Bihar News: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने 2 अगस्त 2024 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह दावा किया कि उनका नाम बिहार की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में नहीं है। उन्होंने सबूत के तौर पर EPIC नंबर RAB2916120 दिखाया और कहा कि इस नंबर से जुड़ी कोई जानकारी निर्वाचन आयोग की वेबसाइट या रिकॉर्ड में नहीं है। तेजस्वी के इस दावे ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी। उनके समर्थकों ने इसे गंभीर प्रशासनिक चूक बताया तो वहीं विरोधियों ने इसे राजनीतिक नौटंकी करार दिया।

चुनाव आयोग ने भेजा नोटिस, पूछा EPIC नंबर का पूरा ब्यौरा
तेजस्वी यादव के इस दावे के बाद, चुनाव आयोग ने त्वरित संज्ञान लिया और उन्हें नोटिस जारी किया। आयोग ने साफ कहा कि जांच में यह पाया गया है कि RAB2916120 नाम का कोई EPIC नंबर आधिकारिक रूप से जारी ही नहीं हुआ है। इसके विपरीत, आयोग ने अपनी जांच में पाया कि तेजस्वी यादव का नाम मतदान केंद्र संख्या 204 (बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पुस्तकालय भवन) के क्रम संख्या 416 पर दर्ज है। वहां उनके नाम से EPIC नंबर RAB0456228 जारी हुआ है, जो मान्य है। चुनाव आयोग ने तेजस्वी से यह स्पष्ट करने को कहा है कि वह किस आधार पर यह दावा कर रहे हैं कि उनका नाम मतदाता सूची में नहीं है और उन्होंने जो EPIC नंबर दिखाया वह कहां से आया।

ERO ने मांगी मूल प्रति, वैधता की होगी जांच
इस पूरे मामले को गंभीर मानते हुए ERO (Electoral Registration Officer) ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि तेजस्वी यादव द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाया गया EPIC कार्ड प्रामाणिक नहीं प्रतीत होता है। इसलिए उस कार्ड की मूल प्रति और विस्तृत जानकारी मांगी गई है। ERO के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति दो EPIC नंबर रखता है तो यह चुनावी अपराध की श्रेणी में आता है और इस पर कड़ी कानूनी कार्रवाई हो सकती है। आयोग ने संकेत दिए हैं कि इस पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच होगी।

तेजस्वी बोले– मेरा EPIC नंबर बदल दिया गया
तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग के दावे का खंडन करते हुए कहा है कि पहले उनका नाम ड्राफ्ट लिस्ट से हटा दिया गया था, और जब उन्होंने इस पर सवाल उठाया तो नया EPIC नंबर जारी कर दिया गया। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि यह सब प्रशासनिक साजिश का हिस्सा है और उन्हें चुनाव प्रक्रिया से बाहर करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि वह मामले को लेकर कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक उन्होंने EPIC नंबर RAB2916120 की आधिकारिक प्रति सार्वजनिक नहीं की है।

एनडीए ने किया पलटवार, कहा—‘झूठ फैलाने की कोशिश’
इस मामले पर एनडीए के घटक दलों ने रविवार को एक संयुक्त प्रेस वार्ता कर तेजस्वी यादव को घेरा। भाजपा के प्रवक्ता अजय आलोक, जदयू के नीरज कुमार, और लोजपा (रामविलास), हम, और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के नेताओं ने कहा कि तेजस्वी यादव ने जनता को गुमराह करने की कोशिश की। उन्होंने पूछा कि जब एक ही व्यक्ति के पास पहले से मान्य EPIC नंबर है, तो दूसरा नंबर कहां से आया? और अगर वह नंबर फर्जी है तो उसका स्रोत क्या है? नेताओं ने कहा कि यह मामला सिर्फ राजनीतिक नहीं, कानूनी अपराध भी बन सकता है। एनडीए नेताओं ने यह भी मांग की कि चुनाव आयोग को तत्काल इस मामले में मुकदमा दर्ज करना चाहिए ताकि जनता के बीच भ्रम न फैले।

चुनावी कानून क्या कहता है?
भारत के चुनावी कानूनों के अनुसार, किसी भी नागरिक के पास सिर्फ एक ही वैध वोटर आईडी कार्ड होना चाहिए। दो EPIC नंबर या दो मतदाता पहचान पत्र गंभीर अपराध माने जाते हैं। ऐसा पाए जाने पर दोषी व्यक्ति पर कानूनी कार्यवाही हो सकती है, जिसमें जेल और जुर्माना दोनों शामिल हो सकते हैं। इस मामले में यदि जांच में तेजस्वी यादव के पास दो EPIC कार्ड पाए जाते हैं, तो यह उन्हें कानूनी संकट में डाल सकता है। लेकिन अगर EPIC नंबर की त्रुटि प्रणाली की गलती निकली, तो सवाल उठेंगे कि यह चूक कैसे हुई।

राजनीति, पारदर्शिता और जवाबदेही पर नई बहस
तेजस्वी यादव के दो EPIC नंबर के मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या चुनावी प्रक्रिया और डेटा सिस्टम में पारदर्शिता बनी हुई है। वहीं, विपक्ष का कहना है कि यह सत्ता पक्ष की सोची-समझी साजिश है, जबकि एनडीए इसे एक गंभीर कानून-व्यवस्था का मुद्दा बता रहा है। अब सबकी निगाहें तेजस्वी यादव के आधिकारिक जवाब, चुनाव आयोग की अगली कार्रवाई और इस पूरे मुद्दे की जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं। यह विवाद सिर्फ एक नेता से जुड़ा नहीं, बल्कि चुनाव प्रणाली की विश्वसनीयता और लोकतंत्र की पारदर्शिता से भी जुड़ा सवाल बन चुका है।
ये भी पढ़ें: Bihar Voter List 2025: 65.63 लाख नाम हटे, 243 विधानसभा क्षेत्रों की नई ड्राफ्ट सूची जारी