Monday, August 25, 2025

एस जयशंकर का बयान- भारत-अमेरिका की साझेदारी गहरी, यह दोस्ती कभी ‘कट्टी’ नहीं हो सकती

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Hemant Raushan
Hemant Raushan
Delhi-based content writer at The Rajdharma News, with 5+ years of UPSC CSE prep experience. I cover politics, society, and current affairs with a focus on depth, balance, and fact-based journalism.

New Delhi: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-अमेरिका संबंधों पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ कहा कि दोनों देशों के बीच संवाद जारी है और किसी भी तरह की रुकावट नहीं आई है। इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम 2025 में बोलते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने कुछ रेड लाइंस तय कर रखी हैं, खासकर किसानों और छोटे व्यापारियों की सुरक्षा के लिए। जयशंकर ने यह भी जोड़ा कि बातचीत कठिन हो सकती है लेकिन इसे खत्म मानना सही नहीं है। उन्होंने कहा, “ऐसा नहीं है कि हमारे बीच कोई ‘कट्टी’ हो गई है, बातचीत जारी है और आगे भी चलेगी।”

किसानों और छोटे उत्पादकों की सुरक्षा

जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत अपने किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि ये वे तबके हैं जिन्हें वैश्विक व्यापारिक दबावों से बचाना सरकार की जिम्मेदारी है। विदेश मंत्री के अनुसार, “हम अपने किसानों और छोटे उत्पादकों के पक्ष में मजबूती से खड़े हैं। यह ऐसी रेड लाइन है जिस पर कभी समझौता नहीं होगा।” उनका कहना था कि अगर कोई देश इन हितों का सम्मान नहीं करता तो भारत अपनी रणनीति खुद तय करेगा।

ट्रंप के टैरिफ पर तीखी टिप्पणी

विदेश मंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ लगाने के तरीके को असामान्य बताया। उन्होंने कहा कि दुनिया ने अब तक किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति को इतना पब्लिक तरीके से नीति बनाते नहीं देखा। जयशंकर ने कहा कि व्यापार पर टैरिफ लगाना अलग बात है, लेकिन गैर-व्यापारिक मुद्दों के लिए भी इसका इस्तेमाल करना बेहद अजीब है। उनके मुताबिक, अक्सर फैसलों की घोषणा सार्वजनिक मंचों से कर दी जाती है और यह दुनिया के लिए चुनौती बन गया है।

तेल आयात और भारत की रणनीतिक स्वायत्तता

भारत पर 50 फीसदी तक टैरिफ लगाने की अमेरिकी घोषणा पर भी जयशंकर ने दो टूक जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अगर किसी को भारत से तेल खरीदना पसंद नहीं है तो वह इसे न खरीदे। उन्होंने कहा, “कोई आपको मजबूर नहीं करता। यूरोप और अमेरिका खरीदते हैं। अगर आपको नहीं चाहिए तो न लें। लेकिन भारत अपने हितों को देखते हुए निर्णय करेगा।” विदेश मंत्री ने दोहराया कि भारत अपनी रणनीतिक स्वायत्तता से समझौता नहीं करेगा और किसानों के हितों को प्राथमिकता देगा।

जयशंकर ने कहा कि भारत-अमेरिका संबंध केवल व्यापार तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह साझेदारी अब रणनीतिक और राजनीतिक स्तर पर भी मजबूत हो चुकी है। उन्होंने भरोसा जताया कि कुछ मुद्दों पर मतभेद हो सकते हैं लेकिन इससे रिश्तों की गहराई प्रभावित नहीं होगी। उनके कहा, “यह कोई ऐसी दोस्ती नहीं है जो थोड़े मतभेद के कारण ‘कट्टी’ हो जाए। हमारी साझेदारी गहरी है और आने वाले समय में और मजबूत होगी।”

भारत-पाकिस्तान मुद्दे पर बड़ा बयान

फोरम में जयशंकर ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि इस मसले पर भारत किसी भी तरह की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा, “1970 के दशक से यह राष्ट्रीय सहमति है कि भारत-पाक संघर्ष को हम खुद ही सुलझाएंगे। इसमें किसी तीसरे देश की भूमिका नहीं होगी। यह मुद्दा द्विपक्षीय है और किसी तीसरे पक्ष को इसमें हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है।” जयशंकर ने दोहराया कि यह नीति आगे भी जारी रहेगी और भारत अपनी संप्रभुता से किसी तरह का समझौता नहीं करेगा। उनका यह बयान अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की सख्त कूटनीतिक स्थिति को दर्शाता है।

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