Jagdeep Dhankhar: जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफा देना से सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया है. बीते दिनों उन्होंने कहा कि वह अगस्त 2027 में रिटायर होंगे लेकिन स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को बताते हुए उन्होंने उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया है. ऐसे में आज हम इस आर्टिकल में आपके साथ ऐसे तीन थ्योरिज को शेयर करेंगे जो इसके इस्तीफा देने के बाद काफी चर्चा का विषय बना हुआ है.

अगस्त 2027 में रिटायर होने वाले हैं जगदीप
जगदीप सिंह धनखड़ के इस्तिफा देने की ख़बर ने सबको चौका दिया है. बता दें कि जगदीप धनकड़ ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा कि -” मैं सही समय पर रिटायर हो जाऊंगा, साल 2027 में अगस्त भगवान की मर्जी रही तो.” यह लाइन जगदीप सिंह धनखड़ ने कुछ दिनों पहले ही दिल्ली में स्थित जेएनयू यूनिवर्सिटी के एक प्रोग्राम में बोला था और सोमवार 21 जुलाई को उन्होंने उपराष्ट्रपति पर से इस्तीफा दे दिया. संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दे दिया और उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला दिया है. बता दें कि उनके इस फैसले ने सभी को चौंका दिया है और इस्तीफे के बाद कई तरह की चर्चा भी है.
जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे की तीन थ्योरिज-
- इस्तीफे के बाद सन्नाटा ना बधाई,ना बयान
जगदीप धनकड़ के इस्तीफे पर विपक्षी दलों का मानना है कि बीजेपी के मंत्रियों की ओर से भी जगदीप धनखड़ ने विशेष प्रतिक्रिया नहीं दी गई. वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धनखड़ के इस्तीफे के 15 घंटे बाद अपना रिएक्शन दिया था. पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए जगदीप सिंह धनखड़ की प्रशंसा की और उन्हें एक प्रेरणादायक नेता बताया और उन्होंने धनखड़ के कार्यालय के दौरान उनके योगदान की सराहना.

- इस्तीफा देने के समय पर सवाल
जगदीप सिंह धनखड़ बीते कुछ वक्त से बीमार चल रहे थे और हाल ही में हृदय संबंधी समस्याओं का इलाज करवाया था. मानसून सत्र के पहले दिन ही उनके इस्तीफे ने सभी को चौका दिया और एक विपक्ष नेता ने इस्तीफा वाली बात पर कहा कि अगर इस्तीफा देना था तो सत्र शुरू होने से पहले ही दे देना चाहिए था इससे कामकाज पर असर पड़ता है और अचानक हुए बदलाव से पैदा हुई स्थिति से भी बचा जा सकता है.

- बिहार चुनाव है कारण?
ऐसी चर्चा राजनीतिक गलियारों में हैं कि जगदीप सिंह धनखड़ के इस्तीफे के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति बनाने का रास्ता साफ हो गया है ऐसा करके बीजेपी बिहार चुनाव में अपना पैर पसार सकती है. ऐसे में बिहार में ज्यादा सीटें जीतने की कोशिश में है.
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