PM Modi: बिहार की चुनावी हवा अब तेज हो गई है और इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम-सीएम बर्खास्तगी बिल को लेकर विपक्ष पर करारा हमला बोला है। बिहार में हुई रैली के दौरान उन्होंने कहा कि इस बिल का विरोध वही लोग कर रहे हैं जो बेल पर बाहर हैं या फिर अदालत के चक्कर काट रहे हैं। मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि एनडीए सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जो कदम उठाया है, उससे किसी भी बड़े पद पर बैठे व्यक्ति को छूट नहीं मिलेगी। उन्होंने साफ कहा कि प्रधानमंत्री तक इस कानून के दायरे में आएंगे। इस बयान ने पूरे माहौल को और ज्यादा गर्मा दिया है, क्योंकि विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि इस बिल का इस्तेमाल राजनीतिक बदले के लिए किया जाएगा।

बेल पर बाहर नेताओं पर साधा निशाना
मोदी ने विपक्षी दलों पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि आरजेडी और कांग्रेस के नेता खुद जानते हैं कि उन्होंने किस तरह के खेल खेले हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “आरजेडी और कांग्रेस में कोई बेल पर बाहर है, तो कोई अदालत के चक्कर काट रहा है। और जो लोग जमानत पर बाहर घूम रहे हैं, वही इस कानून का विरोध कर रहे हैं।” उन्होंने भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि भ्रष्टाचारियों को डर है कि अगर यह कानून लागू हो गया तो उनकी सत्ता का सपना टूट जाएगा। मोदी का यह बयान सीधे-सीधे बिहार की राजनीति को प्रभावित करता दिख रहा है, क्योंकि आरजेडी इस समय विपक्ष का बड़ा चेहरा है।
छोटे कर्मचारियों और बड़े नेताओं की तुलना
प्रधानमंत्री मोदी ने मौजूदा व्यवस्था को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि अगर कोई प्यून, ड्राइवर या क्लर्क 50 घंटे तक जेल में रहता है तो उसकी नौकरी चली जाती है और जिंदगी तबाह हो जाती है। लेकिन बड़े नेताओं के लिए अलग नियम क्यों? मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और मंत्री जेल में रहकर भी सत्ता का आनंद ले सकते हैं, जबकि छोटे कर्मचारियों पर तुरंत गाज गिरती है। उन्होंने कहा कि यही असमानता खत्म करने के लिए सरकार ने यह बिल लाया है। भ्रष्टाचारियों को अब यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि कानून से बच सकते हैं।

जेल से फाइलों पर हस्ताक्षर, मोदी का तंज
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी अप्रत्यक्ष तंज कसा। उन्होंने कहा, “कुछ समय पहले हमने देखा कि कैसे जेल से फाइलों पर हस्ताक्षर किए जा रहे थे और जेल से सरकारी आदेश दिए जा रहे थे। अगर नेता जेल से शासन करेंगे तो भ्रष्टाचार से कैसे लड़ सकते हैं?” मोदी ने यह भी कहा कि यह स्थिति लोकतंत्र का मजाक है और जनता ऐसे हालात को बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने दावा किया कि एनडीए सरकार का नया कानून इस प्रवृत्ति को खत्म करेगा और इससे सत्ता में बैठे लोग भी जवाबदेह होंगे।
विपक्ष का विरोध और मोदी का जवाब
विपक्षी दलों का कहना है कि इस बिल का इस्तेमाल बीजेपी सरकार अपने विरोधियों को निशाना बनाने के लिए करेगी। कांग्रेस और आरजेडी समेत कई दलों ने इसे “राजनीतिक हथियार” बताया है। लेकिन मोदी ने इसका जवाब देते हुए कहा कि जिनके दामन पर दाग है, वही डर रहे हैं। “हम संविधान की मर्यादा को तार-तार होते नहीं देख सकते। इसलिए एनडीए सरकार ने तय किया है कि अगर कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री गिरफ्तारी के 30 दिनों के अंदर जमानत नहीं ले पाता तो उसे पद छोड़ना होगा,” मोदी ने कहा। उन्होंने जनता से समर्थन की अपील करते हुए कहा कि यह कानून भ्रष्टाचारियों को बेनकाब करेगा।
बिहार चुनाव में बड़ा मुद्दा बनेगा बिल
बिहार में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और ऐसे समय में पीएम-सीएम बर्खास्तगी बिल ने सियासी माहौल और गर्म कर दिया है। बीजेपी इस बिल को भ्रष्टाचार विरोधी अभियान का हिस्सा बताकर जनता के बीच ले जा रही है, जबकि विपक्ष इसे सत्ता हथियाने का साधन कह रहा है। लेकिन मोदी के हालिया बयान से साफ हो गया है कि एनडीए इस मुद्दे को चुनाव में बड़े हथियार की तरह इस्तेमाल करेगी।

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