Shubhanshu Shukla Return To India: अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला भारत लौट आए हैं। रविवार 17 अगस्त की सुबह दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनका ऐतिहासिक स्वागत किया गया। एयरपोर्ट के बाहर तिरंगे लहराते और ढोल-नगाड़े बजाते हजारों लोग खड़े थे। जैसे ही शुक्ला बाहर निकले, भीड़ “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम” के नारों से गूंज उठी। इस खास मौके पर उनकी पत्नी कामना शुक्ला और बेटा भी मौजूद रहे। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने उन्हें फूलों का गुलदस्ता भेंट कर सम्मानित किया। इसरो (ISRO) के वरिष्ठ अधिकारी भी इस स्वागत समारोह का हिस्सा बने।

नेताओं और ISRO वैज्ञानिकों ने दी बधाई
शुभांशु शुक्ला की वापसी को देश के लिए गौरव का क्षण बताया गया। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह उपलब्धि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों की नई उड़ान का प्रतीक है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने उन्हें “नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा” बताया। इसरो चेयरमैन डॉ. वी. नारायणन समेत वरिष्ठ वैज्ञानिक भी एयरपोर्ट पर मौजूद रहे। नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में लगातार नई ऊँचाइयाँ छू रहा है और शुक्ला की यह उपलब्धि उसी का हिस्सा है।
18 दिनों का ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन
शुभांशु शुक्ला हाल ही में नासा के Axiom-4 मिशन से लौटे हैं। इस मिशन में उन्होंने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर 18 दिन बिताए। उनके साथ भारतीय मूल के अंतरिक्ष यात्री प्रशांत नायर, अजित कृष्णन और अंगद प्रताप भी शामिल थे। 41 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में गया है। 1984 में राकेश शर्मा के बाद शुक्ला दूसरे भारतीय बने जिन्होंने अंतरिक्ष से भारत का परचम लहराया। इस दौरान उन्होंने कई तकनीकी प्रयोग और वैज्ञानिक रिसर्च में भाग लिया। यह उपलब्धि भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी उपलब्धि साबित हुई।
प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की तैयारी
एयरपोर्ट स्वागत के बाद अब शुभांशु शुक्ला की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात तय है। वे जल्द ही अपने तीनों साथी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ पीएम से मिलेंगे। माना जा रहा है कि इस मुलाकात में भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन पर भी चर्चा होगी। 22 और 23 अगस्त को शुक्ला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के मौके पर दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इसके बाद वे अपने गृहनगर लखनऊ जाएंगे और परिवार से मुलाकात करेंगे। उनकी यह यात्रा भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षा और भविष्य की योजनाओं के लिए अहम मानी जा रही है।

सोशल मीडिया पर भावुक संदेश
भारत लौटने से पहले शुभांशु शुक्ला ने इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट साझा किया। उन्होंने लिखा कि अमेरिका छोड़ते वक्त उनके मन में मिश्रित भावनाएँ उमड़ रही थीं। एक ओर उन्हें उन दोस्तों और सहयोगियों को छोड़ने का दुख था जिनके साथ उन्होंने एक साल मिशन की तैयारी की, वहीं दूसरी ओर अपने देश लौटने की खुशी भी थी। उन्होंने लिखा कि ज़िंदगी आगे बढ़ते रहने का नाम है और इस मिशन की यादें हमेशा उनके साथ रहेंगी। अपने पोस्ट में उन्होंने हिंदी सिनेमा के गीत “यूं ही चला चल राही” का भी ज़िक्र किया। सोशल मीडिया पर उनका यह संदेश वायरल हुआ और #ShubhanshuShuklaReturn ट्रेंड करने लगा।
भारत की अंतरिक्ष यात्रा का नया अध्याय
शुभांशु शुक्ला सिर्फ अंतरिक्ष यात्री नहीं, बल्कि भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन भी हैं। नासा मिशन से लौटने के बाद अब वे भारत के गगनयान मिशन की ट्रेनिंग शुरू करेंगे। 1984 के बाद भारत ने पहली बार अंतरिक्ष में अपना नाम दर्ज कराया है और इस बार यह सफलता और भी बड़ी है क्योंकि इसमें भारत का योगदान सीधा और सक्रिय रहा। शुक्ला की उपलब्धि ने लाखों युवाओं को विज्ञान और अंतरिक्ष अनुसंधान की ओर आकर्षित किया है। दिल्ली एयरपोर्ट पर हुआ स्वागत और पूरे देश में फैली खुशी यह दर्शाती है कि भारत अब अंतरिक्ष विज्ञान की अगली छलांग भरने के लिए तैयार है।

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