Sunday, December 7, 2025

भारत-जापान बिजनेस फोरम 2025: PM मोदी बोले- विकसित भारत के लिए बड़े सुधारों की शुरुआत

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Hemant Raushan
Hemant Raushan
Delhi-based content writer at The Rajdharma News, with 5+ years of UPSC CSE prep experience. I cover politics, society, and current affairs with a focus on depth, balance, and fact-based journalism.

PM Modi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार सुबह जापान पहुंचे और कुछ ही घंटों बाद जापानी प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा के साथ भारत-जापान बिजनेस फोरम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने भारत को एक उभरती हुई आर्थिक शक्ति के रूप में पेश किया और जापानी कंपनियों को निवेश के नए अवसरों का लाभ उठाने का आमंत्रण दिया। मोदी ने साफ कहा कि भारत केवल अपनी प्रगति के लिए नहीं, बल्कि वैश्विक दक्षिण के देशों के लिए भी प्रवेश द्वार बन सकता है। यह संदेश ऐसे समय आया जब हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय अर्थव्यवस्था को “मृत” बताया था। मोदी ने मंच से भारतीय इकोनॉमी की स्थिरता और उसकी मजबूती को वैश्विक निवेशकों के सामने रखा।

विकसित भारत के विजन पर पीएम मोदी का जोर

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने सरकार द्वारा हाल के वर्षों में लागू किए गए सुधारों पर विस्तार से बात की। उन्होंने कर सुधार, नीति स्थिरता और आर्थिक पारदर्शिता को भारत की नई पहचान बताया। मोदी ने कहा, “इन सुधारों के पीछे हमारा विकसित भारत बनाने का संकल्प है। हमारी प्रतिबद्धता है, रणनीति है।” प्रधानमंत्री ने भरोसा दिलाया कि भारत जल्द ही विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत वैश्विक विकास में 18 प्रतिशत का योगदान दे रहा है और अब दुनिया केवल भारत को देख नहीं रही, बल्कि भारत पर भरोसा कर रही है।

https://twitter.com/narendramodi/status/1961382957748498503

भारत-जापान साझेदारी से बढ़ेंगे नए अवसर

मोदी ने भारत और जापान के रिश्तों को भरोसे और आपसी सहयोग का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि मेट्रो प्रोजेक्ट्स, विनिर्माण, सेमीकंडक्टर और स्टार्टअप्स में जापानी कंपनियों का योगदान भारत की प्रगति में अहम है। वर्तमान में जापानी कंपनियों ने भारत में 40 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है, जिसमें केवल पिछले दो वर्षों में 13 अरब डॉलर का निजी निवेश शामिल है। मोदी ने निवेशकों को पांच प्रमुख क्षेत्रों—बैटरी, रोबोटिक्स, सेमीकंडक्टर, जहाज निर्माण और परमाणु ऊर्जा—में साझेदारी के नए अवसर सुझाए। उन्होंने कहा कि जैसे जापानी ऑटोमोबाइल सेक्टर ने भारत में सफलता पाई, उसी तरह अन्य क्षेत्रों में भी वैसी ही कहानी दोहराई जा सकती है।

तकनीक क्रांति और द्विपक्षीय सहयोग के नए सूत्र

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और जापान मिलकर इस सदी की तकनीक क्रांति का नेतृत्व कर सकते हैं। उन्होंने विशेष रूप से “मेक इन इंडिया, मेक फॉर वर्ल्ड” पर जोर देते हुए जापानी कंपनियों से इसमें भागीदारी की अपील की। अपने भाषण में उन्होंने भारत-जापान सहयोग को रणनीतिक और स्मार्ट करार दिया। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी केवल आर्थिक लाभ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे एशिया और विश्व की समृद्धि का आधार बनेगी। मोदी ने सहयोग को मजबूत करने के लिए पांच सूत्र भी पेश किए: विनिर्माण और नए क्षेत्र, तकनीक व नवाचार, हरित ऊर्जा, अगली पीढ़ी का बुनियादी ढांचा और कौशल विकास।

AI सहयोग और डिजिटल साझेदारी का नया अध्याय

भारत और जापान ने बिजनेस फोरम के मंच से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) में सहयोग का नया अध्याय भी शुरू किया। दोनों देशों ने एआई को-ऑपरेशन इनिशिएटिव लॉन्च किया, जिसके तहत बड़े भाषा मॉडल, प्रशिक्षण और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने पर काम होगा। साथ ही “डिजिटल पार्टनरशिप 2.0” के लिए एमओयू पर भी हस्ताक्षर हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने जापानी प्रधानमंत्री को 2026 में भारत में आयोजित होने वाले एआई इम्पैक्ट समिट में शामिल होने का निमंत्रण दिया। यह कदम भारत-जापान साझेदारी को भविष्य की तकनीकी क्रांति में एक निर्णायक मोड़ देगा।

Pm Modi (photo credit -google)

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