Alaska Meeting News: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात अलास्का में हुई। यह बैठक तीन घंटे से अधिक समय तक चली और पूरी तरह बंद कमरे में रखी गई। मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की, लेकिन वह केवल 12 मिनट की रही। इसके बावजूद इस दौरान कई अहम मुद्दों पर हुई बातचीत का संकेत मिला। ट्रंप का बदला रुख इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ झलक रहा था। उन्होंने माना कि कुछ मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई, लेकिन उन्होंने बातचीत को सकारात्मक करार दिया और आगे भी संपर्क बनाए रखने की बात कही।

रूस से तेल खरीद पर नरम हुए तेवर
पुतिन से मुलाकात से पहले ट्रंप लगातार रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर दबाव बना रहे थे। उन्होंने यहां तक कहा था कि भारत रूस की आर्थिक मदद कर रहा है और इस वजह से यूक्रेन युद्ध को बढ़ावा मिल रहा है। ट्रंप ने तो टैरिफ और प्रतिबंध लगाने की चेतावनी भी दे दी थी। लेकिन मुलाकात के बाद उनका रुख बदला नजर आया। ट्रंप ने कहा कि फिलहाल उन्हें रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर टैरिफ लगाने के बारे में सोचने की जरूरत नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि दो या तीन हफ्तों में उन्हें इस पर फैसला करना पड़ सकता है। इससे साफ हुआ कि ट्रंप अब हालात को संतुलित करने की कोशिश कर रहे हैं।

सौदा तभी जब सच में सौदा हो
प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने एक अहम बयान दिया—“जब तक समझौता नहीं होता, तब तक कोई समझौता नहीं होता।” उनके इस बयान से साफ झलकता है कि वह अधूरे या जल्दबाजी वाले किसी सौदे के पक्ष में नहीं हैं। ट्रंप ने माना कि कई बड़े मुद्दे अब भी सुलझे नहीं हैं, लेकिन उन्होंने प्रगति की बात भी मानी। साथ ही उन्होंने यह भरोसा दिलाया कि नाटो नेताओं और अन्य वैश्विक सहयोगियों को बैठक की पूरी जानकारी दी जाएगी। यह बयान दिखाता है कि ट्रंप अब ज्यादा सोच-समझकर आगे बढ़ना चाहते हैं।

पुतिन के साथ रिश्तों पर सफाई
ट्रंप ने पुतिन के साथ अपने रिश्तों पर भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि उनका और पुतिन का रिश्ता हमेशा अच्छा रहा है। हालांकि 2016 के अमेरिकी चुनाव में रूस के दखल की जांच ने इन रिश्तों पर असर डाला था। ट्रंप ने माना कि दोनों नेताओं के बीच कभी कठिन तो कभी सकारात्मक बातचीत हुई है। अलास्का की बैठक को उन्होंने सार्थक करार दिया और कहा कि यह बातचीत आगे के लिए अहम साबित हो सकती है। यहां भी ट्रंप का बदला रुख नजर आया क्योंकि पहले जहां उनका रुख टकराव वाला था, वहीं अब वह रिश्तों को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश करते दिखे।

नाटो और जेलेंस्की से संपर्क की तैयारी
मुलाकात के बाद ट्रंप ने कहा कि अब उन्हें कई देशों के नेताओं को फोन करना है। इनमें नाटो के नेता और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि वह इन नेताओं को बैठक में हुई बातचीत की पूरी जानकारी देंगे। ट्रंप का यह बयान दिखाता है कि वह सहयोगियों को भरोसे में लिए बिना कोई कदम नहीं उठाना चाहते। इससे संकेत मिलता है कि अमेरिका आने वाले दिनों में रूस से तेल खरीद और युद्ध जैसे मुद्दों पर अपने साझेदार देशों के साथ साझा रणनीति बना सकता है।

सीजफायर की कोशिश और अगली मुलाकात
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को तीन साल से अधिक हो चुके हैं। ट्रंप ने इस युद्ध को खत्म करने के लिए सीजफायर पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी पुतिन के साथ बातचीत सकारात्मक रही और आगे भी इसे बढ़ाया जाएगा। वहीं पुतिन ने अगली बैठक रूस की राजधानी मॉस्को में करने का प्रस्ताव रखा है। इससे संकेत मिलता है कि दोनों नेता संवाद जारी रखने के इच्छुक हैं। ट्रंप का बदला रुख यहां भी साफ दिखा क्योंकि अब वह टकराव से ज्यादा समाधान की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। आने वाले दिनों में यह मुलाकात वैश्विक राजनीति और ऊर्जा बाजार दोनों के लिए अहम साबित हो सकती है।

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