New Delhi: रूस और यूक्रेन के बीच जंग अब भी जारी है। ऐसे समय में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से टेलीफोन पर बातचीत की। यह कॉल इसलिए भी खास मानी जा रही है क्योंकि जल्द ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा संभव है। जेलेंस्की ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर खुद यह जानकारी साझा करते हुए बताया कि उनकी पीएम मोदी से लंबी और सार्थक चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने आपसी सहयोग से लेकर वैश्विक कूटनीति तक कई विषयों पर विचार-विमर्श किया।

पीएम मोदी ने दोहराई भारत की शांति नीति
पीएम मोदी ने भी एक्स पर पोस्ट करते हुए इस बातचीत की पुष्टि की। उन्होंने लिखा कि राष्ट्रपति जेलेंस्की से हाल के घटनाक्रमों पर चर्चा करना और उनके विचार जानना सुखद रहा। मोदी ने साफ किया कि भारत, रूस-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करता है और इसके लिए हर संभव योगदान देने को तैयार है। यह बयान भारत की लंबे समय से चली आ रही तटस्थ और संवाद-प्रधान विदेश नीति को एक बार फिर मजबूत करता है।
रूस पर हमलों का आरोप और युद्ध की स्थिति
जेलेंस्की ने पीएम मोदी को बताया कि रूस लगातार यूक्रेन के शहरों और गांवों पर हमले कर रहा है। उन्होंने खासतौर पर जापोरिज्जिया में बस स्टेशन पर हुए हमले का जिक्र किया, जिसमें कई लोग घायल हुए। उनका कहना था कि रूस जानबूझकर सार्वजनिक स्थानों को निशाना बना रहा है, जबकि दुनिया में युद्ध समाप्त करने की उम्मीद की किरण मौजूद है। इस बिंदु पर जेलेंस्की ने भारत से अपने शांति प्रयासों में सहयोग बढ़ाने की अपील की।
यूक्रेन का भारत से समर्थन का आग्रह
बातचीत के दौरान जेलेंस्की ने जोर दिया कि यूक्रेन से जुड़ा हर फैसला उसकी भागीदारी के साथ ही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी अन्य प्रारूप से स्थायी समाधान संभव नहीं है। इस दौरान रूस पर आर्थिक प्रतिबंधों और ऊर्जा निर्यात को सीमित करने पर भी चर्चा हुई। जेलेंस्की का मानना है कि यदि रूस के तेल और ऊर्जा निर्यात पर रोक लगे, तो युद्ध को जारी रखने की उसकी क्षमता कम हो जाएगी। इस संदर्भ में उन्होंने भारत जैसे प्रभावशाली देशों से ठोस संदेश भेजने की आवश्यकता बताई।

अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम के बीच बढ़ी अहमियत
जेलेंस्की-मोदी वार्ता ऐसे समय में हुई है जब पुतिन और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यूएई में मुलाकात की संभावना है। इसके अलावा पुतिन के भारत दौरे पर भी चर्चा हो रही है। भारत और रूस के बीच तेल व्यापार पर अमेरिका की नाखुशी और ‘टैरिफ बम’ जैसे हालिया घटनाक्रमों ने माहौल को और संवेदनशील बना दिया है। ऐसे में जेलेंस्की की यह कॉल वैश्विक कूटनीति में भारत की भूमिका को और महत्वपूर्ण बना देती है।

भविष्य की मुलाकात और सहयोग के संकेत
दोनों नेताओं ने सितंबर 2025 में अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान मुलाकात करने की योजना भी बनाई है। साथ ही द्विपक्षीय यात्राओं और सहयोग के नए अवसरों पर काम करने का भी इरादा जताया। यूक्रेन ने भारत की ओर से शांति वार्ता में मिल रहे समर्थन को महत्वपूर्ण बताया। यह कॉल एक संकेत है कि युद्ध की जटिल परिस्थितियों में भी संवाद और कूटनीति से आगे बढ़ने का रास्ता खोजा जा सकता है।

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