Putin:रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को तेरी तौर से चेतावनी देते हुए कहा है कि भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उलझना मुश्किल साबित हो सकता है. उन्होंने कहा कि भारतीय लोग कभी भी अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे और भारत झुकने वाला नहीं है. पुतिन ने कहा कि अमेरिका भारत पर रूसी तेल खरीदने का दबाव मत डालो. इसी दौरान पुतिन ने यूरोप यूरोप पर सैन्य खर्च के नाम पर उन्माद भड़काने का आरोप लगाया है.

पुतिन ने की पीएम मोदी की तारीफ
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जमकर तारीफ की और रूस के राष्ट्रपति ने कहा कि पीएम मोदी हमेशा अपने देश के बारे में सबसे पहले सोचते हैं और वह सबसे बुद्धिमान नेता हैं. बता दें कि पुतिन हाल ही में वल्दाई डिस्कशन क्लब के पूर्व सत्र पर बोल रहे थे और इसी दौरान उन्होंने रूस और भारत की दोस्ती पर प्रकाश डाला.

पुतिन ने आगे कहा कि मेरा यह मानना है कि भारत और रूस के लोगों और दोनों देशों के बीच गहरे संबंध को नहीं बोल सकते हैं. उन्होंने कहा लगभग 15 साल पहले हमने एक विशेष रणनीति साझेदारी की घोषणा की थी और यह सबसे अच्छा वर्णन है. पीएम मोदी एक बहुत बुद्धिमान नेता हैं जो सबसे पहले अपने देश के बारे में सोचते हैं.
रूसी राष्ट्रपति आएंगे भारत
रूस के राष्ट्रपति ने यह बयान ऐसे समय पर दिया है जब इस साल के खत्म होने तक वह भारत आने वाले हैं. बता दें कि राष्ट्रपति पुतिन की यात्रा से पहले रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के भी शिखर सम्मेलन की तैयारी और द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा के लिए भारत आने की सम्भावना है.

वहीं वल्दाई डिस्कशन क्लब में भारतीय आयातों पर अमेरिकी टैरिफ के मुद्दे पर बोलते हुए रूस के राष्ट्रपति ने कहा कि अगर भारत रूसी तेल खरीदना बंद कर देता है तो उसे 9 से 10 अरब डॉलर कार्तिक नुकसान हो सकता है. वहीं उन्होंने विश्वास के साथ कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी भी विदेशी दबाव के आगे नहीं झुकेंगे और उन्होंने भारत की गरिमा और रणनीति स्वायत्तता का भी समर्थन किया है.
आगे रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि यह मामला राजनीतिक नहीं है, बल्कि आर्थिक गणना का है. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या भारत को रूसी ऊर्जा संसाधनों को छोड़ देना चाहिए? अगर ऐसा होता है, तो भारत को आर्थिक नुकसान हो सकता है, जिसकी अनुमानित कीमत 9-10 अरब डॉलर हो सकती है. पुतिन ने कहा कि अगर भारत रूसी ऊर्जा संसाधनों का उपयोग जारी रखता है, तो उसे कोई नुकसान नहीं होगा, लेकिन अगर वह ऐसा नहीं करता है और प्रतिबंध लगाए जाते हैं, तो भी नुकसान उतना ही होगा.
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