Pm Modi: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ अटैक पर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जवाब देते हुए कहा कि भारत अपने किसानों पर , पशुपालकों पर, मधुआरो भाई बहनों के हितों के साथ कभी भी समझौता नहीं करेगे और वह जानते हैं कि व्यक्तिगत रूप से उन्हें इसकी कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है लेकिन वह इसके लिए खुद को तैयार बताते हैं. बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लगाते हुए 25% अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की है और यह शुल्क 27 अगस्त से लागू किया जाएगा वहीं अब अमेरिका ने भारत पर कुल 50% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है.

किसानों के हित के लिए बोले पीएम
पीएम मोदी ने नई दिल्ली में एम.एस. स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार किसानों के आय बढ़ाने और खेती पर खर्च कम करने के लिए लगातार काम कर रही है.
आगे उन्होंने कहा कि देश में सोयाबीन, सरसों, मुंगफली का उत्पादन रिकार्ड लेवल बढा है.आगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं, “हमारे लिए, हमारे किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है.भारत किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा. मैं व्यक्तिगत रूप से जानता हूं कि मुझे इसके लिए भारी कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं. आज भारत देश के किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों के लिए तैयार है…”

ऐग्रिकल्चर और डेरी सेक्टर में क्या थी अमेरिका की मांग?
अमेरिका भारत व्यापार समझौते में भारत के किसानों के हितों पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा था. क्योंकि अमेरिका ने भारतीय कृषि और डेयरी बाजारों तक अपने प्रोडक्ट को वापस पहुंचाने की मांग कर रहा था. अमेरिका चाहता था कि भारत अपने उच्च ट्रैफिक 20-100%) और गैर टैरिफ को हटाए जिससे अमेरिका कृषि उत्पाद जैसे से बादाम, अखरोट सोयाबीन और मक्का भारत के बाजार तक पहुंच सके वो भी बिना किसी रूकावट के. उसके साथ ही अमेरिका डेरी उत्पादों में विशेष रूप से दूध पाउडर और पन के लिए बाजार खोलने की मांग कर रहा था जो भारत के 8 करोड़ डेयरी किसानों के लिए खतरा था और अमेरिका डेयरी प्रोडक्ट भारत में धार्मिक रूप से संवेदनशील मुद्दा है क्योंकि अमेरिका में गायों को भोजन के रूप में मांस और मांस बने प्रोग दिए जाते हैं. वहीं अमेरिका के इस मांग से भारत के 8 करोड़ डेयरी किसानों के लिए यह खतरा था क्योंकि अमेरिकी डेयरी उत्पादों की कीमत कम होने से भारतीय किसानों की आजीविका पर असर पड़ता.

भारत ने इन मांगों का किया विरोध
भारत ने अमेरिका के इन व्यापारिक मांगों का सख्ती से विरोध किया है और क्यों कि इससे ना केवल धार्मिक संवेदनशील का मामला सामने आ सकता था बल्कि किसानों के आजीविका ख़तरे में पड़ सकती थी. अमेरिकी डेयरी प्रोडक्ट्स सस्ते भी है और यह भारतीय किसान से पहले से ही कम आय और वैश्विक प्रतिस्पर्धा से जूझ रहे है. अमेरिका की मांगों को मानने से इन डेयरी पालकों के सामने अपने उत्पादों को बेचने की समस्या सामने आ सकती है.

विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के फैसले की कड़ी निंदा की
विदेश मंत्रालय ने अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ के फैसले पर कड़ा विरोध जताया है और मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि भारत अपनी 140 करोड़ आबादी की उर्जा सुरक्षा को प्राथमिकता देता है और उठाए गए कदम राष्ट्रीय हितों के अनुरूप है.उन्होंने यह भी कहा कि, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका ने भारत पर ऐसे कार्य के लिए अतिरिक्त शुल्क लगाया है जो दूसरे देश भी कर रहे हैं. यह कदम अनुचित, असंगत और अन्यायपूर्ण है और भारत हर आवश्यक कार्रवाई के लिए तैयार है.”
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