Donald Trump: अमेरिका ने हाल ही में भारत पर कुल 50% टैरिफ लगाया है और जो पिछली अदालत ने अवैध घोषित कर दिया था. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने अपनी सीमा से आगे बढ़कर आपातकालीन शक्तियों को गलत तरीके से उपयोग किया है. वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर भारत समेत बहुत से देशों पर लगाएं गए टैरिफ को आगे जारी रखने की मांग की है.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रशासन ने अदालत में दायर किए गए डोक्युमेंट में चेतावनी दी है कि भारत समेत बहुत से देशों पर लगाए गए टैरिफ को हटाने के लिए अमेरिका को व्यवसायिक रूप से प्रतिशोध झेलना पड़ेगा और विदेशों में शांति बनाएं रखने की कोशिश करनी पड़ेगी. रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपील में अमेरिकी सालिसिटर जनरल जान सायर ने न्यायधीशों से ड्यूटी को बरकरार रखने की अपील की है जिसे निचली अदालत ने अवैध ठहराया था.अपील में कहा गया -” इस मामले में दांव पर लगी गई चीजें बहुत बड़ी है.” दस्तावेज में टैरिफ को ” यूक्रेन में शांति की कोशिशों का अहम हिस्सा ” और ” आर्थिक तबाही से बचाने वाला ढाल ” बताया है.
ट्रंप बोले बिना टैरिफ अमेरिका तबाह
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा -” हमने हाल ही में रूस यूक्रेन युद्ध को लेकर जारी किए गए आपातकालीन से निपटने के लिए भारत पर टैरिफ लगाया है , क्योंकि वह रूसी एनर्जी प्रोडक्ट खरीदता रहता है . इन टैरिफ को हटाना अमेरिका को आर्थिक तबाही के तरफ धकेल देगा.”हाल ही में अमेरिका में भारत पर 25% टैरिफ लगाया यह कहते हुए कि व्यापार का घाटा बढ़ रहा है.इसके साथ ही रूस से तेल व्यापार को खत्म करने के दबाव को न मानने पर 25% अतिरिक्त शुल्क भी जोड़ा जाएगा यानी कुल मिलाकर 25% शुल्क जोड़ा जाएगा. यानी पूरा मिलाकर 50% टैरिफ लागू होगा.

क्या कहा था निचली अदालत ने?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने फेडरल सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स के फैसले के खिलाफ अपील की है और इस फैसले में यह कहा गया था कि ट्रंप ने इमरजेंसी आर्थिक शक्तियों का इस्तेमाल करके व्यापार टैरिफ लगाकर अपनी अधिकार – सीमा से आगे बढ़ गए हैं.प्रशासन ने इसके उलट तर्क दिया कि यह कदम ” शांति और अभूतपूर्व आर्थिक समृद्धि” ला रहे हैं और देशों को वाशिंगटन के साथ नए व्यापार ढांचे में ला रहे हैं.

ट्रंप ने दिया तर्क
अमेरिकी सरकार ने अपने दस्तावेज में कहा-” टैरिफ के साथ अमेरिका एक अमीर देश है, बिना टैरिफ अमेरिका गरीब देश है.” इसमें कहा गया है कि टैरिफ के कारण अमेरिका एक अमीर देश है और अगर इन शुल्कों को हटा दिया जाए तो अमेरिका का रक्षा – औद्योगिक ढांचा कमजोर होगा और सालाना 1.2 ट्रिलियन डॉलर के व्यापार घाटे पर असर पड़ेगा और चल रही विदेशी वार्तोओ पर अनिश्चितता का साया छा जाएगा. दिए गए दस्तावेजों के अनुसार इन ड्यूटीज की वज़ह से ” छह बड़े व्यापारिक साझेदार और 27 देशों वाला यूरोपीय संघ पहले ही फ्रेमवर्क समझौते में शामिल हो चुके हैं जिससे अमेरिका की वैश्विक स्थिति और मजबूत है.

सुप्रीम कोर्ट ने किया अपील
अमेरिका सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक अपील दायर की और इसमें जल्द से जल्द फैसला लेने का अनुरोध किया गया है. इसमें कहा गया -” एक साल पहले अमेरिका एक ” मरा हुआ देश” था और अब उन ट्रिलियन डॉलर की वज़ह से जो देश हमें बुरी तरह लूटते रहे थे और अब हमें दे रहे हैं अमेरिका फिर से एक मजबूत, आर्थिक रूप से सक्षम और सम्मानित देश बन गया है. ट्रंप प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट से जल्दी फैसला देने की अपील की जिससे यह साफ हो सके की राष्ट्रपति के पास संघीय कानून के तहत व्यापक आयात कर लगाने का अधिकार है और यह अपील उस निचली अदालत के फैसले को चुनौती देती है जिससे ट्रंप के अधिकांश टैरिफ को आपातकालीन शक्तियों का अवैध इस्तेमाल बताया गया था.
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