India: हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में करारी हार के बावजूद पाकिस्तान के तेवर नरम नहीं पड़े हैं। भारत के खिलाफ धमकी भरे बयान और आक्रामक लहजा लगातार जारी है। पहले पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने परमाणु हमले की बात छेड़ी, और अब पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने सिंधु जल संधि को लेकर युद्ध की चेतावनी दे डाली। भुट्टो का कहना है कि सिंधु जल समझौते में कोई बदलाव पाकिस्तान की संस्कृति और अस्तित्व पर हमला माना जाएगा।

मुनीर की परमाणु धमकी के बाद भुट्टो का बयान
सिंध सरकार के एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में बिलावल भुट्टो ने दावा किया कि भारत की जल नीति आक्रामक है और पाकिस्तान को पानी से वंचित करने की कोशिश हो रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर भारत ने समझौते को बहाल नहीं किया, तो यह पाकिस्तान की सभ्यता पर सीधा हमला होगा। उन्होंने यहां तक कह दिया कि जंग की स्थिति में पाकिस्तान अपने सभी छह नदियों को वापस ले सकता है। यह बयान ठीक उसी के बाद आया, जब फ्लोरिडा में जनरल मुनीर ने संभावित युद्ध की स्थिति में परमाणु विकल्प तक का जिक्र किया था।

मुनीर की ‘आधी दुनिया तबाह’ करने वाली टिप्पणी
अमेरिका में प्रवासी पाकिस्तानियों को संबोधित करते हुए जनरल मुनीर ने कहा था कि यदि भारत ने पाकिस्तान की ओर जल प्रवाह को रोका, तो इस्लामाबाद भारतीय बुनियादी ढांचे को नष्ट कर देगा। उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर पाकिस्तान को खत्म होने का खतरा हुआ, तो वह अपने साथ आधी दुनिया को भी तबाह कर देगा। यह बयान न सिर्फ भारत, बल्कि वैश्विक समुदाय के लिए भी चिंता का कारण बना।

भारत का सख्त जवाब और अंतरराष्ट्रीय संदेश
भारत ने इन बयानों को बेहद गैर-जिम्मेदाराना करार देते हुए साफ कहा कि वह किसी भी परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान की इस तरह की आदतें उसकी परमाणु कमान की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करती हैं। सूत्रों के अनुसार, जब भी पाकिस्तान की सेना को अंतरराष्ट्रीय मंच से थोड़ी सहूलियत मिलती है, वह आक्रामक भाषा में धमकियां देने लगती है, जो इस बात का सबूत है कि वहां असल सत्ता सेना के हाथ में है, न कि लोकतांत्रिक सरकार के।

दुनिया के सामने पाकिस्तान की सिंधु दलील
बिलावल भुट्टो का दावा है कि उन्होंने सिंधु जल विवाद का मुद्दा अमेरिका से लेकर यूरोप तक हर जगह उठाया है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी की नीतियां पाकिस्तान की जल सुरक्षा पर हमला हैं और दुनिया को इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। बिलावल का यह भी कहना है कि पाकिस्तान ने पहले भी कई युद्ध देखे हैं, लेकिन पानी के मुद्दे पर इस तरह की खुली धमकी पहली बार मिली है।

पाक जनता से एकजुटता की अपील
बिलावल ने पाकिस्तान की जनता से अपील करते हुए कहा कि इस संघर्ष में एकजुट होकर भारत के इरादों का विरोध किया जाए। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान हमेशा शांति की वकालत करता रहा है, लेकिन अगर भारत ने सिंधु जल संधि से छेड़छाड़ की, तो पाकिस्तान का हर सूबा उसका डटकर मुकाबला करेगा। इस बयान से साफ है कि पाकिस्तान इस मुद्दे को न सिर्फ राजनीतिक, बल्कि भावनात्मक और राष्ट्रीय गौरव के सवाल के रूप में भी पेश करने की कोशिश कर रहा है।
ये भी पढ़ें: “आधी दुनिया डुबोने की धमकी, भारत ने आसिम मुनीर और अमेरिका को दिया जवाब”