Online Gaming Bill 2025: लोकसभा में पास हुआ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 अब भारत के गेमिंग सेक्टर को नई दिशा देने जा रहा है। सरकार का कहना है कि यह बिल युवाओं को सुरक्षित डिजिटल माहौल देगा और इंडस्ट्री में पारदर्शिता लाएगा। इसमें ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने और रियल मनी गेम्स पर सख्ती की बात है। भारत में ऑनलाइन गेमिंग यूजर्स की संख्या 42 करोड़ से अधिक है, ऐसे में इस बिल का असर लाखों खिलाड़ियों और हजारों कंपनियों पर होगा। लोग जानना चाहते हैं कि BGMI, Free Fire, GTA और रम्मी जैसे गेम्स का क्या होगा।

ई-स्पोर्ट्स को मिलेगा बड़ा बढ़ावा
सरकार ने गेमिंग सेक्टर को दो श्रेणियों में बांटा है। पहली श्रेणी है ई-स्पोर्ट्स, जिनमें पैसों का सीधा लेन-देन नहीं होता। GTA, BGMI, Call of Duty और Free Fire जैसे गेम इसी कैटेगरी में आते हैं। इन्हें टूर्नामेंट और प्रतियोगिता की तरह खेला जाता है। सरकार मानती है कि यह युवाओं की स्किल बढ़ाते हैं और रोजगार के अवसर पैदा करते हैं। भारत का गेमिंग मार्केट 2023 में लगभग 2.8 बिलियन डॉलर का था और 2025 तक इसके 5 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। ऐसे में ई-स्पोर्ट्स को समर्थन इंडस्ट्री के लिए बड़ा कदम माना जा रहा है।

रियल मनी गेम्स पर सख्ती
दूसरी श्रेणी है रियल मनी गेम्स, जिनमें पैसों का सीधा इस्तेमाल होता है। इनमें रम्मी, फैंटेसी क्रिकेट और लूडो जैसे गेम शामिल हैं। खिलाड़ी इनमें पैसे लगाते हैं और जीतने पर सीधे कैश ट्रांसफर होता है। सरकार का मानना है कि ऐसे गेम लत और आर्थिक नुकसान को बढ़ावा दे रहे हैं। भारत में रियल मनी गेमिंग इंडस्ट्री का आकार ₹15,000 करोड़ से ज्यादा है और यह तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन अब इस पर कड़ा शिकंजा कसा जाएगा और बिना रजिस्ट्रेशन कोई भी प्लेटफॉर्म काम नहीं कर पाएगा।

Online Gaming Bill 2025 के अहम प्रावधान
इस बिल में कई सख्त नियम शामिल किए गए हैं। रियल मनी गेम्स के विज्ञापनों पर पूरी तरह से रोक होगी। अवैध प्लेटफॉर्म चलाने वालों को तीन साल की जेल या एक करोड़ रुपये का जुर्माना हो सकता है। बैंकिंग सिस्टम से ऐसे गेम्स के लेन-देन को रोका जाएगा। इसके लिए एक स्वतंत्र नियामक प्राधिकरण बनाया जाएगा। बार-बार अपराध करने पर कड़ी सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान है। 2023 में सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग पर 28% जीएसटी लगाया था, जबकि 2025 से जीत की रकम पर 30% टैक्स भी लागू कर दिया गया है।

सरकार और विपक्ष की राय
इस बिल पर संसद में लंबी बहस हुई। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ऑनलाइन मनी गेम्स तेजी से खतरनाक लत का रूप ले रहे हैं और यह परिवारों को प्रभावित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा बड़े वर्गों के हित में फैसले लिए हैं और यह बिल उसी दिशा का हिस्सा है। विपक्ष ने चिंता जताई कि ज्यादा नियमों से इंडस्ट्री की ग्रोथ धीमी होगी। हालांकि, बहुमत से यह बिल पास हो गया। अब कंपनियों और खिलाड़ियों दोनों को नए ढांचे में ढलना होगा।
भारत के गेमिंग सेक्टर पर असर
भारत में इस समय करीब 400+ ऑनलाइन गेमिंग स्टार्टअप्स सक्रिय हैं। इस सेक्टर में अब तक ₹25,000 करोड़ का विदेशी निवेश आया है। सरकार को हर साल ऑनलाइन गेमिंग से लगभग ₹20,000 करोड़ टैक्स मिलता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 से जहां धोखाधड़ी और अवैध लेन-देन पर रोक लगेगी, वहीं सुरक्षित माहौल में ई-स्पोर्ट्स और स्किल-बेस्ड गेमिंग को और बढ़ावा मिलेगा। आने वाले समय में भारत का ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर और संगठित होगा और देश को ग्लोबल गेमिंग इंडस्ट्री में नई पहचान मिल सकती है।

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