PM Modi: 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को सीधा संदेश दिया। उन्होंने दोहराया कि भारत ने तय कर लिया है कि अब खून और पानी साथ नहीं बहेगा। सिंधु जल समझौते को अन्यायपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि यह समझौता दशकों से भारत के किसानों के साथ बड़ा धोखा रहा है। अब देश का पानी सिर्फ और सिर्फ अपने किसानों और अपनी धरती के लिए इस्तेमाल होगा। यह बयान पाकिस्तान के खिलाफ एक सख्त चेतावनी और देश के किसानों के लिए मजबूत भरोसा था।

ऑपरेशन सिंदूर की वीरता का सम्मान
अपने भाषण में पीएम मोदी ने पहली बार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का विस्तार से जिक्र किया। उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन देश के आक्रोश की अभिव्यक्ति था, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी नरसंहार के बाद शुरू किया गया। उन्होंने लाल किले से ऑपरेशन में शामिल 20 वीर जवानों को सैल्यूट किया और कहा कि उन्होंने दुश्मन को उसकी कल्पना से भी परे जवाब दिया। यह ऑपरेशन कई दशकों में पहली बार सैकड़ों किलोमीटर दुश्मन की धरती में घुसकर चलाया गया।
पहलगाम नरसंहार से भड़का आक्रोश
पीएम मोदी ने याद दिलाया कि 22 अप्रैल को सीमा पार से आए आतंकियों ने पहलगाम में निर्दोष लोगों का धर्म पूछ-पूछकर कत्लेआम किया। परिवारों के सामने परिजनों को गोलियों से छलनी किया गया, बच्चों के सामने उनके पिता की हत्या कर दी गई। इस अमानवीय कृत्य से पूरा देश और दुनिया स्तब्ध रह गई। मोदी ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर उसी क्षण से तय हो गया था—आतंक का अंत करने के लिए निर्णायक कदम उठाना ज़रूरी था।

प्रधानमंत्री ने खुलासा किया कि नरसंहार के बाद सेना को पूरी स्वतंत्रता दी गई। लक्ष्य, रणनीति और समय—सब कुछ सेना ने खुद तय किया। इस स्वतंत्रता का नतीजा था कि भारत ने दुश्मन के कई आतंकी ठिकाने मिट्टी में मिला दिए। आतंक के ढांचे को ध्वस्त कर दिया गया और पाकिस्तान की नींद हराम हो गई। आज भी वहां से रोज़-रोज़ नए खुलासे सामने आ रहे हैं, जो ऑपरेशन की सफलता की गवाही दे रहे हैं।
सिंधु जल समझौते पर सख्त रुख
पीएम मोदी ने अपने भाषण में किसानों का मुद्दा भी मजबूती से उठाया। उन्होंने कहा कि सिंधु जल समझौते ने पिछले सात दशकों से भारत के किसानों को अकल्पनीय नुकसान पहुंचाया है। भारत की नदियों का पानी दुश्मन के खेतों को सींच रहा है, जबकि हमारे किसान प्यासे हैं। प्रधानमंत्री ने साफ किया कि अब इस एकतरफा और अन्यायपूर्ण समझौते को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। हिंदुस्तान के हक का पानी सिर्फ हिंदुस्तान के किसानों को मिलेगा।

आतंक और परमाणु धमकियों पर जवाब
प्रधानमंत्री ने साफ कर दिया कि भारत अब आतंकवाद और उसे पनाह देने वालों को अलग-अलग नहीं मानेगा, दोनों ही मानवता के दुश्मन हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि भारत अब पाकिस्तान की परमाणु युद्ध की धमकियों से डरने वाला नहीं है। ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल ‘मेड इन इंडिया’ हथियारों ने साबित कर दिया कि आत्मनिर्भर भारत अपने दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने में पूरी तरह सक्षम है। यह नया भारत है, जो शांति चाहता है, लेकिन अपने सम्मान और सुरक्षा की कीमत पर नहीं।
जवानों, किसानों और युवाओं के लिए संदेश
अपने भाषण के अंत में प्रधानमंत्री ने जवानों की वीरता, किसानों के अधिकार और युवाओं की क्षमता का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत के जवान सीमाओं की रक्षा में जुटे हैं, किसान देश का पेट भर रहे हैं और युवा भविष्य को आकार दे रहे हैं। मोदी ने सभी नागरिकों से आह्वान किया कि वे आत्मनिर्भर भारत के संकल्प में भागीदार बनें। उनका स्पष्ट संदेश था — अब भारत न तो आतंक बर्दाश्त करेगा और न ही अपने हक का पानी किसी और को जाने देगा।
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