Operation sindoor:ऑपरेशन सिन्दूर पर बयानबाजी जोरो पर है. ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर जहां एक तरह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से स्पष्ट कह दिया है कि ये सिर्फ ट्रेलर था पिक्चर पूरी बाकि है तो यह स्पष्ट हो जाता है कि ऑपरेशन सिन्दून अभी खत्म नहीं हुआ है. ऐसे में बड़बोले नेताओं का भी बयान सुर्खियों में बना हुआ है. मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री के बयान के बाद यह मामला और भी गर्म हो गया.कैबिनेट मंत्री विजह शाह का जवाब शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने दिया है.

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने क्या कहा
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती लगातार अपने बयानों कों लेकर सुर्खियों में रहते है. दरअसल भाजपा मंत्री विजय शाह का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जिस पार्टी के प्रवक्त ही मुसलमान होते हों, चुन चुन कर मुसलमान प्रवक्त रखती रही हो, वो मुसलमानों के प्रति ऐसी धारणा रखती है. इसका मतलब है कि उसके मन में कुछ और है, दिखाती कुछ और है. प्रकट हो गया. मुकदमा हुआ है, यह ठीक है, लेकिन सजा कहां होती है. जब हमारी सेना ने किसी को पद और दायित्व दिया है तो कुछ सोचकर ही दिया होगा. आप उसके विरुद्ध ऐसी टिप्पणी कह रहे हैं. इस पार्टी का यह नियम हो गया है, प्रशंसा भी करेगी और निंदा भी. यह इनकी राजनीति है.

कैबिनेट मंत्री विजय शाह ने क्या कहा था
जनजातीय मंत्री विजय शाह के खिलाफ कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान देने के मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने FIR दर्ज कर लिया है और इसके बाद उनके खिलाफ इंदौर के मानपुर थाने में केस दर्ज कर दिया गया है. दरअसल, शाह ने अपने बयान में कहा था -” जिन्होंने हमारी बेटियों का सिंदूर उजाड़ा है, उन कटे-पिटे लोगों को उनकी ही बहन भेजकर नंगा कराया……. मोदी जी तो नहीं उतर सकते थे, इसलिए उनके समाज की बहन को भेजा.” बता दें कि इस बयान के बाद शाह ने माफी मांगी लेकिन इस दौरान वह बेशर्मी से हंसते रहे. बता दें कि इससे पहले भी साल 2013 में शाह ने मंत्री रहते हुए तत्कालीन सीएम शिवराज चौहान की पत्नी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी.

पूर्व मंत्री उषा ठाकुर ने कहा जबान फिसल गयी
पूर्व मंत्री उषा ठाकुर उस मंच पर मौजूद थी जब कैबिनेट मंत्री ने यह बयाब दिया था बाद में जब पत्रकारों ने उषा ठाकुर से इस मुद्दे पर प्रश्न किया तो उन्होंने कि जो होना था, वह हो चुका है. आप सभी लोग भली-भांति जानते हैं कि मंशा किसी की इस प्रकार की हो ही नहीं सकती. इस प्रकार की अनर्गल बयानबाजी कई बार जुबान फिसल जाने के कारण ऐसी भ्रांतियां पैदा हो जाती हैं. तो हमे इसे गंभीरता से विचार करते हुए विषयों को समझना होगा.
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