Tejashwi Yadav: बिहार की राजनीति में एक बार फिर गरमी आ गई है। राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी वोट की डकैती कर रही है। उनका दावा है कि गुजरात के लोग बिहार में मतदाता बन रहे हैं और यह लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है। तेजस्वी ने कहा कि यह सिर्फ चुनावी मुद्दा नहीं, बल्कि बिहार के सम्मान और जनता के भरोसे से जुड़ा मामला है।

तेजस्वी यादव ने प्रेस वार्ता में कहा कि भाजपा के इशारे पर मतदाता सूचियों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा समर्थकों के नाम कई-कई जगह दर्ज हैं, जिससे चुनाव की पारदर्शिता खत्म हो रही है। उनका कहना है कि मृत घोषित किए गए कई लोग आज भी जिंदा हैं और अदालत में पेश हो रहे हैं, लेकिन निर्वाचन आयोग इस पर चुप है।
गुजरात से जुड़े नामों का मामला
तेजस्वी ने भीखूभाई दलसानिया का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले वे गुजरात में वोट देते थे, लेकिन अब बिहार में मतदाता बनने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मुजफ्फरपुर की मेयर निर्मला देवी के दो देवरों—दिलीप कुमार और मनोज कुमार—के पास दो-दो ईपिक (मतदाता पहचान पत्र) हैं। प्रेस वार्ता में उन्होंने प्रोजेक्टर पर इन ईपिक नंबरों और तस्वीरों को दिखाकर अपने दावे को मजबूत किया।
2020 चुनाव में भी हुई थी गड़बड़ी का दावा
तेजस्वी यादव ने दावा किया कि 2020 के विधानसभा चुनाव में भी राजद के साथ वोट की चोरी हुई थी। कई सीटों पर उनकी पार्टी को कुछ ही वोटों से हराया गया था। उन्होंने कहा कि उस समय भी भाजपा ने यही रणनीति अपनाई थी और अब फिर से वही खेल दोहराया जा रहा है। तेजस्वी के अनुसार, इसे ‘मोदी का करिश्मा’ कहा जा रहा है, लेकिन असल में यह लोकतंत्र के साथ किया जा रहा सबसे बड़ा धोखा है। तेजस्वी यादव ने भाजपा पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि यह पार्टी सत्ता में बने रहने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा प्रशासनिक मशीनरी का इस्तेमाल करके मतदाता सूचियों में गड़बड़ी करवा रही है। तेजस्वी का कहना है कि भाजपा को जनता का भरोसा नहीं, बल्कि सत्ता बचाने की चिंता है। इस बयान से राजनीतिक टकराव और तेज हो गया है।
उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा का नाम भी विवादों में
तेजस्वी ने भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा पर भी सवाल उठाए। उनका आरोप है कि सिन्हा का नाम दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों—लखीसराय और बांकीपुर—की मतदाता सूची में दर्ज है। तेजस्वी का कहना है कि अगर उन्होंने यह मुद्दा न उठाया होता, तो शायद नाम एक जगह से नहीं कटता। हालांकि, सिन्हा ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने नाम हटाने के लिए पहले ही आवेदन किया था, लेकिन तकनीकी देरी के कारण बदलाव समय पर नहीं हो सका।

चुनाव आयोग से सख्त कार्रवाई की मांग
तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग से मांग की कि वह इस मामले में तुरंत जांच करे और जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह की गड़बड़ी जारी रही, तो आने वाले चुनाव की विश्वसनीयता पर सवाल उठेंगे। भाजपा नेताओं ने इन आरोपों को निराधार बताया और इसे राजनीतिक प्रचार करार दिया। लेकिन विपक्षी दलों ने तेजस्वी के आरोपों का समर्थन किया, जिससे चुनावी माहौल और ज्यादा गरमा गया है।
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