Sunday, December 7, 2025

Azam Khan : 23 महिने बाद रिहा हुए सपा नेता! सीधा जवाब न देकर खड़े किए सवाल

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Azam Khan :समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को 23 महिने के बाद सीतापुर जेल से रिहा कर दिया गया है और रिहाई के बाद अब वह सीधे रामपुर में अपने घर पहुंचे हैं और आजम खान के खिलाफ कुल मिलाकर 104 मामले दर्ज किए गए थे. सपा नेता आजम खान ने जेल से आने के बाद सभी सवालों का सीधा जवाब ना देकर बहुत से सवालों को खड़ा कर दिया है. उन्होंने बसपा में शामिल होने वाले अटकलों को भी न तो स्वीकार किया और न ही खारिज किया है. कुछ न कहकर उन्होंने सपा के खेमे में हलचल को और भी बढ़ा दिया है और इशारे भी दिए हैं कि जवाब में दूसरी पार्टियों के लिए भी आधा दरवाजा खोल रखा है.

Aazam khan (photo credit -google)

23 महिने बाद रिहा हुए आजम खान

सीतापुर जेल में मंगलवार को रिहा हुए सपा नेता आजम खां ने एक नए सियासी ठिकाने की अटकलों पर विराम लगाने के बजाय इसे और हवा दे दी है और रिहाई के बाद मीडिया ने उनकी पहली रिएक्शन में आजम खान ने आभार व्यक्त किया लेकिन मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने सवालों के सीधे जवाब नहीं दिए. उनका सीधा जवाब न देना सियासी गलियारों में बहुत से सवाल को खड़ा कर रहा है. वहीं बसपा में शामिल होने की अटकलों पर आज़म खां ने सीधा जवाब न देकर न इन्कार किया और ना कोई सीधा जवाब दिया. उनका ऐसा करना ही एक बड़ा संदेश था और अगर वह चाहते तो इन सवालों को खारिज करते हुए साफ कर सकते थे लेकिन कुछ न कहकर उन्होंने राजनैतिक हलचल को बढ़ावा दिया है.

Aazam khan (photo credit -google)

आजम खान ने आगे अपने बयान में कहा कि वह अपना इलाज कराएंगे और उसके बाद आगे की राजनीतिक रणनीति को तय करेंगे और इससे यह साफ होता है कि वह अपनी रणनीति इसके बाद ही तय करेंगे. यह साफ है कि वह अपने राजनीतिक भविष्य पर गंभीरता से विचार करेंगे और उनकी करीबी एक सांसद ने भी आजम खान को लेकर बयान में कहा कि आजम खां एक बड़े नेता हैं और हर दल उन्हें चाहेगा. जेल से बाहर आने के बाद रणनीति बनेगी और यह बयान भी चर्चाओं को हवा देने के लिए काफी है.

Aazam khan (photo credit -google)

मीडिया से बातचीत में कही ये बात

आजम खान उत्तर प्रदेश के एक प्रमुख मुस्लिम नेता हैं और वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उनका पकड़ भी है. इसके अलावा प्रदेश भर के मुस्लिम लोगों में भी उनके प्रति सहानुभूति है. दूसरी ओर, बसपा की अक्टूबर में प्रस्तावित बड़ी रैली तैयारियां जोरों से है और अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो आजम खान उस मंच से बसपा में शामिल हो सकते हैं और आजम खान की पत्नी तंजीन फतिमा की बसपा सुप्रीमो से मुलाकात की चर्चाओं ने भी अटकलों को बल दे दिया है. रिहाई के बाद आजम खान ही इन अटकलों को और भी बल दिया है.बाहर आने पर आजम खान ने कहा जेल में रहते हुए उन्हें किसी से मुलाकात की अनुमति नहीं मिली और न ही फोन से किसी से कोई भी बातचीत की और वह पूरी तरह से बाहरी दुनिया से कटे हुए हैं.

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