Bihar Cabinet Decision: बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, और इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं। बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में 30 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी। इसमें जेपी सेनानियों की पेंशन दोगुनी करना, चार जिलों में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट निर्माण के लिए सर्वे बजट मंजूर करना, गया एयरपोर्ट का विस्तार, और कई इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट शामिल हैं। इन फैसलों को राजनीतिक तौर पर भी अहम माना जा रहा है, क्योंकि ये सीधे जनता के जीवन और विकास से जुड़े हैं।

जेपी सेनानियों की पेंशन में ऐतिहासिक बढ़ोतरी
कैबिनेट बैठक में सबसे चर्चित फैसला जेपी सेनानियों की पेंशन बढ़ाने का रहा। जेपी आंदोलन के दौरान 18 मार्च 1974 से 21 मार्च 1977 तक मीसा या डीआईआर कानून के तहत जेल में बंद रहे लोगों को यह पेंशन दी जाती है। पहले एक से छह माह तक जेल में रहे सेनानियों को 7,500 रुपये और छह माह से अधिक अवधि वाले सेनानियों को 15,000 रुपये प्रति माह मिलते थे। अब यह राशि बढ़ाकर क्रमशः 15,000 और 30,000 रुपये कर दी गई है। सरकार का कहना है कि यह निर्णय उनके बलिदान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए किए गए योगदान का सम्मान है।

चार जिलों में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए सर्वे शुरू होगा
नीतीश कैबिनेट ने मुंगेर, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और सहरसा में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाने के लिए OLS सर्वे की स्वीकृति दी है। इसके लिए 2 करोड़ 90 लाख 91 हजार 720 रुपये का बजट मंजूर हुआ है। इन एयरपोर्ट के बनने से राज्य में हवाई कनेक्टिविटी बढ़ेगी, व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, और स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। सरकार का मानना है कि इससे बिहार का आर्थिक और सामाजिक विकास तेज होगा।

गया एयरपोर्ट विस्तार और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा
बैठक में गया एयरपोर्ट के विस्तार प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली। इसके तहत 18.2242 एकड़ भूमि अधिग्रहित की जाएगी और CAT-1 लाइट लगाई जाएगी, जिससे खराब मौसम और धुंध में भी विमान संचालन संभव होगा। इसके साथ ही पटना के पुनपुन पिंडदान स्थल पर 82 करोड़ 90 लाख रुपये की लागत से लक्ष्मण झूला सस्पेंशन ब्रिज बनाया जाएगा। सरकार का मानना है कि इससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं बेहतर होंगी।

औद्योगिक विकास और रोजगार पर फोकस
कैबिनेट ने औद्योगिक क्षेत्रों के विस्तार के लिए पटना के बख्तियारपुर, बेगूसराय, सहरसा और मधेपुरा समेत कई जिलों में भूमि अधिग्रहण का निर्णय लिया है। इसके अलावा “जीविका” से जुड़े सामुदायिक संगठन कार्यकर्ताओं, सेवा प्रदाताओं और संसाधन सेवियों का मानदेय दोगुना कर दिया गया है। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में 347.51 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा और रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी करेगा।

बुनियादी ढांचे में बड़े निवेश की तैयारी
पटना में मीठापुर फ्लाईओवर और चिरैयाटांड फ्लाईओवर को जोड़ने के लिए 292.74 करोड़ रुपये की लागत से फ्लाईओवर निर्माण को मंजूरी मिली है। इसके साथ ही अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर के निर्माण को तेज करने का भी फैसला लिया गया है। इन परियोजनाओं से न केवल यातायात सुगम होगा, बल्कि राज्य के औद्योगिक विकास को भी गति मिलेगी। विशेषज्ञ मानते हैं कि नीतीश सरकार के ये फैसले विकास और चुनावी रणनीति का संतुलन दिखाते हैं, जिससे जनता को सीधा लाभ मिलेगा।

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