Tuesday, July 1, 2025

Pm Modi ने मन की बात में कही संविधान और आपातकाल को लेकर कही बड़ी बात

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Pm Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के 123 वें एपिसोड में योग दिवस पर बात की ओर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की सफलता का चर्चा की. इसके साथ ही उन्होंने आपातकाल के 50 साल होने पर भी बात करते हुए अपने विचार को शेयर किया.

Pm Modi (photo credit google)

योग दिवस पर बोले मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा-” आप सब इस समय योग की ऊर्चा और अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की स्मृतियों से भरे होंगे. इस बार भी 21 जून को देश-विदेश के करोड़ों लोगों ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में हिस्सा लिया. बता दें कि अब 10 साल में सिलसिला हर साल पहले से भी ज्यादा भव्य बनता है. यह इस बात का संकेत है कि ज्यादा से ज्यादा लोग अपने दैनिक जीवन में योग को अपना रहे हैं. हमने इस बार योग दिवस की आकर्षक तस्वीरें देखी है. विशाखापत्तनम के समुद्र तट तीन लाख लोगों ने एक साथ योग किया. विशाखापत्तनम से ही एक और अद्भुत दृश्य सामने आया है, दो हजार से ज्यादा आदिवासी छात्रो ने 108 मिनट तक 108 सूर्य नमस्कार किया. सोचिए कितना अनुशासन और कितना समर्पण रहा होगा.”

Pm Modi (photo credit google)

पीएम मोदी ने आगे कहा -” हिमाचल की बर्फीली चोटियों पर आईटीबीपी के जवानों ने योग किया, साहस और साधना साथ-साथ चले. गुजरात के लोगों ने भी एक नया इतिहास रचा. वडनगर में 2121 लोगों ने एक साथ भुजंगासन किया और नया रिकॉर्ड बना दिया. न्यू यॉर्क, लंदन, टोक्यो, पेरिस, दुनिया के हर बड़े शहर से योग की तस्वीरें आईं और हर तस्वीर में एक बात खास रहीं – शांती स्थिरता और संतुलन. हमारे नौसेना ने जहाज पर भी योग किया. तेलंगाना में 30000 दिव्यांग साथियों ने एक साथ योग सीरियल में भाग लिया. उन्होंने दिखाया कि योग किस तरह सशक्तिकरण का माध्यम है. इस बार थीम भी बहुत विशेष थी “योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ” यह सिर्फ एक नारा नहीं यह देश है जो हमें ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का एहसास दिलाती है.”

Pm Modi (photo credit google)

आपातकाल पर बोले पीएम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपातकाल बात करते हुए कहा -” आपातकाल लगाने वालों ने न सिर्फ हमारे संविधान की हत्या की है बल्कि उनका इरादा न्यायपालिका को भी गुलाम बनाना था. इस दौरान लोगों को बड़े पैमाने पर प्रताड़ित किया गया. ऐसे अनेक उदाहरण है जिसे कभी बुलाया नहीं जा सकता. आखिरकार जनता जनार्दन की जीत हुई – आपातकाल हट गया और आपातकाल लगाने वाले हार गए. बाबू जगजीवन ने बहुत सटीक तरीके से अपनी बात रखी. जॉर्ज फर्नांडिस साहब को जंजीरों से बाधा गया. बहुत से लोगों ने कठोर यातनाएं झेलीं और किसी भी को गिरफ्तार किया गया. छात्रों को भी परेशान किया गया और आजादी का गला घोटा गया.”

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