Pm Modi:अभिजीत मुहूर्त के पवित्र क्षण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीराम जन्मभूमि के ऊँचे शिखर पर केसरिया ध्वज लहराया है. जय श्री राम के गगनभेदी नारे पूरे परिसर में गूँज उठे. इससे पहले उन्होंने आरएसएस प्रमुख के साथ मिलकर विभिन्न मंदिरों में दर्शन‑पूजा की.

पीएम मोदी ने फहराया धर्म-ध्वज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अयोध्या स्थित राम मंदिर के शिखर पर धर्मध्वज लहरा दिया.इस समारोह में उनके साथ आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत भी उपस्थित थे.पीएम मोदी पहले दिल्ली से अयोध्या के महर्षि वाल्मीकि हवाई अड्डे पर उतरे, फिर हेलिकॉप्टर से साकेत महाविद्यालय पहुँचे. वहाँ से वह सड़क मार्ग के माध्यम से एक रोड‑शो के रूप में सप्त मंदिर तक गए. सप्त मंदिर में पूजा‑अर्चना करने के बाद वे राम मंदिर पहुँचे और गर्भगृह के साथ ही मंदिर के पहले तल पर स्थापित राम दरबार में भी श्रद्धा अर्पित की.
उनका यह प्रवास आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि वे दोपहर 12 बजे मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज फहराएँगे. यह ध्वजारोहण मंदिर निर्माण के समापन और एक बड़े सांस्कृतिक मील‑पत्थर का संकेत है.दोपहर के ठीक बारह बजे प्रधानमंत्री रामलला मंदिर के शिखर पर ध्वज फहराया.सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखी गई है और मंदिर परिसर में प्रवेश केवल क्यूआर‑कोड वाले विशेष अतिथियों तक सीमित रहेगा; आम जनता को प्रवेश नहीं दिया जाएगा.

लोगों को किया संबोधित
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस अवसर पर वहां के लोगों को संबोधित करते हुए कहा -” आज अयोध्या नगरी भारत की सांस्कृतिक चेतना के एक और पल का साक्षी बन रही है और आज संपूर्ण भारत विश्व राममय है और आज रामभक्तो के दिल में असीम आनंद है. आगे उन्होंने कहा कि यह ध्वज कई शताब्दियों से चली आ रही आशा के साकार होने का संकेत है .उन्होंने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए बताया कि आज अयोध्या भारत की सांस्कृतिक जागृति का एक और महत्वपूर्ण क्षण बन रहा है. पूरा देश और समस्त विश्व राम के रंग में रंगे हुए हैं, और रामभक्तों के हृदय में अपार खुशी भर गई है.लंबे समय से चली आ रही पीड़ाएँ धीरे‑धीरे समाप्त हो रही हैं, और कई पीढ़ियों का संकल्प आज फलित हो रहा है.यह वह पूर्णाहुति है, जिसकी ज्वाला पाँच सौ वर्षों से जलती आ रही थी.
भगवान श्रीराम के गर्भगृह की अनंत ऊर्जा आज स्थापित हुई है. यह ध्वज इतिहास के नवजागरण का रंग है; इसका भगवा रंग सूर्यवंश की धरोहर और रामराज्य की कीर्ति को दर्शाता है.यह ध्वज संकल्प का प्रतीक है, संकल्प से ही सिद्धि मिलती है, और यह शताब्दियों के संघर्ष का परिणाम तथा स्वप्नों का साकार रूप है. यह राम के आदर्शों की घोषणा है, संतों की साधना और सहयोग की गाथा है. यह ध्वज प्रभु श्रीराम के आदेश को उद्घोषित करेगा, सत्यमेव जयते का नारा बुलंद करेगा और “प्राण जाए पर वचन न जाई” की प्रेरणा देगा.

मोहन भागवत बोले जैसा सपना देखा, उससे भी शुभकर मंदिर बन गया है
मोहन भागवत ने कहा, “जिस आशा को हमने देखा था, उससे भी अधिक सौभाग्यशाली यह मंदिर बन गया है.” उन्होंने कहा कि इस दिन के लिए अनगिनत रामभक्तों ने अपना जीवन समर्पित किया.मंदिर का निर्माण समय लेता है, और यह ध्वज धर्म का प्रतीक है. इसका भगवा रंग है और इस ध्वज पर रघु कुल का चिन्ह, कोविदार वृक्ष अंकित है, जो दो देववृक्षों के गुणों को मिलाता है.इस ध्वज को शिखर तक ले जाना हमारा लक्ष्य है.आज हम अपने संकल्प की पुनरावृत्ति कर रहे हैं, शांति और समृद्धि का प्रसार करने वाले भारत को स्थापित करने का दिन है. कई लोगों के सपनों को पार कर, यह मंदिर उन सपनों से भी अधिक शुभ बन गया है.”

सीएम योगी बोले अयोध्या धाम में आज हर प्रकार की सुविधा
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में धर्मध्वज के आरोहण को एक नई शुरुआत बताया। उन्होंने कहा कि यह विशाल मंदिर 140 करोड़ भारतीयों की श्रद्धा का प्रतीक है और केसरिया झंडा धर्म तथा भारत की संकल्पना दोनों का प्रतिनिधित्व करता है—इस संकल्प का कोई विकल्प नहीं है. योगी ने “लाठी‑गोली खाएँगे, मंदिर वहीं बनाएँगे” नारे का उल्लेख करते हुए कहा कि भगवान राम की पवित्र नगरी अब एक नए युग में प्रवेश कर चुकी है.उन्होंने बताया कि अयोध्या में अब सभी सुविधाएँ उपलब्ध हैं, विकास कार्यों की सूची दी और “जय जय श्री राम” के जयकारों के साथ अपना भाषण समाप्त किया.
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