Sunday, August 10, 2025

Trump Traffic के पीछे क्या है असली कारण? सिर्फ रूसी तेल या है कोई और वज़ह….?

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Trump Traffic:अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगा दिया है और यह 7 अगस्त से लागू किया जा चुका है. इसके बाद भी ट्रंप ने इस टैरिफ को बढ़ाकर 50% करने की चेतावनी दी है और यह भी कहा है कि यह 27 अगस्त तक भारत मे प्रभावी कर दिया जाएगा. वहीं इस टैरिफ वार के पीछे भारत द्वारा रूसी तेल खरीदना बताया जा रहा है.

Trump Traffic (photo creadit -google)

अब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के खिलाफ सख्त रूख अपनाते हुए यह कह दिया है कि जब तक टैरिफ को लेकर पूरा मामला नहीं सुलझता है तब तक वह कोई भी बातचीत नहीं करेंगे.अमेरिका का यह बयान ऐसे समय में दिया गया जब अमेरिकी टीम व्यापार के बातचीत के लिए भारत आने वाली है. वहीं ऐसे में यह साफ नज़र आ रहा है कि अमेरिका सभी तरीके से भारत पर दबाव डालने की कोशिश कर रहा है जिससे भारत दबाव में आकर अमेरिका के शर्तों को स्वीकार कर लें.

क्या चाहते हैं भारत से ट्रंप?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर‌ 50% टैरिफ लगा दिया है जिसमें दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ गया है और ट्रंप का कहना है कि जब तक टैरिफ विवाद सुलझ नहीं जाता तब तक भारत अमेरिकी कृषि उत्पादों और डेयरी उत्पादों पर‌ टैरिफ कम करें जिससे अमेरिकी उत्पादों को भारतीय बाजार में प्रवेश मिल सके.

Trump Traffic (photo creadit -google)

रूस का तेल तो ठीक है लेकिन ट्रंप यह भी चाहते हैं कि भारत अमेरिकी कृषि उत्पाद और डेयरी प्रोडक्ट्स पर टैरिफ कम करें जिससे भारत जैसे बड़े मार्केट में अमेरिका इन प्रोडक्ट्स को एंट्री दिला सके लेकिन भारत इन सेक्टरों को ज्यादा प्राथमिकता देता है और एक्सपर्ट्स की मानें तो अगर भारत इन सेक्टर्स को अमेरिका के लिए खोलना है तो किसानों की आय पर असर होता है जिसे लेकर भारत समझौता नहीं करना चाहता है.

Trump Traffic (photo creadit -google)

वहीं अमेरिका एग्री डेयरी प्रोडक्ट्स के लिए टैरिफ 100% कम करने की मांग कर रहे है. इसके अलावा अमेरिका यह भी चाहता है कि भारत रूसी तेल इम्पोर्ट को कम करे और अमेरिका से ज़्यादा तेल का आयात करे. जबकि भारत को अमेरिका की तुलना से सस्ता तेल रूस से मिल रहा है. अमेरिकी डालर दुनियाभर में इस्तेमाल की जाने वाली करेंसी है और बीते आठ दशक यानी 1944 से ही अमेरिका डालर का इस्तेमाल सभी देश व्यापार के लिए कर रहे हैं. दुनियाभर से सेंट्रल बैंक डालर का रिजर्व रखते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक 90 % विदेशी मुद्रा लेन-देन डालर में ही होती है. लेकिन ब्रिक्स देशों ने इन पर निर्भरता कम करने के लिए उदम उठाये जिसे लेकर ट्रंप बौखला गए हैं.

Trump Traffic (photo creadit -google)

भारत रूस से कितना तेल आयात करता है?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इसलिए मैं ब्रिक्स देशों से डरे हुए हैं क्योंकि इस संगठन के देश मिलकर वर्ल्ड इकोनामी में 35 % का योगदान देते हैं और ऐसे में अगर इन दोनों ने अमेरिका और डालर का विरोध किया तो अमेरिका के सुपरपावर बने रहने का पोजिशन छिन सकता है और इसके साथ ही डालर वर्ल्ड करेंसी से हट सकता है. साल 2022 में भारत ने रूसी तेल का आयात बढ़ाया है और भारत अभी रूस से हर दिन 1.7 से 2.2 मिलियन बैरल तक रूसी तेल आयात करता है और भारत रूसी तेल करीब 37% हिस्सा आयात करता है वहीं सबसे ज्यादा चीन रूसी तेल खरीद रहा है और साल 2024 में भारत ने रूस से 4.1 लाख करोड़ रुपए का कच्चा तेल आयात किया है.

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