Monday, August 4, 2025

अमित शाह का कांग्रेस पर हमला: ‘आतंकवाद पर वोटबैंक की राजनीति करती है कांग्रेस’

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Amit Shah: राज्यसभा में हुई चर्चा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आतंकवाद पर वोटबैंक की राजनीति करना कांग्रेस की पुरानी आदत है। शाह ने यह भी पूछा कि जब पी. चिदंबरम गृह मंत्री थे, तो अफजल गुरु को फाँसी क्यों नहीं दी गई? गृह मंत्री ने साफ कहा कि कांग्रेस की प्राथमिकता कभी देश की सुरक्षा नहीं रही। आतंकवाद के मुद्दे पर भी पार्टी का रुख वोटबैंक से प्रभावित होता है। चिदंबरम के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शाह ने कहा कि कांग्रेस नेता आतंकियों के बचाव में सवाल उठा रहे हैं।

सबूत मांगने पर उठे गंभीर सवाल

हाल ही में पी. चिदंबरम ने पहलगाम आतंकी हमले पर सवाल उठाते हुए सरकार से पाकिस्तान से सबूत मांगे थे। इस पर शाह ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि देश को यह जानने का हक है कि चिदंबरम किसे बचा रहे हैं — पाकिस्तान, आतंकवादी संगठन या फिर खुद आतंकियों को? अमित शाह ने कटाक्ष करते हुए कहा कि जिस दिन कांग्रेस नेता ने सवाल उठाया, उसी दिन हमले में शामिल तीनों आतंकी मार गिराए गए। उन्होंने इसे भगवान की मर्जी बताया और कांग्रेस के रवैये को चिंताजनक करार दिया।

वोटबैंक के लिए तुष्टिकरण की राजनीति

शाह का कहना है कि कांग्रेस सिर्फ अपनी राजनीति और वोटबैंक की चिंता करती है, न कि देश की। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी तुष्टिकरण की राह पर चल रही है। गृहमंत्री ने जोर देकर कहा कि यह आतंकवाद पर वोटबैंक की राजनीति है, जो राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरनाक है। उन्होंने कहा कि जब देश में आतंक का खतरा बढ़ता है, तब कांग्रेस नेतृत्व सवाल पूछने में लग जाता है। लेकिन जब कार्रवाई होती है, तो वह उसे भी राजनीतिक रंग देने की कोशिश करते हैं।

जम्मू-कश्मीर में शांति और स्थिरता की दिशा में सरकार के कदम

अमित शाह ने बताया कि भाजपा सरकार ने जम्मू-कश्मीर में आतंक के नेटवर्क को तोड़ने के लिए कई कड़े कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने टेरर फंडिंग पर कड़ी चोट की है, जिससे अलगाववादी ताकतें कमजोर हुई हैं। शाह ने दावा किया कि 2024 के बाद घाटी में न तो पथराव हुआ है, न ही बड़ी आतंकी घटनाएं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों की कार्रवाई से अब जम्मू-कश्मीर शांति की राह पर है। यह नरेंद्र मोदी सरकार की प्रतिबद्धता है।

‘जम्मू-कश्मीर आतंकवाद से मुक्त होगा’ – शाह का वादा

राज्यसभा में अपने बयान में शाह ने कहा कि सरकार का स्पष्ट उद्देश्य है — जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद से पूरी तरह मुक्त करना। उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अब जनता देख रही है कि किसकी प्राथमिकता राष्ट्रहित है और किसकी आतंकवाद पर वोटबैंक की राजनीति। उन्होंने यह भी कहा कि देश की जनता अब भ्रमित नहीं है। भाजपा आतंकवाद के खिलाफ खड़ी है, जबकि कांग्रेस बयानबाजी में उलझी रहती है। उनका वादा है कि कश्मीर को स्थायी शांति मिलेगी, और आतंक का खात्मा होगा।

राजनीति बनाम राष्ट्रनीति की बहस

पूरा विवाद एक बड़ी सच्चाई को उजागर करता है — क्या सुरक्षा से बढ़कर कुछ हो सकता है? अमित शाह के आरोपों ने एक बार फिर यह बहस छेड़ दी है कि कांग्रेस और भाजपा की प्राथमिकताएं कितनी अलग हैं। जहां एक ओर शाह आतंकवाद को खत्म करने की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं के बयान आतंकवाद पर वोटबैंक की राजनीति को दर्शाते हैं। यह मुद्दा आने वाले समय में भी राजनीतिक बहस का केंद्र बना रहेगा।

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