधान संशोधन विधेयक पेश किया, जिससे राजनीतिक हलकों में बड़ी हलचल मच गई है। इस विधेयक के तहत प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्री अगर किसी गंभीर अपराध में दोषी पाए जाते हैं और लगातार 30 दिन तक जेल या हिरासत में रहते हैं, तो उन्हें 31वें दिन से पद से हटा दिया जाएगा। अब तक ऐसा कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं था। इसलिए यह विधेयक नेताओं की जवाबदेही तय करने वाला कदम माना जा रहा है। हालांकि, इसकी राजनीति पर असर को लेकर बहस भी तेज हो गई है।

पीएम और मंत्रियों पर नए नियम लागू होंगे

संविधान के अनुच्छेद 75 में प्रधानमंत्री और उनकी मंत्रिपरिषद का उल्लेख है। अब 130वां संविधान संशोधन विधेयक कहता है कि यदि प्रधानमंत्री या कोई मंत्री 30 दिन लगातार जेल में रहेगा, तो उसका पद स्वतः समाप्त हो जाएगा। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की सलाह पर भी किसी मंत्री को हटा सकते हैं। अगर प्रधानमंत्री खुद आरोपों में जेल में रहें, तो उन्हें 31वें दिन तक इस्तीफा देना होगा, अन्यथा पद स्वतः समाप्त हो जाएगा। यह प्रावधान सरकार की कार्यप्रणाली पर बड़ा असर डाल सकता है।

राज्यों के मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों पर असर

संविधान का अनुच्छेद 164 राज्यों के मंत्रिपरिषद से जुड़ा है। संशोधन के अनुसार, यदि कोई मुख्यमंत्री या मंत्री 30 दिन जेल में रहता है, तो राज्यपाल उसकी स्थिति पर निर्णय लेंगे। मुख्यमंत्री की सलाह पर मंत्री को हटाया जाएगा, और यदि मुख्यमंत्री खुद जेल में हों, तो उन्हें भी पद छोड़ना होगा। अगर इस्तीफा नहीं दिया गया, तो 31वें दिन से उनका पद स्वतः खत्म हो जाएगा। इस प्रावधान के लागू होने से राज्यों में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

किन अपराधों पर लागू होंगे नए प्रावधान

यह संशोधन केवल सामान्य मामलों के लिए नहीं है, बल्कि गंभीर अपराधों पर लागू होगा। इसमें भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग या वे अपराध शामिल होंगे, जिनमें पांच साल या उससे अधिक की सजा का प्रावधान है। यदि किसी मंत्री या मुख्यमंत्री को ऐसे अपराध में जेल होती है, तो 30 दिन पूरे होने पर उसका पद छिन जाएगा। यही नियम प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों पर भी लागू होगा। इस तरह, 130वां संविधान संशोधन विधेयक नेताओं के लिए एक सख्त संदेश माना जा रहा है।

इस संशोधन की जरूरत हाल की राजनीतिक घटनाओं से भी जुड़ी है। अरविंद केजरीवाल शराब नीति मामले में 156 दिन तिहाड़ जेल में रहे, फिर भी उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया। वहीं, तमिलनाडु के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी करीब आठ महीने जेल में रहने के बावजूद मंत्री बने रहे। उन्हें पद छोड़ना पड़ा तो वह भी सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी के बाद। ऐसे उदाहरण बताते हैं कि नेताओं का पद पर बने रहना संवैधानिक और नैतिक संकट पैदा करता है।

पुनः पद पर लौटने की संभावना भी रहेगी

दिलचस्प बात यह है कि इस विधेयक में एक विकल्प भी रखा गया है। यदि कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री जेल से बाहर आता है और अदालत से राहत मिलती है, तो उसे दोबारा पद पर लाया जा सकता है। राष्ट्रपति या राज्यपाल उसे पुनः नियुक्त कर सकते हैं। यह प्रावधान इसलिए जोड़ा गया है ताकि न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने से पहले किसी को स्थायी रूप से अयोग्य न ठहराया जाए। हालांकि, इस पहलू पर भी राजनीतिक दलों में मतभेद है।

दिल्ली और केंद्र शासित प्रदेशों पर भी असर

नए संशोधन के प्रावधान दिल्ली और अन्य केंद्र शासित प्रदेशों पर भी लागू होंगे। अनुच्छेद 239AA के तहत दिल्ली की विधानसभा और मंत्रिपरिषद में भी यही नियम मान्य होंगे। यदि दिल्ली का कोई मंत्री या मुख्यमंत्री 30 दिन जेल में है, तो 31वें दिन उसका पद स्वतः समाप्त हो जाएगा। यही नियम जम्मू-कश्मीर समेत अन्य केंद्र शासित प्रदेशों पर भी लागू होंगे। इससे स्पष्ट है कि यह विधेयक केवल केंद्र या राज्यों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे देश की राजनीति को प्रभावित करेगा।

ये भी पढ़ें: Online Gaming Bill 2025: लोकसभा में पास, जानिए आपके पसंदीदा गेम पर क्या होगा असर?

- Advertisement - spot_img

More articles

- Advertisement - spot_img

Latest article