Tuesday, August 26, 2025

“ट्रंप को मोदी का करारा जवाब: शुद्ध घी से दिया ‘वोकल फॉर लोकल’ का संदेश”

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Hemant Raushan
Hemant Raushan
Delhi-based content writer at The Rajdharma News, with 5+ years of UPSC CSE prep experience. I cover politics, society, and current affairs with a focus on depth, balance, and fact-based journalism.

PM Modi: 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘वोकल फॉर लोकल’ को समृद्ध भारत का मंत्र बताया। उन्होंने कहा कि 140 करोड़ देशवासियों का आज एक ही संकल्प होना चाहिए—आत्मनिर्भर भारत। उनका मानना है कि जैसे आजादी अनगिनत बलिदानों से मिली, वैसे ही करोड़ों लोगों के संयुक्त प्रयास से भारत आर्थिक रूप से भी स्वतंत्र और मजबूत बन सकता है। मोदी ने कहा कि यह पीढ़ी केवल उपभोक्ता न बने, बल्कि अपने स्थानीय उद्योगों और उत्पादों को अपनाकर उन्हें वैश्विक मंच पर पहुंचाए।

अमेरिकी दबाव पर सधा हुआ संदेश

हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को व्यापार युद्ध की धमकी दी थी। पीएम मोदी ने बिना नाम लिए इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ‘वोकल फॉर लोकल’ ही भारत की मजबूती का रास्ता है। उन्होंने साफ किया कि स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना न तो किसी के खिलाफ कदम है और न ही सिर्फ आर्थिक नीति, बल्कि यह आत्मसम्मान का विषय है। मोदी ने कहा कि जब हम अपने संसाधनों और उत्पादों पर भरोसा करेंगे, तो कोई भी बाहरी दबाव हमारी प्रगति को रोक नहीं पाएगा।

शुद्ध घी का उदाहरण और स्थानीयता का महत्व

मोदी ने छोटे व्यापारियों और स्थानीय उद्यमियों को संबोधित करते हुए शुद्ध घी का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि जैसे शुद्ध घी अपनी गुणवत्ता, स्वाद और पहचान के लिए जाना जाता है, वैसे ही देशी उत्पाद हमारी संस्कृति और परंपरा के प्रतीक हैं। उन्होंने दुकानदारों से अपील की कि वे गर्व से स्वदेशी माल बेचें और उसका प्रचार मजबूरी नहीं, बल्कि मजबूती के साथ करें। उनके अनुसार, यह सोच देश की आर्थिक नींव को मजबूत करेगी और स्थानीय कारोबारियों को सीधी मजबूती देगी।

रक्षा और तकनीक में आत्मनिर्भरता

प्रधानमंत्री ने युवाओं, वैज्ञानिकों और इंजीनियरों से आग्रह किया कि भारत के पास अपने ‘मेड इन इंडिया’ जेट इंजन और आधुनिक हथियार प्रणालियां होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ‘मेड इन इंडिया’ हथियारों और तकनीक ने दुश्मन को अचंभित कर दिया। मोदी ने कहा कि अगर भारत आत्मनिर्भर न होता, तो शायद ऐसे निर्णायक कदम उठाना मुश्किल होता। यही कारण है कि पिछले 10 वर्षों में रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को प्राथमिकता दी गई और अब उसके नतीजे साफ नजर आ रहे हैं।

सेमीकंडक्टर और ऊर्जा क्षेत्र में प्रगति

अपने भाषण में पीएम मोदी ने सेमीकंडक्टर उद्योग का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि 50-60 साल पहले जिस विचार को अमल में लाने में देरी हुई, अब वह मिशन मोड में आगे बढ़ रहा है। इस साल के अंत तक भारत में बने सेमीकंडक्टर चिप्स बाजार में आ जाएंगे। मोदी ने कहा कि कभी भारत में सेमीकंडक्टर के विचार की भ्रूण हत्या कर दी गई थी, लेकिन आज हालात बदल रहे हैं। उन्होंने इशारों-इशारों में अमेरिका और चीन का जिक्र करते हुए कहा कि दुनिया में कई देश सेमीकंडक्टर के दम पर ताकत दिखा रहे हैं, जबकि अमेरिका और चीन इस क्षेत्र में सीधी प्रतिस्पर्धा में हैं।

ऐसे समय में भारत में भी तेजी से सेमीकंडक्टर के नए कारखाने लग रहे हैं, जो न केवल तकनीकी आत्मनिर्भरता बढ़ाएंगे बल्कि भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक सप्लाई चेन में अहम स्थान दिलाएंगे। साथ ही, मोदी ने समुद्र मंथन योजना के तहत समुद्री क्षेत्रों में तेल और गैस के भंडार की खोज के प्रयासों का भी उल्लेख किया। उनका मानना है कि इन पहलों से न केवल ऊर्जा सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि रोजगार और निवेश के नए अवसर भी पैदा होंगे।

आत्मनिर्भरता: आर्थिक और मानसिक स्वतंत्रता

मोदी ने कहा कि किसी राष्ट्र का आत्मसम्मान उसकी आत्मनिर्भरता से मापा जाता है। जो देश जरूरत से ज्यादा दूसरों पर निर्भर रहते हैं, उनकी स्वतंत्रता खतरे में पड़ जाती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आत्मनिर्भरता केवल रुपये-डॉलर या आयात-निर्यात तक सीमित नहीं, बल्कि यह मानसिक ताकत का भी प्रतीक है। उनका संदेश था कि भारत को हर क्षेत्र में अपने सामर्थ्य को बनाए रखना और बढ़ाना होगा, ताकि आने वाली पीढ़ियां एक मजबूत, आत्मनिर्भर और सम्मानित राष्ट्र में सांस लें।

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