Trump Tariff News: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के खिलाफ बड़ा व्यापारिक कदम उठाते हुए भारतीय वस्तुओं पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की है। यह शुल्क 27 अगस्त से प्रभावी होगा, जिससे कुल टैरिफ दर 50% तक पहुंच जाएगी। दिलचस्प बात ये है कि ट्रंप पहले ही 7 अगस्त से 25% शुल्क लागू करने की घोषणा कर चुके थे, और अब यह नई घोषणा भारत के लिए और बड़ा झटका बन गई है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि भारत रूस से कच्चे तेल की खरीद कर रहा है, जिससे अमेरिकी नीतियों को चोट पहुंच रही है। इसी को आधार बनाकर भारत पर अतिरिक्त शुल्क लगाया गया है, जिससे भारतीय निर्यातकों की चिंता बढ़ गई है।

58% शुल्क के बाद भारतीय फुटवियर और टेक्सटाइल सेक्टर संकट में
टैरिफ बढ़ने का सबसे ज्यादा असर फुटवियर उद्योग पर पड़ेगा। जहां पहले 8% शुल्क लगता था, अब अमेरिका में भारतीय फुटवियर पर 58% शुल्क लगेगा। निर्यातकों का कहना है कि इस स्थिति में ब्राजील, वियतनाम और चीन जैसे देशों से मुकाबला करना लगभग असंभव हो जाएगा। ट्रंप ने चीन पर सिर्फ 30% शुल्क लगाया है, जबकि भारत पर 50%। इसके अलावा, अमेरिका अब चीन के साथ व्यापार समझौते की बात भी कर रहा है। इससे अमेरिकी खरीदार फिर से चीन की ओर लौट सकते हैं, और भारत की प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति कमजोर हो जाएगी।

अमेरिकी बाजार से बाहर हो सकता है भारत, निर्यात में भारी गिरावट का खतरा
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) का अनुमान है कि 25% शुल्क लगने से ही भारत के निर्यात में $25 अरब तक की गिरावट आ सकती है। अब जब कुल शुल्क 50% हो चुका है, तो अमेरिका का बाजार भारत के लिए लगभग अप्रवेश्य बनता जा रहा है। बीते कुछ महीनों में जब टैरिफ केवल 10% था, तब भारत से अमेरिका को खिलौने, ज्वैलरी, अपैरल, केमिकल्स जैसे प्रोडक्ट्स की खरीद में 22% की वृद्धि दर्ज की गई थी। अब यही सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे, जिससे निर्यात पर सीधा असर पड़ेगा।

उद्योग संगठनों की अपील: सरकार दे राहत, टैरिफ से निकले रास्ता
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस (FIEO) के चेयरमैन एस. सी. रल्हन ने कहा कि पहले भारत का टैरिफ चीन के 30% से कम था, जिससे थोड़ी उम्मीद थी। लेकिन अब 50% शुल्क के बाद भारत की प्रतिस्पर्धा खत्म हो गई है। उन्होंने सरकार से वित्तीय राहत पैकेज की मांग की है। कनफेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज़ के पूर्व चेयरमैन संजय जैन के मुताबिक, अमेरिका में भारत का मुख्य निर्यात टेक्सटाइल, लेदर, इंजीनियरिंग गुड्स और ज्वैलरी जैसे सेक्टर से होता है। अब ये उत्पाद इतने महंगे हो जाएंगे कि अमेरिकी खरीदार अन्य देशों की ओर रुख कर लेंगे।

भारत का सख्त रुख: विदेश मंत्रालय ने दी जवाबी कार्रवाई की चेतावनी
विदेश मंत्रालय ने ट्रंप प्रशासन के इस फैसले पर कड़ा विरोध जताया है। प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि भारत अपनी 1.4 अरब की आबादी की ऊर्जा सुरक्षा को प्राथमिकता देता है और जो कदम उठाए गए हैं, वो पूरी तरह राष्ट्रीय हितों के अनुरूप हैं। उन्होंने यह भी कहा कि, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका ने भारत पर ऐसे कार्य के लिए अतिरिक्त शुल्क लगाया है जो दूसरे देश भी कर रहे हैं। यह कदम अनुचित, असंगत और अन्यायपूर्ण है और भारत हर आवश्यक कार्रवाई के लिए तैयार है।”

राहुल गांधी का आरोप: ट्रंप कर रहे हैं आर्थिक ब्लैकमेल, सरकार न झुके
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने ट्रंप के इस कदम को “आर्थिक ब्लैकमेल” बताया। उन्होंने कहा कि यह भारत को अनुचित व्यापार समझौते के लिए मजबूर करने का प्रयास है। राहुल ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, “ट्रंप का 50% टैरिफ भारत पर दबाव बनाने की चाल है। प्रधानमंत्री मोदी को चाहिए कि वह इस धमकी के दबाव में न आएं और भारतीय हितों को प्राथमिकता दें।”

Donald Trump के इस फैसले ने भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में नई चुनौती खड़ी कर दी है। अमेरिका का बाजार अब महंगा और जोखिम भरा हो गया है। लेकिन भारत ने यह साफ कर दिया है कि वह न सिर्फ विरोध करेगा, बल्कि ज़रूरत पड़ने पर जवाबी कदम भी उठाएगा।
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