Rahul Gandhi:भारत का एक प्रतिनिधिमण्डल ऑपरेशन सिन्दूर के बाद अपना पक्ष रखने विदेश गया था जो अब लौट आया है. बीते मंगलवार कों ही यह डेलिगेशन भारत पहुंच गया था. भारत में विदेश गए प्रतिनिधिमण्डल में एक नाम AIMIM मुखिया ओवैसी का भी है. भारत वापस लौटने पर ओवैसी से जब राहुल गाँधी के के नरेंद्र- सरेंडर वाले बयान पर सवाल पूछा गया तो ओवैसी ने उनके बयान का समर्थन न करते हुए अलग जवाब देकर अपना पल्ला झाड़ लिया.

राहुल गाँधी ने दिया था नरेंद्र सरेंडर वाला बयान
भारत कों ऑपरेशन सिन्दूर के बाद कई अन्य देशो का भी समर्थन मिला लेकिन नेता प्रतिपक्ष ने यह आरोप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगाया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के कहने पर पीएम मोदी ने सरेंडर कर दिया.मध्यप्रदेश में अपने कार्यकर्ताओ कों सम्भोधित करते हुए 04 जून कों राहुल गाँधी ने कहा था कि ट्रंप का एक फोन आया और नरेंद्र जी तुरंत सरेंडर हो गए – इतिहास गवाह है, यही BJP-RSS का करैक्टर है, ये हमेशा झुकते हैं. भारत ने 1971 में अमेरिका की धमकी के बावजूद पाकिस्तान को तोड़ा था. कांग्रेस के बब्बर शेर और शेरनियां सुपरपावर्स से लड़ते हैं, कभी झुकते नहीं.

मेरी किस्मत अच्छी हैं कि कांग्रेस का प्रवक्ता नहीं: ओवैसी
भारत वापस आने पर AIMIM प्रमुख ओवैसी से जब राहुल गाँधी के बयान पर जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को कैसे समझाना है, उनके बयान पर कैसे रिएक्ट करना है, ये तो कांग्रेस के नेता सोचें. जहां तक उनका सवाल है तो वो 21 जुलाई से शुरू हो रहे पार्लियामेंट के मॉनसून सेशन में पहलगाम हमले और सीजफायर पर सवाल जरूर पूछेंग.अगले सवाल पर ओवैसी ने मजाकिया अंदाज में कहा कि मेरी किस्मत अच्छी है कि मैं कांग्रेस का प्रवक्ता नहीं हूं. इसके लिए आप कांग्रेस के नेताओ को बुला लीजिए, वो ही समझा पाएंगे.

इजराइल फिलिस्तीन के सवाल पर ओवैसी ने क्या कहा
भारत के प्रतिनिधिमण्डल में शामिल AIMIM प्रमुख ओवैसी से जब इजराइल से अच्छे सम्बन्ध पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा यह सही हैं. आगे फिलिस्तीन पर ओवैसी ने कहा कि फिलिस्तीन के साथ भारत शुरू से रहा है. इंदिरा गांधी के वक्त फिलिस्तीन के बड़े नेता यासिर अराफात भारत आए थे और इंदिरा गांधी ने उन्हें भाई कहकर संबोधित किया था.
इंडिया गठबंधन ने भी नहीं दिया राहुल के बयान का साथ
इंडिया गठबंधन ने भी राहुल गाँधी के इस बयान का समर्थन नहीं किया विपक्ष में नेता राजद सांसद मनोज कुमार झा संसद में अपनी बात विपक्ष में रूप में प्रमुखता से रखते हैं. लेकिन राहुल के इस बयान पर उनका भी सपोर्ट नहीं मिला दरअसल राजद सांसद ने कहा कि राजनीति में शब्दों को सोच समझकर चुनना चाहिए. भाषा की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए. मनोज झा ने कहा कि बीजेपी के खिलाफ सारा विपक्ष मिलकर लड़ रहा है लेकिन यह समय पार्टी पॉलिटिक्स का नहीं है. इसलिए सोच समझकर बोलना चाहिए.
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