Waqf Bill: लोकसभा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए आखिरकार वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 और मुसलमान वक्फ (रिपील) विधेयक, 2024 को गुरुवार को रात 1:56 मिनट पर पारित कर दिया गया. यह फैसला लगभग 12 घंटे तक चली तीखी बहस और विपक्ष के जमकर हंगामे के बाद आया.
लोकसभा में पास हुआ Waqf Bill
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा पेश किए गए इन विधेयकों को 288 वोटों के समर्थन और 232 विरोधी वोटों के साथ मंजूरी मिली.अब यह विधेयक राज्यसभा में भेजा जाएगा, जहां इस पर और चर्चा होगी.

वक्फ अधिनियम, 1995 में लगभग 40 संशोधनों का प्रस्ताव रखा गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को आधुनिक बनाना, कानूनी विवादों को कम करना और पारदर्शिता लाना है. यह संशोधन वक्फ बोर्डों की शक्तियों और जिम्मेदारियों को भी स्पष्ट करेगा, जिससे वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित हो सके.
अक्सर विवादों में रहता है वक्फ बिल
देश में वक्फ संपत्तियों को लेकर अक्सर विवाद होते रहे हैं. इसके चलते कानूनी लड़ाई और सामुदायिक चिंता भी बनी हुई है. बता दें कि हाल ही में, सरकार ने बताया कि सितंबर 2024 के आंकड़ों के अनुसार, 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वक्फ बोर्डों में 5973 सरकारी संपत्तियों को वक्फ संपत्ति घोषित किया गया है. यह एक बड़ा मुद्दा है, जिस पर केन्द्र सरकार के पास भी लगातार शिकायतें पहुंची हैं.

वक्फ संपत्तियों के मुद्दे पर अक्सर विवाद होते हैं, क्योंकि इसमें संपत्ति के मालिकाना हक और प्रबंधन के मुद्दे शामिल होते हैं. सरकार के अनुसार, 5973 सरकारी संपत्तियों को वक्फ संपत्ति घोषित करने से इन संपत्तियों के प्रबंधन और रखरखाव में सुधार हो सकता है.लेकिन इसके लिए जरूरी है कि सरकार और वक्फ बोर्ड मिलकर काम करें और इन संपत्तियों के प्रबंधन के लिए एक पारदर्शी और जवाबदेह प्रणाली बनाएं.
विपक्ष ने जमकर किया विरोध
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 पर लोकसभा में हुई वोटिंग में विपक्ष के सभी संशोधनों को खारिज कर दिया गया.रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के सदस्य एन.के. प्रेमचंद्रन द्वारा प्रस्तुत एक संशोधन पर मत विभाजन हुआ, जिसमें उनका संशोधन 231 के मुकाबले 288 मतों से अस्वीकृत हो गया. इसके अलावा, विपक्ष के अन्य सभी संशोधनों को सदन ने ध्वनिमत से खारिज कर दिया.

इस दौरान, सरकार की ओर से पेश तीन संशोधनों को सदन की स्वीकृति मिली और विधेयक में खंड 4ए तथा 15ए जोड़े गए. यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार और पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से प्रस्तावित किया गया है. वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति और “वक्फ बाय यूजर” की परिभाषा को हटाने जैसे प्रावधानों को शामिल किया गया है.
विधेयक पर मतदान के दौरान, सदन के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लोकसभा में मौजूद नहीं थे. यह विधेयक अब राज्यसभा में भेजा जाएगा, जहां इस पर और चर्चा होगी.
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