Punaura Dham Janki Mandir: 8 अगस्त को सीतामढ़ी के पुनौराधाम में उस ऐतिहासिक क्षण की शुरुआत हुई, जिसका इंतज़ार वर्षों से किया जा रहा था। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सीता मंदिर सीतामढ़ी परिसर का विधिवत शिलान्यास करते हुए इस भव्य परियोजना की आधारशिला रखी। इस मंदिर परिसर का निर्माण कार्य अब आधिकारिक रूप से शुरू हो गया है, जो कि कुल 67 एकड़ भूमि में फैला होगा। यह सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और पर्यटन के दृष्टिकोण से बिहार के लिए मील का पत्थर साबित होने जा रहा है।

42 सप्ताह में बनकर तैयार होगा सीता मंदिर सीतामढ़ी परिसर
पुनौराधाम परियोजना को लेकर अधिकारियों ने जानकारी दी है कि निर्माण कार्य को 42 सप्ताह में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यानी अगर सबकुछ योजना के अनुसार चला, तो वर्ष 2026 के सावन माह में इस भव्य मंदिर का उद्घाटन किया जा सकता है। सीता मंदिर सीतामढ़ी परिसर को खासतौर पर धार्मिक पर्यटन को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है। इसमें मंदिर के अलावा यज्ञशाला, संग्रहालय, ध्यान केंद्र, धर्मशाला, सीता वाटिका, लवकुश वाटिका, ऑडिटोरियम, कैफेटेरिया, बच्चों के खेल क्षेत्र और यात्रियों के लिए विशेष सुविधाएं शामिल होंगी।

माता सीता के जन्मस्थान पर भारत और नेपाल का दावा
सीता जी का जन्मस्थान आज भी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक बहस का विषय बना हुआ है। नेपाल का जनकपुर जहां इस दावे को करता है, वहीं बिहार का सीतामढ़ी, खासकर पुनौरा गांव, भी सीता जन्मस्थली के रूप में पूज्य है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, यहीं राजा जनक ने भूमि जोतते समय हल की नोंक से वह कलश पाया था, जिसमें कन्या रूप में सीता मिली थीं। इसी कारण उनका नाम ‘सीता’ पड़ा। विष्णु पुराण के अनुसार, जनकपुर से लगभग तीन योजन यानी 40 किलोमीटर की दूरी पर सीता का जन्म हुआ था। यह भौगोलिक स्थिति भी भारत के दावे को मजबूती देती है।

151 फीट ऊंचा भव्य मंदिर और आधुनिक पर्यटन सुविधाएं
सीता मंदिर सीतामढ़ी का मुख्य आकर्षण होगा इसका 151 फीट ऊंचा मंदिर, जो स्थापत्य कला और आध्यात्मिक भावनाओं का मिश्रण होगा। मंदिर के चारों ओर परिक्रमा पथ, सुंदर परकोटा और मां जानकी कुंड का सौंदर्यीकरण भी इस योजना में शामिल है। इसके अलावा, मंदिर परिसर में एक विशेष रामायण गैलरी भी बनाई जाएगी, जिसमें माता सीता के जीवन से जुड़ी कथाओं, चित्रों और डिजिटल माध्यमों के ज़रिए श्रद्धालुओं को जानकारियाँ दी जाएंगी।

882 करोड़ की लागत से बनेगा धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर
इस पूरे प्रोजेक्ट पर अनुमानित 882 करोड़ 87 लाख रुपये खर्च होने हैं। इसमें से अकेले मंदिर संरचना पर 137 करोड़ 34 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इस महत्वाकांक्षी योजना की निगरानी का ज़िम्मा बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम को सौंपा गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले ही इसे राज्य की धार्मिक-सांस्कृतिक पहचान से जोड़ते हुए इसका स्वागत किया था। सीता मंदिर सीतामढ़ी का निर्माण न सिर्फ धार्मिक महत्व का है, बल्कि इससे पूरे क्षेत्र की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को सुधारने की दिशा में भी बड़ा कदम माना जा रहा है। बढ़ते धार्मिक पर्यटन से स्थानीय लोगों को रोज़गार, व्यवसाय और बुनियादी ढांचे में सुधार का लाभ मिलेगा। साथ ही होटल, गेस्टहाउस, लोकल मार्केट और हस्तशिल्प उद्योग को भी गति मिलेगी।

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