Monday, May 19, 2025

Indus water Treaty : पाक का भारत से पानी छोड़ने की गुहार! मोदी सरकार का करारा जवाब

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Indus water Treaty: आतंकवाद को पनाह देने वाला पाकिस्तान आज पानी के लिए तड़प रहा है. पाकिस्तान जो कभी भारत को आंख दिखाता था और परमाणु बम की धमकी देता था आज पानी की कमी से जूझ रहा है. पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया था जिसके बाद पाकिस्तान बूंद-बूंद पानी के लिए तरस गया है. समझौता स्थगित होने के बाद पाकिस्तान अब पीने के पानी के लिए परेशान है और अब पाक ने भारत के सामने पानी छोड़ने की गुहार लगाई है जिससे उसके बौखलाहट साफ नज़र आती है और यह भी कि वह भारत सरकार की मदद पर निर्भर हो गया है.

Indus water Treaty

मोदी सरकार का सख्त रूख

मोदी सरकार ने Indus water treaty मुद्दे पर अपना स्टैंड साफ कर दिया है और केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथन को निर्देश दिया है कि सिंधु जल संधि तब तक निलंबित रहेगी जब तक पाकिस्तान सीमा पर आतंकवाद के लिए अपने समर्थन के लिए विश्वसनीय और स्थायी रूप से समाप्त नहीं कर देता है.

Indus water Treaty

मोदी सरकार का सिंधु जल समझौते पर स्टैंड

पाकिस्तान हमेशा से ही कभी भारत को परमाणु बम की धमकी देता था और आतंकवादियों को शरण देता था. पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार द्वारा सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया गया जिसके बाद पाकिस्तान की स्थिति और भी खराब हो गई है.

पाकिस्तान अपने नापाक हरकतों के बाद अब भारत से पानी छोड़ने के लिए गुहार लगा रहा है. सिंधु जल समझौता रद्द होने के बाद पाकिस्तान अब पीने की कमी से परेशान हैं और भारत से पानी छोड़ने के लिए गुहार लगा रहा है. उसकी गिड़गिड़ाहट से अब पता चलता है कि वह अपने जरूरतों के लिए भारत पर निर्भर है.

Indus water Treaty

मोदी सरकार ने इस मुद्दे पर अपना स्टैंड लेते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथन को निर्देश दिया है कि सिंधु जल संधि तब तक निलंबित रहेगी जब तक पाकिस्तान सीमा पर आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को विश्वसनीय और स्थायी रूप से समाप्त नहीं कर देता.

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने का फैसला किया है और संधि के तहत, भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी औ उसकी सहायक नदियों के पानी के वितरण और उपयोगी को नियंत्रित किया जाता है. यह संधि 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई थी.

पाकिस्तान पानी की कमी से जूझ रहा है और भारत से मदद की गुहार लगा रहा है लेकिन भारत सरकार अपने फैसले पर अडिग है. सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान के जल संसाधन सचिव ने नई दिल्ली के साथ विशिष्ट आपत्तियों पर चर्चा करने की इच्छा जताई है लेकिन भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के मुद्दे पर अपना रूख बदला और तब तक के लिए सिंधु जल संधि को स्थगित रखा जाएगा.

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