AIMIM:असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम बिहार में महागठबंधन के चुनाव लड़ने कों यथासंभव प्रयास कर रही हैं. ओवैसी चाहते है कि उनकी पार्टी लालू के साथ मिलकर चुनाव लड़े जिससे मुस्लिम वोटों का बटवारा न पाए.इसी कड़ी में ओवैसी के पार्टी के एकलौते विधायक अख्तरुल ईमान ने राजद प्रमुख कों पत्र लिखकर कांग्रेस तथा वाम दलों कों एक करके एक संयुक्त गठबंधन बनाने का प्रस्ताव भेजा है.हालांकि लालू तेजस्वी के ओर से अभी कोई भी जवाब नहीं प्राप्त हुआ हैं.

ओवैसी लालू के गठबंधन से किसे होगा फायदा
बिहार में ओवैसी के पुराने प्रदर्शन से यह साफ हो गया हैं कि अगर मुस्लिमों का वोट चाहिए तो ओवैसी कों नजरअंदाज नहीं किया जा सकता क्यों कि पिछले विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम अकेले 05 सीटों पर चुनाव जीत दर्ज कर यह साबित कर दिया कि पार्टी कि अवहेलना नहीं किया जा सकता है. इसलिए बार बार यह प्रस्ताव ओवैसी के पार्टी कि ओर से भेजा जा रहा जिससे मुस्लिम वोटों का बटवारा न हो सके तथा एआईएमआईएम का कद भी बढ़ जाए.

ओवैसी कों भी हैं लालू यादव कि जरुरत
बिहार में पूर्णतः मुस्लिम वोट पाने के लिए लालू कों ओवैसी कि जरुरत पड़ सकती है लेकिन यह भी सत्य हैं कि अपने विधायक कों बचाना हैं तो लालू का साथ ओवैसी कों भी चाहिए. आपको बता दे कि बिहार विधानसभा चुनाव 2022 में ओवैसी के पार्टी ने 05 सीटों पर चुनाव जीता था मतलब कुल 05 विधायक थे. साल भर में ही 04 विधायकों ने एआईएमआईएम कों छोड़ कर लालू कि पार्टी राजद में शामिल हो गए थे इसलिए ओवैसी कों यह डर हैं कि विधायककों बचाना हैं तो लालू का साथ जरूरी हैं.
मुस्लिम बहुल इलाके में ओवैसी की पकड़ मजबूत
बिहार में कई ऐसे इलाके हैं यहां ओवैसी मजबूत हैं. मुस्लिम बहुल इलाकों में एआईएमआईएम कों झोली भर कर वोट मिलता हैं. बिहार में सीमांचल इलाके जैसे अमौर, बायसी, जोकीहाट, कोचाधामन और बहादुरगंज सीट पर 2022 के विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम ने जीत दर्ज की थी.विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज किये हुए पांच में से चार विधायक आरजेडी में चले गए थे।. सिर्फ बायसी से विधायक अख्तरुल ईमान ही अभी तक बचे हैं.

मुस्लिम वोटों के लिए तेजस्वी की रणनीति मजबूत
तेजस्वी यादव ने रविवार कों बिहार की राजधानी पटना में आयोजित वक्फ बचाओ संविधान बचाओ रैली कों सम्बोधित किया था. यह रैली बिहार की ऐतिहासिक भूमि गाँधी मैदान में आयोजित की गयी थी.रैली में तेजस्वी यादव से कहा था कि हमारी सरकार आयेगी तो वक्फ क़ानून कों कचड़े के डिब्बे में फेक देंगे. उन्होंने पटना में रैली कों सम्बोधित करते हुए कहा था कि बिहार में सत्तारूढ़ पार्टी सत्ता से बाहर होने की राह पर है और अगर राज्य में विपक्षी दलों के गठबंधन की सरकार आई, तो केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के लाए गए वक्फ अधिनियम को कूड़ेदान में फेंक देगी.
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