Sunday, December 7, 2025

Nepal Pm : सुशीला कार्की बनीं पहली महिला पीएम! Gen-z के ये मांगे की स्वीकार

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Nepal Pm:नेपाल में हाल ही में सोशल मीडिया को बैन कर दिया गया और 8 सितंबर को नेपाल के युवाओं ने आंदोलन ने देश का नेतृत्व महज़ चार दिनों में ही बदल लिया और युवाओं के इस आंदोलन को “Gen-z आंदोलन का नाम दिया गया”. शुक्रवार रात करीबन 9:30 बजे सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार का प्रधानमंत्री बनाया गया और उनको राष्ट्रपति रामचंद्र पौडल ने शपथ दिलाई.

Nepal pm (photo credit -google)

सुशीला कार्की बनी नई सीएम

नेपाल की नई पीएम सुशीला कार्की को बना दिया गया है लेकिन बता दें कि युवाओं की सबसे पहली पसंद सुशीला नहीं थी बल्कि मेयर बालेन शाह थे, जिन्होंने इस आंदोलन का शुरूआत किया था और बालेन ने सत्ता संभालने से इंकार कर दिया था जिसके बाद सुशीला का नाम सामने आया और फिर बालेन ने भी अपना समर्थन सुशीला को दिया जिसके बाद नेपाल में सियासी संकट पर रोक लग गया और Gen z आंदोलनकारियों के बीच वह फेमस हो रही है और वह नेपाल की पहली महिला प्रधान न्यायाधीश रह चुकी है और उनकी छवि भ्रष्टाचार विरोधी रही है और नेपाल में सुशीला महिलाओं को मोटिवेशन भी देती है. सुशीला कार्की को इसलिए नेपाल की कमान को दिया गया जिसके चलते आने वाले महिनों में वह नेपाल का नेतृत्व करेंगी.

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सुशीला कार्की ने मानी ये Gen-z की पांच शर्ते

1) Gen-z आंदोलनकारियों ने मांग की थी कि 12 महीने के अंदर देश में आम चुनाव करवाया जाएगा जिससे लोकतंत्र स्थापित हो और जनता अपनी इच्छा से नई सरकार का चुनाव कर सके और सुशील कार्की ने उनकी ये शर्त को स्वीकार कर लिया.

2) आंदोलनकारियों ने दूसरी मांग ये की थी कि नेपाल की सांसद को भंग कर दिया जाएं और इस मांग को स्वीकार कर लिया गया है और सुशीला कार्की के हाथों में यह कमान सौंप दी गई है.

3) आंदोलनकारियों की मांग थी कि एक नागरिक – सैन्य सरकार का गठन किया जाएं और इस प्रस्ताव के तहत आंदोलनकारियों का इच्छा था कि वह नेपाल में ऐसा शासन बनें जो नागरिक और सेना दोनों को ही represent करने वाला हो.

4) आंदोलनकारियों का कहना था कि बस सोशल मीडिया बैन के खिलाफ जनता सड़कों पर नहीं उतरी है और जनता की सड़क पर उतरने का प्रमुख कारण है भ्रष्टाचार और आंदोलनकारियो ने प्रस्ताव रखा कि पुराने दल और नेताओं की संपत्ति की जांच के लिए शक्तिशाली न्याययिक आयोग गठन हो.

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5) आंदोलनकारियों की बड़ी मांग यह थी कि आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हुई हिंसा की स्वतंत्रता और निष्पक्ष रुप से जांच की जाएं और इस मांग को मान लिया जाएं.

राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने दिया संदेश

सुशीला कार्की के शपथ दिलाने के बाद राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने उनसे कहा -” देश बचाइए, सफल रहिए.” जिसका जवाब सुशीला ने धन्यवाद बोलकर दिया. सुशीला कार्की के शपथ ग्रहण समारोह को संसद के दोनों सदनों के प्रमुख ने बहिष्कार किया और प्रतिनिधि सभा के स्पीकर देवराज घिमिरे शपथ ग्रहण में शामिल नहीं हुए थे और वह ओली के पार्टी से आते हैं और राष्ट्रीपति सभा के अध्यक्ष नरायण दलाह भी अनुपस्थिति थे और नारायण प्रचण्ड पार्टी से जुड़े हुए हैं.

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वहीं 8 सितंबर की बात करे तो इस दिन आंदोलनकारी और भी हिंसक हो गए थे और प्रदर्शनकारियों ने संसद, सरकारी दफ्तर और निजि संपत्तियों में तोड़फोड़ मचा दिया था और इस हिंसा में अब तक 51 से अधिक लोग मारे गए हैं जिनमें 3 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं.

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