Rahul Gandhi:केंद्र सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष के अप्रैल महीने से जनगणना की कार्यवाही शुरू करने की योजना बनाई है. यह स्वतंत्रता के बाद पहली बार जाति‑आधारित जनगणना होगी, इसलिए इसे अत्यंत कठिन कार्य माना जा रहा है. इस मुद्दे पर, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गृह मंत्रालय से कई सवाल पूछे थे.

राहुल गांधी का मोदी सरकार पर हमला
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया है.उन्होंने संसद में जाति जनगणना के संबंध में पूछे गए अपने प्रश्न के उत्तर को आधार बनाकर मोदी सरकार को घेरते हुए इसे स्पष्ट रूप से विश्वासघात करार दिया.
राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा -“मैंने संसद में जाति जनगणना पर सवाल किया – उनका जवाब चौंकाने वाला था.कोई ठोस ढांचा, कोई समय‑सीमा, संसद में बहस या जनता से संवाद नहीं. अन्य राज्यों की सफल रणनीति से सीखने की इच्छा भी नहीं दिखी. मोदी सरकार का यह कदम बहुजन के साथ खुला धोखा है.”

सरकार के तरफ से क्या आया जवाब?
सरकार की ओर से राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लिखित उत्तर में बताया कि 2027 की जनगणना दो चरणों में आयोजित की जाएगी.पहले चरण में, अप्रैल 2026 से सितंबर 2026 तक 30 दिन की अवधि में घर‑सूची और आवास गणना की जाएगी; यह कार्य राज्य‑ तथा केंद्र‑शासित प्रदेशों की सुविधा अनुसार किया जाएगा.इसके बाद, फरवरी 2027 में जनसंख्या गणना (PE) होगी, जिसका संदर्भ समय 1 मार्च 2027 को 00:00 निर्धारित किया गया है.लद्दाख, जम्मू‑कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ बर्फ‑आबादी वाले क्षेत्रों में जनसंख्या गणना सितंबर 2026 में होगी, जिसका संदर्भ बिंदु अक्टूबर 2026 के पहले दिन 00:00 होगा.

जनगणना प्रश्नावली को प्रत्येक जनगणना से पहले विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, संगठनों और डेटा उपयोगकर्ताओं से प्राप्त सुझावों के आधार पर अंतिम रूप दिया जाता है .इसे लागू करने से पहले क्षेत्र‑स्तर पर परीक्षण किया जाता है ताकि व्यावहारिकता सुनिश्चित हो सके.जनगणना नियम, 1990 के नियम 6 के अनुसार, प्रश्नावली को केंद्र सरकार द्वारा अधिनियम की धारा 8(1) के तहत राजपत्र में प्रकाशित किया जाता है.
कैसे होगी जनगणना?
150 साल से अधिक के इतिहास के साथ, अगली जनगणना में पिछले अनुभवों को ध्यान में रखा जाएगा और सभी हितधारकों से परामर्श किया जाएगा.
पहला चरण अगले वर्ष अप्रैल में शुरू होगा और इसमें घरों तथा उनके निवासियों की जीवन‑शैली का विवरण एकत्र किया जाएगा.वर्तमान में लद्दाख और पश्चिम बंगाल को छोड़कर पूरे देश में घर‑सूची का प्री‑टेस्ट चल रहा है, और प्रगणकों को ऑनलाइन तथा घर‑घर जाकर डेटा इकड़ने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है. पहली बार डिजिटल उपकरणों का उपयोग होने से परिणाम जल्दी उपलब्ध होंगे, जबकि पूर्व की जनगणनाओं में विस्तृत आँकड़े प्राप्त करने में कई साल लगते थे.
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