Sunday, December 7, 2025

PM मोदी ने 12वीं बार लाल किले से तिरंगा फहराकर रचा इतिहास, तोड़ा इंदिरा गांधी का रिकॉर्ड

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Hemant Raushan
Hemant Raushan
Delhi-based content writer at The Rajdharma News, with 5+ years of UPSC CSE prep experience. I cover politics, society, and current affairs with a focus on depth, balance, and fact-based journalism.

PM Modi: भारत ने 15 अगस्त 2025 को आजादी की 79वीं वर्षगांठ पूरे उत्साह के साथ मनाई। इस खास अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक और ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाया। वे लगातार 12वीं बार लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराने वाले पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री बन गए। राष्ट्रगान और ध्वजारोहण के बाद सुबह करीब 7:30 बजे उन्होंने राष्ट्र को संबोधित किया। अपने भाषण की शुरुआत में पीएम मोदी ने स्वतंत्रता संग्राम की याद दिलाई और उन अनगिनत बलिदानों को नमन किया जिन्होंने देश को आज़ादी दिलाई। इसके साथ ही उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य पर ज़ोर देते हुए कहा कि भारत को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है।

इंदिरा गांधी का रिकॉर्ड टूटा, मोदी ने रचा नया इतिहास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक और बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम किया था जब उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सबसे लंबे कार्यकाल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। इंदिरा गांधी ने लगातार 4,077 दिन प्रधानमंत्री पद संभाला था, जबकि 25 जुलाई 2025 को पीएम मोदी का कार्यकाल 4,078 दिन का हो गया। अब उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के लगातार भाषणों में भी उनसे बढ़त बना ली है। इंदिरा गांधी ने लगातार 11 बार लाल किले से भाषण दिया था, जबकि इस साल मोदी ने 12वीं बार यह सम्मान हासिल किया। यह उपलब्धि उन्हें देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के बाद दूसरे स्थान पर ले जाती है, जिन्होंने कुल 17 बार लाल किले से तिरंगा फहराया था।

गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्रियों में सबसे आगे मोदी

स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से तिरंगा फहराने और देश को संबोधित करने के मामले में गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्रियों में नरेंद्र मोदी अब सबसे ऊपर हैं। इससे पहले यह रिकॉर्ड पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम था, जिन्होंने 6 बार यह जिम्मेदारी निभाई थी। इंदिरा गांधी, जो जनवरी 1966 से मार्च 1977 तक और फिर जनवरी 1980 से अक्टूबर 1984 तक प्रधानमंत्री रहीं, ने कुल 16 भाषण दिए। मोदी का यह 12वां संबोधन न केवल एक राजनीतिक मील का पत्थर है, बल्कि उनकी लगातार जीत और जनसमर्थन का प्रतीक भी है।

युवाओं और वैज्ञानिकों से पीएम मोदी का सीधा आह्वान

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने विशेष रूप से देश के युवाओं, वैज्ञानिकों और इंजीनियरों से एक बड़ा आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत को अपना ‘मेड इन इंडिया’ फाइटर जेट जरूर बनाना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि समय की मांग है कि देश रिसर्च और डेवलपमेंट में और अधिक निवेश करे, नई दवाओं की खोज करे और पेटेंट की संख्या बढ़ाए। पीएम मोदी ने कहा कि अगर भारत को दुनिया में अपनी जगह मजबूत करनी है, तो युवाओं को अपने कौशल और नवाचार से देश का भाग्य बदलने के मिशन में सक्रिय भूमिका निभानी होगी। उनका यह संदेश स्पष्ट था—देश का भविष्य युवाओं के हाथों में है और उन्हें ही इसे नई ऊंचाइयों पर ले जाना है।

स्पेस सेक्टर में भारत की बड़ी छलांग

प्रधानमंत्री ने स्पेस सेक्टर में भारत की बढ़ती ताकत पर भी गर्व व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हाल ही में ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला स्पेस स्टेशन से सफलतापूर्वक लौटे हैं और जल्द ही भारत आ रहे हैं। भारत अपने दम पर गगनयान मिशन की तैयारी कर रहा है और निकट भविष्य में अपना खुद का स्पेस स्टेशन बनाने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि स्पेस सेक्टर में हाल के सुधारों के बाद देश में 300 से अधिक स्टार्टअप सक्रिय हो चुके हैं, जिनमें हजारों युवा पूरी लगन से काम कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि यह बदलाव केवल तकनीकी विकास नहीं, बल्कि युवाओं की क्षमता पर भरोसे का परिणाम है।

2047 के लिए भारत का संकल्प

अपने भाषण के अंत में प्रधानमंत्री ने आजादी के 100 साल पूरे होने पर भारत की स्थिति का विज़न साझा किया। उन्होंने कहा कि 2047 में जब भारत अपनी शताब्दी स्वतंत्रता वर्षगांठ मनाएगा, तब तक देश हर क्षेत्र में आधुनिक, आत्मनिर्भर और मजबूत इको सिस्टम खड़ा कर चुका होगा। उन्होंने विश्वास जताया कि 140 करोड़ भारतीय इस सपने को साकार करने में अपनी पूरी ताकत लगा देंगे।

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