पटना, बिहार: राजद विधायक भाई वीरेंद्र एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार मामला केवल राजनीतिक बयानबाज़ी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अब यह कानूनी पचड़े तक पहुँच गया है। मनेर से विधायक भाई वीरेंद्र पर पंचायत सचिव संदीप कुमार ने गंभीर आरोप लगाते हुए SC-ST थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाई है। इस बीच, तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर पूरे मामले को और गरमा दिया है।

फोन पर धमकी के बाद दर्ज हुई प्राथमिकी
पटना जिले के मनेर विधानसभा से राजद विधायक भाई वीरेंद्र की मुश्किलें उस वक्त बढ़ गईं जब पंचायत सचिव संदीप कुमार ने SC-ST थाना में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। सचिव ने आरोप लगाया कि विधायक ने फोन पर जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए गाली-गलौज की और उन्हें जूते से मारने की धमकी दी।संदीप कुमार के अनुसार, विधायक ने एक व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए फोन किया था। जब पंचायत सचिव ने पहचान पूछी, तो भाई वीरेंद्र नाराज हो गए और शिष्टाचार का पाठ पढ़ाते हुए अपशब्दों का इस्तेमाल किया। सचिव ने अपने आवेदन में लिखा कि, “विधायक ने धमकी दी कि अगर मैंने उन्हें नहीं पहचाना, तो वे मेरे खिलाफ कार्रवाई करेंगे। कॉल का लहजा ऐसा था कि डरना स्वाभाविक था।”

वायरल ऑडियो क्लिप और सियासी तकरार
घटना का असली बवंडर तब आया जब विधायक और सचिव के बीच की बातचीत का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। ऑडियो में विधायक को गुस्से में यह कहते सुना गया, “तुम मुझे नहीं जानते? मुझे पूरा हिंदुस्तान जानता है। पहले प्रणाम क्यों नहीं किया?” इसके जवाब में सचिव ने कहा कि उन्होंने आवाज नहीं पहचानी। इसपर विधायक और भी भड़क गए। इस वायरल ऑडियो ने राजद को रक्षात्मक मोड में ला दिया। लोगों में चर्चा है कि अगर एक जनप्रतिनिधि इस तरह व्यवहार करता है, तो आम जनता के प्रति उसके रवैये की कल्पना की जा सकती है।

भाई वीरेंद्र की सोशल मीडिया पर सफाई
विवाद बढ़ता देख विधायक भाई वीरेंद्र ने फेसबुक पर सफाई दी। उन्होंने लिखा,“जब मैंने पंचायत सचिव को कॉल किया, उसने न तो अभिवादन किया, न ही जनता के काम को गंभीरता से लिया। मैंने ज़रूर कुछ कठोर शब्द बोले लेकिन वो जनता के हक़ के लिए था। मैं एक जनप्रतिनिधि हूं और ये मेरा कर्तव्य है।”विधायक ने ये भी लिखा कि कॉल को रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर डालना निजता का उल्लंघन है और कानूनन दंडनीय है।“मेरे शब्दों को संदर्भ से काट-छांटकर वायरल किया गया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं जनता का सेवक हूं, और हमेशा रहूंगा।”

तेज प्रताप यादव ने ट्वीट कर बढ़ाई हलचल
तेज प्रताप यादव ने अपने ट्वीट में सवाल खड़े किए कि पार्टी सिर्फ उन्हें ही क्यों सज़ा देती है? उन्होंने लिखा:”क्या RJD अपने विधायक भाई वीरेंद्र पर भी कार्रवाई करेगी, जिन्होंने बाबा साहेब आंबेडकर के आदर्शों के उलट SC-ST समाज के खिलाफ शर्मनाक टिप्पणी की, जान से मारने की धमकी दी?”तेज प्रताप ने यह भी जोड़ा कि जब उन्हें पार्टी से बाहर किया गया तो कहा गया कि यह जयचंदों की साजिश है। अब देखना होगा कि ऐसे बयानों और धमकियों पर भी पार्टी उतनी ही सख्ती दिखाएगी या नहीं।तेज प्रताप का ट्वीट जनता के बीच चर्चा का विषय बन गया। उन्होंने साफ कहा — “संविधान का सम्मान भाषणों में नहीं, आचरण में दिखना चाहिए।” इसके बाद से ही राजद के अंदर एक बार फिर से उबाल आ गया है।

अंदरूनी घमासान से घिरी RJD, तेजस्वी की चुप्पी पर भी उठे सवाल
इस पूरे विवाद ने राजद को असहज स्थिति में डाल दिया है। एक ओर पार्टी के वरिष्ठ विधायक पर गंभीर आरोप हैं, दूसरी ओर खुद पार्टी प्रमुख के बड़े भाई तेज प्रताप यादव ने इस मुद्दे को सार्वजनिक रूप से उठाकर नया संकट खड़ा कर दिया है। तेज प्रताप ने ट्वीट में पार्टी नेतृत्व पर भी निशाना साधा है। इससे सवाल उठता है कि क्या पार्टी इस मसले पर समान मापदंड अपनाएगी? या फिर यह मामला भी समय के साथ ठंडे बस्ते में चला जाएगा? अभी तक तेजस्वी यादव या पार्टी के किसी बड़े नेता की तरफ से इस पूरे विवाद पर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। लेकिन तेज प्रताप के आक्रामक तेवर और सचिव की FIR ने माहौल गरमा दिया है।

सियासत गरम, सवाल गहरे
भाई वीरेंद्र और पंचायत सचिव के बीच हुई यह कहासुनी अब केवल ऑडियो क्लिप का मामला नहीं रही। अब यह एक राजनीतिक और कानूनी लड़ाई में तब्दील हो गई है, जिसमें दोनों पक्ष अपनी-अपनी दलीलें दे रहे हैं। तेज प्रताप यादव के ट्वीट ने इस आग में घी डालने का काम किया है। अब देखने वाली बात यह है कि पार्टी नेतृत्व किस दिशा में कदम उठाता है। क्या सच में संविधान का सम्मान केवल भाषणों में है या फिर आचरण में भी?
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