Thursday, July 3, 2025

Manipur President Rule: राष्ट्रपति शासन की क्यों आई नौबत? जानें सियासी भूचाल की कहानी

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Manipur President Rule: मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है. इससे पहले रविवार को राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेंद्र सिंह ने अपने पद से इस्तीफे दे दिया था. वहीं उनके पद से इस्तीफा के चार दिन बाद बृहस्पतिवार को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन (Manipur President Rule) लगा दिया गया और विधानसभा को भी निलंबित कर दिया गया है. तो चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपके साथ मणिपुर के सियासी भूचाल की पूरी कहानी बताने के साथ-साथ यहां राष्ट्रपति शासन की नौबत क्यों आई बताने विस्तार से जानेंगे –

Manipur President Rule

क्या है राष्ट्रपति शासन?

राष्ट्रपति शासन की जानकारी अनुच्छेद 352 में दी गयी है और इसके अनुसार सरकार का नियंत्रण निर्वाचित मुख्यमंत्री के बजाय सीधा राष्ट्रपति के हाथ में आ जाता है. अनुच्छेद 352 के मुताबिक, अगर राष्ट्रपति इस बात से संतुष्ट नहीं है कि राज्य सरकार संविधान के मुताबिक काम नहीं कर रही है, तो राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है. हालांकि, राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के दो महीने के भीतर संसद के दोनों सदनों द्वारा इसका अनुमोदन करना भी जरूरी है.

Manipur President Rule की क्यों आई नौबत?

मणिपुर में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के 9 फरवरी 2025 को इस्तीफा दे दिया था और 13 फरवरी 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया.

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन के घोषणा के समय गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का मानना है कि ‘‘ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसमें इस राज्य की सरकार संविधान के प्रावधानों के अनुसार नहीं चल सकती.”

Manipur President Rule

अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘अब, संविधान के अनुच्छेद 356 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए, मैं घोषणा करती हूं कि मैं भारत के राष्ट्रपति के रूप में मणिपुर राज्य सरकार के सभी कार्यों और इस राज्य के राज्यपाल द्वारा निहित या प्रयोग की जाने वाली सभी शक्तियों को अपने अधीन करती हूं..” इसके अलावा अधिसूचना में कहा गया है कि विधानसभा को निलंबित कर दिया गया है.

मणिपुर के मुख्यमंत्री के इस्तीफे के बाद क्या हुआ?

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राज्य में सियासी भूचाल मच गया (Manipur President Rule) और BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने 10 फरवरी को इंफाल में पार्टी के कुछ प्रमुख विधायकों के साथ एक बैठक की, जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा की गई. बैठक में विधान सभा अध्यक्ष थोकचोम सत्यव्रत, मंत्री वाई खेमचंद, थौनाओजम बसंत कुमार सिंह और विधायक टी. राधेश्याम शामिल थे. विपक्ष ने इस कदम को बहुत देर से उठाया गया बताया और कहा कि एन. बीरेन सिंह ने अपनी स्थिति को संभालने में नाकामी दिखाई, खासकर जब कांग्रेस ने विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने का संकेत दिया था.

Manipur President Rule

कौन है एन बीरेंद्र सिंह?

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेंद्र सिंह एक भारतीय राजनीति के नेता है. उनका सफर एक (Manipur President Rule) फुटबॉलर, पत्रकार और फिर एक सफल राजनेता बनने तक शामिल हैं. एन बीरेंद्र सिंह का जन्म एन. बीरेन सिंह मणिपुर के मुख्यमंत्री और भारतीय राजनीति के प्रमुख नेता हैं। उनका जन्म 1 जनवरी 1961 को इंफाल, मणिपुर में हुआ था. उनकी शिक्षा के बाद उन्होंने फुटबॉल खिलाड़ी के रूप में करियर की शुरुआत की थी और भारतीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) में शामिल हुए. वह 1981 में डूरंड कप जीतने वाली टीम का हिस्सा थे, जिससे उनकी खेल में पहचान बनी.

फिर उन्होंने साल 1992 में पत्रकारिता में कदम रखा और नाहरोलगी थौडांग नामक मैतेई भाषा के दैनिक समाचार पत्र की शुरुआत की और 2001 तक इसके संपादक रहे. इस दौरान उन्होंने मणिपुर के सामाजिक, राजनीतिक मुद्दों पर प्रमुखता से लिखना शुरू किया और अपनी अलग छवि बना ली.

राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 2002 में की.साल 2016 में उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देकर BJP को ज्वाइन कर लिया. इसके बाद, उन्होंने कई प्रमुख राजनीतिक पदों पर कार्य किया. 2017 में एन. बीरेन सिंह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव लाए. लेकिन हाल ही में उनके इस्तीफा देने से माहौल चुनौपूर्ण नज़र आ रहा है.

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