Arvind kejriwal: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक Arvind Kejriwal की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. हाल ही में चुनाव में मिली करारी हार के बाद, अब दिल्ली पुलिस ने उनके और अन्य के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की है. यह FIR सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम के उल्लंघन की शिकायत पर दर्ज की गई है.
दिल्ली पुलिस ने राउज एवेन्यू कोर्ट में एक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल की है, जिसमें बताया गया है कि एफआईआर (FIR) दर्ज कर ली गई है. यह मामला 2019 में दिल्ली के द्वारका में बड़े-बड़े राजनीतिक होर्डिंग लगाने से जुड़ा हुआ है. तो चलिए फटाफट जानते हैं कि आखिरकार क्या है पूरा मामला?

तय हुई FIR के सुनवाई की तारीख
दिल्ली पुलिस द्वारा आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और अन्य के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम के कथित उल्लंघन को लेकर दर्ज शिकायत पर दर्ज एफआईआर के मामले में अगली सुनवाई की तारीख तय कर दी गई है. कोर्ट ने इस मामले में 18 अप्रैल को सुनवाई की तारीख निर्धारित की है.

इस मामले में अरविंद केजरीवाल और अन्य पार्टी नेताओं पर 2019 में द्वारका में बड़े होर्डिंग्स लगाने के लिए कथित रूप से सार्वजनिक धन के दुरुपयोग का आरोप है. राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में उनके और अन्य पार्टी नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है.

जानें क्या है पूरा मामला?
Arvind kejriwal का यह मामला लगभग 5 साल पुराना है, जब 2019 में द्वारका में बड़े होर्डिंग लगाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य के खिलाफ सार्वजनिक धन के दुरुपयोग की शिकायत दर्ज की गई थी. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने अब
FIR दर्ज कर ली है और कोर्ट को इसकी जानकारी दी है.
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि अरविंद केजरीवाल और अन्य आम आदमी पार्टी नेताओं ने दिल्ली प्रिवेंशन ऑफ डिफेसमेंट ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट, 2007 का उल्लंघन करके सार्वजनिक स्थानों पर बड़े होर्डिंग लगाए थे.इस मामले में कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को एफआईआर दर्ज करने और आगे की जांच करने का निर्देश दिया था.

अब इस मामले में अगली सुनवाई 18 अप्रैल को होगी, जब दिल्ली पुलिस आगे की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. आम आदमी पार्टी ने इस एफआईआर को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया है और कहा है कि यह शिकायत मूल रूप से कई राजनीतिक दलों के नेताओं के खिलाफ दर्ज की गई थी, लेकिन अब केवल अरविंद केजरीवाल को निशाना बनाया जा रहा है.
कोर्ट ने 11 मार्च को पुलिस को शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था.पुलिस ने मामले की जांच के लिए समय मांगा, जिसके बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 18 अप्रैल को निर्धारित की.
ये भी पढ़ें:Up CM:समाजवादी भी हो गए सनातनी,गिद्धों कों दिखी सिर्फ लाश, महाकुम्भ पर बोले मुख्यमंत्री योगी