Sunday, December 7, 2025

पटना में दरोगा भर्ती परीक्षा को लेकर बवाल, प्रदर्शनकारियों पर पुलिस का लाठीचार्ज

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Hemant Raushan
Hemant Raushan
Delhi-based content writer at The Rajdharma News, with 5+ years of UPSC CSE prep experience. I cover politics, society, and current affairs with a focus on depth, balance, and fact-based journalism.

पटना: बिहार में दरोगा भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों का गुस्सा फूट पड़ा। राजधानी पटना की सड़कों पर सोमवार को हजारों अभ्यर्थियों ने मार्च निकाला और मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने पहुंचे। उनकी प्रमुख मांग थी कि विधानसभा चुनाव से पहले सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती की नई वैकेंसी जारी की जाए। प्रदर्शन के दौरान अभ्यर्थियों ने गांधी मैदान से लेकर जेपी गोलंबर तक हाथों में तिरंगा लेकर रैली की। लेकिन बैरिकेडिंग तोड़ने पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, जिससे हालात बिगड़ गए। लाठीचार्ज की तस्वीरें सामने आने के बाद विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए इसे युवाओं और तिरंगे का अपमान बताया।

अभ्यर्थियों की प्रमुख मांगें

पटना में दरोगा भर्ती को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कई अहम मुद्दे उठाए। उनका कहना था कि सरकार बेरोजगार युवाओं की आवाज़ को लगातार दबा रही है और अब उनकी सहनशीलता खत्म हो चुकी है। अगर जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो लाखों युवाओं का भविष्य अधर में लटक जाएगा। छात्रों का दावा है कि सरकार जानबूझकर भर्ती प्रक्रिया को टाल रही है ताकि चुनाव से पहले इस मुद्दे को दबाया जा सके।

  • प्रदर्शन के दौरान अभ्यर्थियों ने अपनी मांगें साफ-साफ रखीं:
  • जल्द वैकेंसी निकाली जाए: उम्मीदवारों ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले ही दरोगा भर्ती का नोटिफिकेशन जारी होना चाहिए।
  • आचार संहिता की चिंता: छात्रों का कहना है कि अगले 10 दिनों में आचार संहिता लागू हो सकती है, जिससे नई वैकेंसी पर रोक लग जाएगी।
  • भर्ती में पारदर्शिता: सिपाही भर्ती परीक्षा में उत्तर पुस्तिका की कार्बन कॉपी और आधिकारिक आंसर-की उपलब्ध नहीं कराई जाती, जिससे अभ्यर्थियों को संदेह होता है।
  • ज्यादा पदों पर भर्ती: हाल ही में केवल 28 पदों पर SI वैकेंसी निकाली गई, जबकि युवाओं की मांग है कि 23,600 से अधिक पदों पर भर्ती की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए।
  • रोजगार नीतियों में सुधार: प्रदर्शनकारियों ने बेरोजगारी को बड़ा मुद्दा बताते हुए सरकार से स्थायी भर्ती नीति की मांग की।

दरोगा भर्ती का मौजूदा हाल और छात्रों की नाराज़गी

दरअसल, हाल ही में बिहार पुलिस विभाग ने 28 पदों पर दरोगा भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया 27 फरवरी 2025 से शुरू होकर 27 मार्च 2025 तक चली। लेकिन बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों का कहना है कि यह वैकेंसी उनकी अपेक्षाओं से बहुत कम है। छात्रों का तर्क है कि राज्य में 23,600 पदों पर नई भर्ती की संभावनाएं पहले बताई गई थीं, लेकिन अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। यही वजह है कि बड़ी संख्या में उम्मीदवार पटना की सड़कों पर उतर आए और सरकार से स्पष्ट जवाब की मांग करने लगे।

STET और TRE परीक्षाओं को लेकर भी विवाद

यह विरोध सिर्फ पुलिस भर्ती तक सीमित नहीं रहा। हाल ही में अभ्यर्थियों ने STET (शिक्षक पात्रता परीक्षा) और TRE (शिक्षक भर्ती परीक्षा) को लेकर भी हंगामा किया था। सरकार ने घोषणा की है कि STET परीक्षा 2026 में आयोजित की जाएगी, जबकि इस साल TRE-4 परीक्षा होगी। छात्रों का कहना है कि अगर STET परीक्षा पहले नहीं कराई गई तो बहुत से उम्मीदवार TRE-4 भर्ती में शामिल नहीं हो पाएंगे। सरकार ने यह आश्वासन दिया है कि STET, TRE-5 से पहले जरूर होगी। लेकिन प्रदर्शनकारियों को लगता है कि इससे हजारों युवाओं का कैरियर प्रभावित होगा।

सरकार पर विपक्ष का हमला

इस घटना ने बिहार की राजनीति को और गरमा दिया है। राजद और कांग्रेस दोनों ने नीतीश सरकार पर सीधा हमला बोला है। राजद ने कहा कि तिरंगे के डंडे से छात्रों की पिटाई राष्ट्रीय ध्वज का अपमान है और यह सरकार की संवेदनहीनता को दिखाता है। कांग्रेस नेताओं ने बेरोजगारी के मुद्दे को आने वाले चुनाव में प्रमुख एजेंडा बनाने का संकेत दिया है। विपक्ष का कहना है कि सरकार युवाओं की आवाज़ को कुचलना चाहती है, लेकिन आंदोलन और तेज होगा। दूसरी ओर, सरकार का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से चल रही है और जल्द ही नई भर्तियों का नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। हालांकि, छात्रों का भरोसा सरकार पर अब डगमगाता नजर आ रहा है।

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