Monday, August 4, 2025

Kulgam Encounter: कश्मीर में सेना का बड़ा एक्शन, दो आतंकी ढेर, मुठभेड़ अब भी जारी

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Encounter In Kulgam: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के जंगलों में एक बार फिर गोलियों की गूंज सुनाई दी। देर रात शुरू हुई यह मुठभेड़ अब भी जारी है। अब तक दो आतंकियों को सेना ने मार गिराया है। यह ऑपरेशन इसलिए भी खास माना जा रहा है क्योंकि इसमें सेना को पहले से खुफिया जानकारी मिली थी कि कुछ आतंकी इलाके में छिपे हुए हैं। चिनार कॉर्प्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस और CRPF की संयुक्त टीम ने इस मिशन को अंजाम दिया। जैसे ही सुरक्षाबल जंगल के अंदर बढ़े, छिपे हुए आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जवानों ने पूरी मुस्तैदी से जवाबी कार्रवाई करते हुए आतंकियों को घेर लिया। शुरुआती गोलीबारी में एक आतंकी मारा गया, जबकि दूसरे आतंकी को सुबह ढेर कर दिया गया। ऑपरेशन अब भी रुका नहीं है।

लश्कर से जुड़े हो सकते हैं आतंकी, सेना का सर्च ऑपरेशन तेज

Encounter in Kulgam सिर्फ एक आम मुठभेड़ नहीं है। सेना को शक है कि मारे गए आतंकी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हो सकते हैं। इसी कारण ऑपरेशन को और भी सतर्कता से अंजाम दिया जा रहा है। जंगलों में रुक-रुक कर गोलियों की आवाजें अभी भी आ रही हैं। सेना ने पूरे इलाके को सील कर दिया है और आस-पास के गांवों में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। सुरक्षाबलों का कहना है कि अभी दो से तीन और आतंकी वहां मौजूद हो सकते हैं। अतिरिक्त बल भेजे जा चुके हैं और ड्रोन की मदद से इलाके की निगरानी की जा रही है।

Operation Mahadev की ताज़ा यादें फिर हुईं ताजा

Encounter in Kulgam की यह घटना उस समय सामने आई है जब कुछ दिन पहले ही Operation Mahadev को सेना ने सफलतापूर्वक अंजाम दिया था। इस ऑपरेशन में पहलगाम हमले में शामिल तीन आतंकियों को ढेर किया गया था। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में इसकी जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि 22 अप्रैल को IB को जानकारी मिली थी कि दाछीगाम क्षेत्र में कुछ आतंकी छिपे हैं। इस जानकारी को पुख्ता करने के लिए अप्रैल से जुलाई तक लगातार निगरानी की गई। सेंसर डिवाइस, ह्यूमन इंटेल और ग्राउंड टीमों ने मिलकर आतंकियों की सही लोकेशन की पुष्टि की।

सेना, CRPF और J&K पुलिस की संयुक्त रणनीति से मिली सफलता

Encounter in Kulgam हो या Operation Mahadev—सभी में एक बात समान है। इन अभियानों में सुरक्षाबलों की एकजुटता देखने को मिली है। सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और CRPF मिलकर काम कर रहे हैं। इससे ना सिर्फ मिशन सफल हो रहे हैं बल्कि घाटी में सुरक्षा की भावना भी बढ़ रही है। आतंकियों के पास अब सीमित संसाधन बचे हैं। स्थानीय नागरिक भी अब सुरक्षा एजेंसियों के साथ सहयोग कर रहे हैं। यही वजह है कि ऐसे ऑपरेशनों को सफल बनाना पहले से ज्यादा संभव हो गया है।

स्थानीय लोगों का बढ़ता भरोसा, आतंक के खिलाफ खड़ा हो रहा है कश्मीर

Encounter in Kulgam से यह साफ हो गया है कि अब आतंकियों के लिए कश्मीर में पनाह लेना आसान नहीं रहा। घाटी में हाल के वर्षों में सुरक्षाबलों को नागरिकों से काफी समर्थन मिल रहा है। आतंकियों की हर हरकत पर नजर रखी जा रही है। जैसे ही कोई गतिविधि संदिग्ध लगती है, फौरन सुरक्षाबलों को सूचना मिल जाती है। सरकार भी इन ऑपरेशनों को लेकर सजग है। केंद्र से लेकर राज्य प्रशासन तक लगातार सुरक्षा समीक्षाएं हो रही हैं। सेना के अधिकारी खुद ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं।

घाटी में एक और बड़ा संदेश

यह मुठभेड़ सिर्फ एक ऑपरेशन नहीं, बल्कि घाटी के लिए एक बड़ा संदेश है। आतंक फैलाने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा। जो भी नागरिकों की शांति और सुरक्षा को खतरे में डालेगा, उसे जवाब मिलेगा। Encounter in Kulgam जैसी कार्रवाइयों से यह साफ हो रहा है कि सरकार और सुरक्षाबल दोनों ही अब और सख्त हो चुके हैं। आतंकियों को अब कोई सहानुभूति नहीं मिलने वाली। सुरक्षा बलों का मकसद अब सिर्फ जवाब देना नहीं, बल्कि आतंक की जड़ों को उखाड़ फेंकना है।

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