New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली के रोहिणी में करीब 11 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनी दो बड़ी सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इनमें द्वारका एक्सप्रेसवे का दिल्ली खंड और अर्बन एक्सटेंशन रोड-II (UER-II) शामिल हैं। उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कदम दिल्ली और आसपास के इलाकों को जोड़ने में मील का पत्थर साबित होगा। इस मौके पर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पीएम मोदी का स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं से दफ्तर और फैक्ट्री जाने वालों को राहत मिलेगी और किसानों व व्यापारियों को भी सीधा लाभ मिलेगा।

दिल्ली-एनसीआर में विकास की क्रांति
पीएम मोदी ने कहा कि अगस्त का महीना हमेशा से क्रांति का प्रतीक रहा है और अब दिल्ली विकास कार्यों की क्रांति की गवाह बन रही है। उन्होंने जोर दिया कि अब लोग गुरुग्राम से दिल्ली और दिल्ली से एनसीआर के अन्य हिस्सों तक आसानी से यात्रा कर सकेंगे। इससे ऑफिस जाने वाले कर्मचारी, फैक्ट्री वर्कर और छोटे कारोबारी सभी को समय की बचत होगी। किसानों के लिए भी यह परियोजनाएं गेमचेंजर साबित होंगी क्योंकि माल की आवाजाही पहले से कहीं आसान हो जाएगी। मोदी ने बताया कि बीते दस वर्षों में दिल्ली-एनसीआर में आधुनिक परिवहन सिस्टम, खासकर नमो भारत रैपिड रेल, ने सफर को और आरामदायक बना दिया है।

पूर्ववर्ती सरकारों पर करारा हमला
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने दिल्ली और हरियाणा की पूर्व सरकारों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एक समय था जब यहां विकास कार्यों की बजाय आपसी विवाद को बढ़ावा दिया जाता था। यहां तक आरोप लगे कि दिल्ली के पानी में जहर मिलाया जाता है। पीएम मोदी ने कहा कि पिछली सरकारों ने विकास की दिशा में कुछ नहीं किया, उल्टा कई समस्याएं छोड़ दीं। अब उनकी गलतियों को सुधारने और गड्ढों को भरने में ही काफी समय लग रहा है।
काले कानूनों से मुक्ति और सुशासन का वादा
प्रधानमंत्री ने बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर को नमन करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने कई पुराने और काले कानूनों को खत्म किया है। उन्होंने सफाई कर्मचारियों का ज़िक्र करते हुए कहा कि पहले अगर कोई सफाई मित्र बिना बताए काम पर नहीं आता था तो उसे एक महीने तक जेल भेजने का प्रावधान था। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने ऐसे अमानवीय कानूनों को खोज-खोजकर समाप्त किया है। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि आने वाले समय में और भी बड़े सुधार (Reforms) किए जाएंगे ताकि शासन व्यवस्था और मजबूत हो सके।

कनेक्टिविटी से मिलेगा सीधा फायदा
UER-II और द्वारका एक्सप्रेसवे के खुलने से दिल्ली-एनसीआर की कनेक्टिविटी और भी बेहतर होगी। यह परियोजनाएं NH-44, NH-9 और NH-48 जैसे प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों को आपस में जोड़ेंगी। इसके अलावा सोनीपत और बहादुरगढ़ के औद्योगिक क्षेत्रों को भी बेहतर लिंक रोड से जोड़ा जाएगा। इससे माल की ढुलाई और उद्योगों के लिए ट्रांसपोर्टेशन का समय काफी कम होगा। पीएम मोदी ने कहा कि यह न सिर्फ दिल्ली-एनसीआर बल्कि हरियाणा और उत्तर भारत के विकास को भी नई गति देगा।
इन परियोजनाओं से न केवल ट्रैफिक जाम कम होगा बल्कि प्रदूषण पर भी काबू पाने में मदद मिलेगी। दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर 25% तक ट्रैफिक दबाव घटने का अनुमान है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य दिल्ली को जाम और प्रदूषण मुक्त बनाना है। UER-II के निर्माण में गाजीपुर लैंडफिल से निकाले गए 20 लाख टन कचरे का उपयोग किया गया है। यह परियोजना ग्रीन रोड के रूप में उदाहरण पेश करती है और आने वाले समय में ई-बस, ई-कार और ई-ट्रॉली जैसे वाहनों के लिए हाईवे को तैयार करेगी।
‘वोकल फॉर लोकल’ और मोबाइल निर्माण में छलांग
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र को भी दोहराया। उन्होंने कहा कि आज भारत खादी और स्वदेशी उत्पादों को अपनाकर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने गर्व से बताया कि भारत का मेड इन इंडिया UPI पूरी दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म बन गया है। मोदी ने संदेश दिया कि जब लोग भारत में रहकर भारत के ही उत्पाद खरीदते हैं, तो इससे देश की अर्थव्यवस्था और मजबूत होती है। मोबाइल निर्माण को लेकर उन्होंने कहा कि ग्यारह साल पहले भारत ज्यादातर फोन आयात करता था। लेकिन अब हालात बदल गए हैं। आज देश में 35 करोड़ से अधिक मोबाइल फोन का निर्माण हो रहा है और इन्हें अन्य देशों में निर्यात भी किया जा रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि यह बदलाव भारत की तकनीकी शक्ति और आत्मनिर्भरता की असली तस्वीर है।

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