Sunday, December 7, 2025

भारत को ट्रंप का झटका: 1 अगस्त से 25% टैरिफ लागू, 87 अरब डॉलर के निर्यात पर खतरा

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Hemant Raushan
Hemant Raushan
Delhi-based content writer at The Rajdharma News, with 5+ years of UPSC CSE prep experience. I cover politics, society, and current affairs with a focus on depth, balance, and fact-based journalism.

India:अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को एक बड़ा झटका देते हुए 1 अगस्त 2025 से भारतीय उत्पादों पर 25% टैरिफ और जुर्माने की घोषणा की है। उन्होंने यह कदम भारत के रूस के साथ जारी रक्षा और ऊर्जा संबंधों का हवाला देते हुए उठाया है। ट्रंप का कहना है कि भारत अमेरिका का मित्र होने के बावजूद व्यापार के मामले में उतनी भागीदारी नहीं दिखा पाया है जितनी उम्मीद की गई थी। इस घोषणा से भारतीय एक्सपोर्ट इंडस्ट्री में चिंता की लहर दौड़ गई है। भारत अब उन देशों की सूची में शामिल हो गया है जिनसे अमेरिका अतिरिक्त शुल्क वसूलेगा। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि ट्रंप के टैरिफ से भारत पर क्या असर पड़ेगा और किन सेक्टर्स को इसका सबसे ज्यादा नुकसान हो सकता है।

भारतीय निर्यात पर टैरिफ का असर: नुकसान में होंगे कई उद्योग

वर्ष 2024 में भारत ने अमेरिका को लगभग 87 बिलियन डॉलर का निर्यात किया। इसमें कपड़े, रत्न-आभूषण, दवाएं, पेट्रोकेमिकल्स और मशीनरी जैसी श्रम-प्रधान वस्तुएं प्रमुख हैं। ट्रंप के इस फैसले से सबसे ज्यादा असर उन सेक्टर्स पर पड़ेगा जो अमेरिका को बड़े पैमाने पर निर्यात करते हैं। मार्केट एक्सपर्ट अंबरीश बलिगा के अनुसार, ऑटो कंपोनेंट्स, टेक्सटाइल्स, मेटल और फार्मा सेक्टर पर इसका सीधा असर दिखाई देगा। इन सेक्टर्स से जुड़े प्रोडक्ट्स अमेरिका में अब महंगे दामों पर मिलेंगे, जिससे उनकी मांग घट सकती है। इसके कारण कंपनियों की बिक्री कम होगी और मुनाफे में गिरावट आएगी। भारत के लिए अमेरिका सबसे बड़ा बाजार है, इसलिए यह बदलाव कंपनियों की रणनीति को भी बदलने के लिए मजबूर कर सकता है।

सीफूड और श्रिंप निर्यात पर भी भारी असर

कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी का कहना है कि ट्रंप के टैरिफ से भारत के सीफूड खासकर श्रिंप निर्यात पर बहुत बुरा असर पड़ेगा। भारत का करीब आधा श्रिंप निर्यात अमेरिका को होता है। वर्ष 2024-25 में भारत ने करीब 4.88 अरब डॉलर का श्रिंप निर्यात किया, जिसमें 66% हिस्सा अकेले श्रिंप का था। ऐसे में अमेरिका द्वारा लगाया गया टैरिफ इस व्यापार को कमजोर कर सकता है। खासतौर पर तब जब अमेरिका ने इक्वाडोर जैसे प्रतिस्पर्धी देशों पर कम शुल्क लगाया है, जो अब इस स्थिति का फायदा उठा सकते हैं।

टेक्सटाइल उद्योग को डबल झटका

टेक्सटाइल सेक्टर पहले से ही ग्लोबल मंदी से जूझ रहा है। अब ट्रंप के टैरिफ से अमेरिका में भारत के वस्त्र और होम टेक्सटाइल्स के उत्पाद और महंगे हो जाएंगे। गुलाटी के अनुसार, हाल ही में इंग्लैंड के साथ भारत को फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) से जो फायदे मिले थे, वे अब अमेरिकी टैरिफ के कारण न्यूट्रल हो सकते हैं। इससे टेक्सटाइल इंडस्ट्री को वैश्विक स्तर पर अपनी प्रतिस्पर्धा बनाए रखना मुश्किल हो सकता है। छोटे और मध्यम उद्योगों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ने की आशंका है।

निर्यात संगठनों ने जताई चिंता, उठाए समाधान के सुझाव

भारतीय निर्यात संगठन महासंघ (FIEO) के डीजी और सीईओ डॉ. अजय सहाय ने कहा है कि 25% ड्यूटी भारत के लिए काफी अधिक है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को लेकर बातचीत जारी है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि इस टैरिफ के साथ जुर्माने की शर्तें क्या होंगी। लेकिन यह तय है कि भारतीय कंपनियों को आने वाले महीनों में बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। इसलिए सरकार और उद्योगों को मिलकर इस स्थिति से निपटने की रणनीति बनानी होगी।

अमेरिका ने पहले भी दी थी टैरिफ की चेतावनी

व्हाइट हाउस पहले ही भारत को उसके “उच्च औसत टैरिफ” को लेकर चेतावनी दे चुका है। अमेरिका ने कृषि उत्पादों पर 39%, वनस्पति तेल पर 45%, और सेब व मक्का पर 50% तक के टैरिफ को अनुचित बताया है। अभी अमेरिका का भारत के साथ व्यापार घाटा 45.7 अरब डॉलर है, जिसे कम करने के लिए यह टैरिफ लगाया गया है। ट्रंप प्रशासन इसे व्यापार संतुलन का हिस्सा बता रहा है, लेकिन इसका असर भारत के एक्सपोर्ट बिजनेस पर पड़ना तय है।

अब क्या हो सकता है भारत का अगला कदम?

इतिहास गवाह है कि जब भी अमेरिका ने टैरिफ बढ़ाया है, भारत ने जवाबी कदम उठाए हैं। पहले स्टील और एल्युमिनियम टैरिफ के दौरान भी भारत ने काउंटर टैरिफ लगाए थे। अगर जरूरत पड़ी तो भारत भी अमेरिका से आने वाले विनिर्माण उत्पाद, ऊर्जा उत्पाद जैसे LNG, कच्चा तेल और कोयला पर काउंटर टैरिफ लगा सकता है। इससे अमेरिका को भी झटका लग सकता है, खासकर ऐसे समय में जब वह भारत को चीन के मुकाबले बेहतर भागीदार मानता है। ऐसे में भारत को व्यापारिक हितों की रक्षा के लिए संतुलन बनाकर चलना होगा। साथ ही, वैकल्पिक बाजारों की खोज और घरेलू उत्पादन की लागत को कम करना अब वक्त की मांग बन गई है।

ट्रंप के टैरिफ से भारत को सतर्क रहना होगा

1 अगस्त 2025 से लागू होने जा रहे 25% टैरिफ से भारत के कई प्रमुख निर्यात सेक्टर्स को झटका लग सकता है। टेक्सटाइल, सीफूड, ऑटो पार्ट्स और फार्मा जैसे सेक्टर्स पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। इस चुनौती से निपटने के लिए जरूरी है कि भारत कूटनीतिक और व्यापारिक स्तर पर सक्रियता दिखाए। सरकार को इंडस्ट्री के साथ मिलकर नुकसान कम करने की योजना बनानी चाहिए। वहीं कंपनियों को भी अपनी रणनीति में तेजी से बदलाव लाना होगा।

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