Waqf Bill:वक्फ बोर्ड संशोधन कानून 2025 के लागू होने के बाद से ही लगातार हंगामा मचा हुआ है. मुस्लिम समर्थक संगठन तथा राजनैतिक दल अब लगातार इन कानून कों सुप्रीम कोर्ट मे चुनौती दे रहें है. AIMIM के बाद अब DMK पार्टी ने भी इन कानून कों सुप्रीम कोर्ट मे चुनौती दे दी है.

वक्फ बोर्ड संशोधन कानून से मुस्लिमों के अधिकारों का उलंघन: DMK
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) पार्टी मे सोमवार कों इस कानून कों चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट के कहा कि यह कानून तमिलनाडु के लगभग 50 लाख मुसलमानों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है, साथ ही पूरे देश के करीब 20 करोड़ मुसलमानों के मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन करता है. आपको बता दे की कानून बनने के बाद से ही सुप्रीम कोर्ट मे कानून पर रोक लगाने की याचिकाए लगातार दायर की जा रही है सभी याचिकायों के एक बात सामान्य है कि यह कानून मुस्लिमों के धार्मिक स्वतंत्रता कों समाप्त करने कि एक साजिस है.तथा कोर्ट मे यह मांग कि जा रही है कि इसे असंवैधानिक घोषित करें.

कानून के विरोध मे कौन-कौन है?
कानून के विरोध मे ज्यादातर मुस्लिम संगठन तथा कुछ राजनैतिक दल भी है. तथा यह संख्या लगातार बढ़ रही है. आपको बता दे कि सर्वोच्च न्यायलय मे अब तक याचिका डालने मे AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैस,कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद,आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान, तथा इस्लामिक संगठन जैसे जमीयत उलेमा-ए-हिंद, एसोसिएशन फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स, केरल जमीयतुल उलेमा, इंडियन मुस्लिम लीग जैसी संस्थाए सर्वोच्च न्यायलय मे लगातार इस कानून कों रोकने की माँग कर रही है. संगठनों के मुखिया लगातार इसका विरोध कर रहें है.

बिल लोकसभा मे बहुत से पास होने के बाद बना कानून
वक्फ बोर्ड संशोधन कानून 2025 कों संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा पेश किए गया था.इन विधेयकों को 288 वोटों के समर्थन और 232 विरोधी वोटों के साथ मंजूरी मिली.अब यह विधेयक राज्यसभा में भेजा जाएगा, जहां इस पर और चर्चा होगी. वक्फ अधिनियम, 1995 में लगभग 40 संशोधनों का प्रस्ताव रखा गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को आधुनिक बनाना, कानूनी विवादों को कम करना और पारदर्शिता लाना है. यह संशोधन वक्फ बोर्डों की शक्तियों और जिम्मेदारियों को भी स्पष्ट करेगा, जिससे वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित हो सके.

पीएम मोदी बता चुके है कानून कों ऐतिहासिक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वक्फ (संशोधन) विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक के संसद के दोनों सदनों में पारित होने को एक ऐतिहासिक क्षण बताया है .उन्होंने कहा कि यह कदम सामाजिक-आर्थिक न्याय, पारदर्शिता और समावेशी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि संसद से पारित कानून पारदर्शिता को बढ़ावा देंगे और लोगों के अधिकारों की रक्षा भी करेंगे. इस विधेयक के पारित होने से वक्फ प्रणाली में सुधार और पारदर्शिता लाने में मदद मिलेगी. यह विधेयक वक्फ की स्थापना, सर्वेक्षण, और प्रबंधन के लिए नए नियम बनाता है. इसके अलावा, यह विधेयक वक्फ बोर्डों की संरचना और कार्यों को भी सुधारने का प्रयास करता है.
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