Amit shah:केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप सिंह धनखड़ के इस्तीफे को लेकर बढ़ती अटकलों के बीच विपक्ष के सभी दावों को खारिच कर दिया है. उन्होंने इस्तीफे की समस्याओं पर विराम लगाते हुए विपक्ष के उन दावों को खारिज कर दिया कि धनखड़ को नजरबंद किया गया था और उनको जबरन इस्तीफा देने के लिए मजबूत किया गया था. अमित शाह ने कहा कि धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों के चलते इस्तीफा दिया था और विपक्ष के वो दावे बेबुनियाद हैं और फर्जी हैं कि वह नजरबंद है.

धनखड़ के इस्तीफा पर बोल शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने धनखड़ के इस्तीफे को लेकर कहा -” धनखड़ साहब का इस्तीफा अपने आप में स्पष्ट है. उन्होंने अपने इस्तीफे के लिए स्वास्थ्य का हवाला दिया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अन्य मंत्रियों और सरकार के सदस्यों के अच्छे कार्यकाल के लिए उनका आभार व्यक्त किया है.”
धनखड़ के नजरबंद वाले दावों पर बोले शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कुछ विपक्षी नेताओं की ओर से धनखड़ के नजरबंद होने के दावों के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि सच और झूठ की व्याख्या केवल विपक्ष के बयानों पर आधारित नहीं होनी चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि ऐसा लगता है सच और झूठ विपक्ष के बयानों पर आधारित है. हमें इन सबका बतंगड़ नहीं बनाना चाहिए . धनखड़ एक संविधानिक पद पर थे और उन्होंने संविधान के अनुसार अपने कर्तव्यों का वहन किया है. उन्होंने स्वास्थ्य के चलते ही इस्तीफा दिया है. इस मुद्दे पर ज्यादा विचार विमर्श नहीं करना चाहिए.”

विपक्ष दलों ने लगाएं आरोप
धनखड़ के अचानक इस्तीफा देने से विपक्षी नेताओं ने इस्तीफे पर सवाल खड़े कर दिए थे और इसमें उन्होंने दावा किया था कि सरकार ने धनखड़ को खामोश कर दिया है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार किसी उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के साथ -साथ उसे खामोश भी कर दिया गया है. लोकसभा के विपक्ष नेता राहुल गांधी ने भी केंद्र सरकार की आलोचना की थी और धनखड़ के ठिकानों पर भी सवाल खड़े किए थे. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर देश को मध्ययुगीन काल में वापस जाने का आरोप लगाया था.

9 सितंबर को होंगे उपराष्ट्रपति के चुनाव
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद पर उम्मीदवार बनाने के लिए एनडीए के फैसले का सपोर्ट किया और कहा कि यह स्वाभाविक ही है कि कोई व्यक्ति दक्षिणी हिस्से से ही आने वाला है. ऐसा इसलिए क्योंकि उपराष्ट्रपति पूर्वी भारत से और प्रधानमंत्री पश्चिम और उत्तर से है. शाह ने उन अटकलों को खारिच करते हुए कहा कि राधाकृष्णन के चयन का 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले तमिलनाडु में भारतीय जनता पार्टी ( बीजेपी) की ओर से फायदा उठाने की कोशिश से कोई भी लेना – देना नहीं है. आगे उन्होंने बताया कि उपराष्ट्रपति के चुनाव 9 सितंबर को होना है और उसी दिन मतगणना भी की जाएगी.
ये भी पढ़ें:Bihar Politics: तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम पर लगाया बड़ा आरोप! सबूत दिखाकर बोले उनके दो Epic नम्बर है