Donald Trump: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने लगाए गए टैरिफ का एक फिर रविवार को बचाव किया और उन्होंने कहा कि उनके द्वारा लगाए गए टैरिफ ( शुल्क) देश को की आर्थिक और सैन्य ताकत के लिए बहुत आवश्यक है. उनका कहना है कि अगर उनके द्वारा लगाया गया टैरिफ हटाया गया तो अमेरिका पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा और उनका यह बयान ऐसे समय पर आया है जब कुछ दिन पहले ही यूएस कोर्ट आफ अपील्स फार द फेडरल सर्किट ने डोनाल्ड ट्रंप के अधिकतर टैरिफ को ग़ैरक़ानूनी बताया है और इस फैसले के खिलाफ ट्रंप प्रशासन सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयार कर रहा है.

ट्रंप ने अदालत के फैसले की आलोचना की
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा -” अगर टैरिफ नहीं होते और हम अब तक खरबों डॉलर इकट्ठा नहीं करते, तो हमारा देश पूरी तरह से बर्बाद हो जाता है और हमारी सैन्य शक्ति तत्काल ध्वस्त हो जाती.” उन्होंने अदालत के 7-4 के फैसले की भी निंदा की और इसे कट्टरपंथी वामपंथी समूह का निर्णय बताया हालांकि ट्रंप ने एक असहमत जज, जिन्हें बराक ओबामा ने नियुक्ति किया था, उनकी सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने साहस दिखाया है और वह अमेरिका से सच्चा प्रेम करते हैं.

क्या था अदालत का फैसला?
बता दें कि शुक्रवार को अमेरिकी संघीय सर्किट की अपीलीय अदालत ने डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए कई टैरिफ को अवैध बताया और अनिश्चितकालीन टैरिफ लगाने का अधिकार नहीं है लेकिन अदालत ने टैरिफ को 14 अक्टूबर तक लागू रहने की अनुमति दी जिससे डोनाल्ड ट्रंप सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकें.

डोनाल्ड ट्रंप पहले भी बता चुके हैं कोर्ट को पक्षपातपूर्ण
अमेरिका के राष्ट्रीय डोनाल्ड ट्रंप इससे पहले भी कोर्ट के फैसले की निंदा कर चुके हैं और उन्होंने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर लिखा था -” सभी टैरिफ अभी भी लागू है. एक बेहद पक्षपातपूर्ण अपील अदालत ने गलत तरीके से कहा कि हमारे टैरिफ हटा दिए जाने चाहिए, लेकिन वे नहीं जानते हैं कि लास्ट में जीत अमेरिका की होगी. अगर यह टैरिफ कभी हट भी गए तो यह देश के लिए बड़ी आपदा होगी.” डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयान में व्यापार घाटे और विदेशी देशों द्वारा लगाए गए अनुचित शुल्कों का मुद्दा भी उठाया था. उन्होंने लिखा था -” अमेरिका अब भारी व्यापार घाटे और दूसरे देशों, चाहें वह मित्र हों या शत्रु द्वारा लगाए गए अनुचित टैरिफ और गैर- टैरिफ व्यापार बाधाओं को बर्दाश्त नहीं करेगा जो हमारे उत्पादनों, किसानों और बाकी सभी को कमजोर करते हैं और अगर इसे ऐसे ही रहने दिया गया तो यह फैसला सचमुच अमेरिका को तबाह कर देगा.
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