New Delhi: भारत ने अपनी रक्षा शक्ति को एक नए स्तर पर पहुंचाते हुए ओडिशा के तट पर IADWS एयर डिफेंस सिस्टम का पहला सफल परीक्षण किया। शनिवार को दोपहर करीब 12:30 बजे हुए इस ऐतिहासिक परीक्षण ने भारत की वायु रक्षा क्षमता को और मजबूत कर दिया है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने इस सिस्टम को विकसित किया है, जो आने वाले समय में भारतीय सशस्त्र बलों की रीढ़ साबित होगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता पर DRDO, भारतीय सेना और देश के उद्योग जगत को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि भारत की सुरक्षा को नई मजबूती देगी।

IADWS एयर डिफेंस सिस्टम की ताकत
IADWS यानी Integrated Air Defence Weapon System को बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली कहा जा सकता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह विभिन्न स्तरों पर दुश्मन के हवाई खतरों को पहचान कर तुरंत जवाब देने में सक्षम है। इसमें क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल (QRSAM), एडवांस्ड वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (VSHORADS) और एक शक्तिशाली डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW) शामिल है। ये हथियार मिलकर दुश्मन के ड्रोन, हेलीकॉप्टर, लड़ाकू विमान और यहां तक कि बैलिस्टिक मिसाइलों तक को हवा में ही नष्ट करने में सक्षम हैं। DEW यानी लेजर आधारित हथियार इसकी सबसे आधुनिक तकनीक है, जो बिना किसी बारूद के केवल ऊर्जा किरणों से लक्ष्य को ध्वस्त करता है।
दुश्मन देशों के लिए कड़ा संदेश
इस सिस्टम के सफल परीक्षण के बाद भारत ने दुनिया को यह संदेश दिया है कि उसकी वायु रक्षा क्षमता अब पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हो चुकी है। हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने हजारों पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराकर अपनी ताकत का लोहा मनवाया था। उस समय पूरी दुनिया ने भारतीय एयर डिफेंस की दक्षता को देखा। अब IADWS जैसे आधुनिक सिस्टम की सफलता ने पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसी देशों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। भारत ने साफ कर दिया है कि उसकी वायु सीमा में घुसने की किसी भी कोशिश को तुरंत नाकाम कर दिया जाएगा।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की प्रतिक्रिया
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि को देश के लिए गर्व का क्षण बताया। उन्होंने कहा कि IADWS का सफल परीक्षण भारत की रक्षा नीति के लिए मील का पत्थर साबित होगा। यह न केवल दुश्मनों के खिलाफ क्षेत्रीय रक्षा को मजबूत करेगा बल्कि रणनीतिक स्थलों और महत्वपूर्ण संस्थानों को भी सुरक्षित बनाएगा। उन्होंने DRDO और सशस्त्र बलों के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की सराहना करते हुए कहा कि यह उनकी मेहनत और स्वदेशी तकनीक पर विश्वास का नतीजा है।
DRDO का बढ़ता आत्मविश्वास
DRDO ने बताया कि यह परीक्षण साबित करता है कि भारत अपनी रक्षा प्रणाली में पूरी तरह आत्मनिर्भर होता जा रहा है। IADWS पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से तैयार किया गया है और इसमें नवीनतम सेंसर, राडार और ऑटोमेटेड कंट्रोल सिस्टम का इस्तेमाल हुआ है। यह सिस्टम खतरों की पहचान से लेकर उन्हें खत्म करने तक की प्रक्रिया को सेकंडों में पूरा कर देता है। DRDO का कहना है कि इस तकनीक को भविष्य में और उन्नत किया जाएगा और इसे सेना के विभिन्न हिस्सों में तैनात किया जाएगा।

भारत की रक्षा नीति को मिली नई दिशा
IADWS एयर डिफेंस सिस्टम का सफल परीक्षण केवल एक तकनीकी उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह भारत की रक्षा नीति में एक बड़ा कदम है। पड़ोसी देशों की गतिविधियों और बदलते सुरक्षा माहौल को देखते हुए यह सिस्टम भारत को भविष्य के खतरों से भी सुरक्षित करेगा। चीन और पाकिस्तान की नजरें हमेशा भारत पर रहती हैं, ऐसे में यह सिस्टम उन्हें दो बार सोचने पर मजबूर करेगा। IADWS का जुड़ना इस बात का संकेत है कि भारत केवल प्रतिक्रिया देने के लिए नहीं, बल्कि पहले से तैयार रहकर दुश्मन की किसी भी चाल को नाकाम करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह कदम आने वाले समय में भारत की रणनीतिक स्थिति को और मजबूत बनाएगा और देशवासियों का आत्मविश्वास बढ़ाएगा।

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