Sunday, December 7, 2025

PM मोदी ने किया कर्तव्य भवन का लोकार्पण, जानें गृह मंत्रालय समेत कौन-कौन हुए शिफ्ट

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Hemant Raushan
Hemant Raushan
Delhi-based content writer at The Rajdharma News, with 5+ years of UPSC CSE prep experience. I cover politics, society, and current affairs with a focus on depth, balance, and fact-based journalism.

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी दिल्ली में कर्तव्य भवन-3 का भव्य लोकार्पण किया। यह इमारत सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत तैयार की गई है और इसका मकसद है — केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों को एक ही जगह पर लाना। गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, और ग्रामीण विकास मंत्रालय समेत कई प्रमुख विभाग अब यहां से कामकाज शुरू कर चुके हैं।

कर्तव्य भवन-3: मंत्रालयों का नया केंद्र बना

इंडिया गेट और राष्ट्रपति भवन के बीच बने कर्तव्य भवन को भारत सरकार का नया प्रशासनिक केंद्र माना जा रहा है। यह भवन न केवल भौगोलिक रूप से केंद्र में स्थित है, बल्कि सरकारी कामकाज की दृष्टि से भी अब यही नई धुरी बनेगा। अब तक अलग-अलग इलाकों में फैले मंत्रालय एक जगह काम करेंगे, जिससे न केवल तालमेल बेहतर होगा, बल्कि निर्णय लेने की प्रक्रिया भी तेज होगी। यह बदलाव प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम है।

कर्तव्य भवन-3 में जिन मंत्रालयों को नई जगह दी गई है, उनमें शामिल हैं: गृह मंत्रालय,विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, MSME मंत्रालय, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय। इन मंत्रालयों के स्थानांतरण से प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और गति आने की उम्मीद है।

भविष्य में और भी मंत्रालय होंगे शामिल

जहां कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन हो चुका है, वहीं सरकार कर्तव्य भवन-1 और कर्तव्य भवन-2 के निर्माण कार्य को भी अंतिम चरण में पहुंचा चुकी है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर के अनुसार, अगले कुछ महीनों में इन दोनों भवनों का काम भी पूरा हो जाएगा। विशेष बात यह है कि कर्तव्य भवन-1 में वित्त मंत्रालय समेत कई अन्य बड़े विभागों को जगह दी जाएगी। इतना ही नहीं, वित्त मंत्रालय का प्रिंटिंग प्रेस भी इसी भवन में स्थानांतरित किया जाएगा।

कर्तव्य भवन-3 की खास बातें क्या हैं?

कर्तव्य भवन-3 आधुनिकता और सुविधा का अनोखा मेल है। कुल 7 मंजिलों में फैला यह भवन करीब 1.5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में बना है। यहां 600 से ज्यादा गाड़ियों के लिए पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है। भवन में सरकारी कर्मचारियों की सुविधा के लिए कई आधुनिक सुविधाएं जोड़ी गई हैं: यहां वर्क हॉल, योगा, क्रैच, मेडिकल रूम, कैफे, 24 कॉन्फ्रेंस हॉल और 26 छोटे कॉन्फ्रेंस हॉल मौजूद हैं। इसके अलावा 67 मीटिंग रूम, 27 लिफ्ट और 2 स्वचालित सीढ़ियां भी हैं। ये सभी सुविधाएं इस बात का संकेत हैं कि सरकार अब वर्क कल्चर को भी नई दिशा देना चाहती है।

साउथ ब्लॉक और नॉर्थ ब्लॉक का नया रोल

कर्तव्य भवन के शुरू होने के साथ ही एक और बड़ा प्रशासनिक बदलाव सामने आया है। साउथ ब्लॉक और नॉर्थ ब्लॉक, जो अब तक भारत सरकार के मुख्यालय रहे हैं, उन्हें अब नया रूप दिया जाएगा। सरकार की योजना है कि इन ऐतिहासिक इमारतों को ‘युगे-युगीन भारत संग्रहालय’ में तब्दील किया जाए। इससे देश की ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजने का एक सुनहरा मौका मिलेगा और नागरिकों के लिए यह एक नई जानकारी और अनुभव की जगह बन जाएगी।

कर्तव्य भवन क्यों है खास – मोदी सरकार का विजन

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा कि कर्तव्य भवन सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि यह “कर्तव्य” के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह भवन नए भारत के लिए प्रशासनिक दक्षता, पारदर्शिता और समयबद्धता का केंद्र बनेगा। इस इमारत का हर कोना, हर कमरा एक नई सोच, नया जोश और नया सिस्टम दर्शाता है। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के अंतर्गत हुए इस निर्माण से यह साफ होता है कि अब भारत का प्रशासनिक भविष्य एक नई दिशा में बढ़ रहा है।

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