Friday, July 4, 2025

India ने Pakistan के JF-17 और HQ-9 को मिट्टी में मिलाया

Must read

India: ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की बौखलाहट साफ दिखाई दे रही है और वह भारत पर हमले की लगातार कोशिश कर रहा है. बीते रात पाकिस्तान ने भारत पर कई जगह ड्रोन से हमला करने की कोशिश की लेकिन पाक के सारे नापाक इरादे व्यर्थ रह गए. पाकिस्तान को चीन से खरीदे गए हथियारों पर गर्व था लेकिन कुछ ही घंटों में उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ा. भारत ने चीन से मिले हथियारों को नाकाम कर दिया. पाकिस्तान को चीन से मिले हथियारों का बहुत ही घमंड़ था जिसे भारत ने महज़ कुछ ही घंटों में चकनाचुर कर दिया.

India JF -17 and HQ -19 (photo credit google)

JF-17 को मिली हार

भारतीय सेना ने पाकिस्तान के दो JF-27 और F-16 लड़ाकू विमानों को मार गिराया है. बता दें कि जेएफ-17 चीन के साथ मिलकर पाकिस्तान ने बनाया है. वहीं जेएफ -17 की बात करें तो यह भारत के आधुनिक लड़ाकू विमानों की तुलना में कमजोर है. वहीं पाकिस्तान ने चीन से J-20 फाइटर जेट की स्टेल्थ टेक्नोलॉजी दी है इसके आलावा साथ ही थोड़ा हल्का बनाया गया है. जेएफ-17 थंडर ब्लॉक 3 एक बेहद आधुनिक हल्का वजन वाला और हर मौसम में उड़ान भरने वाली मल्टी – रोल फाइटर एयरकाफ्ट है.

India JF -17 and HQ -19 (photo credit google)

HQ-19 भी मिली मिट्टी में

भारत देश के पास राफेल, सू-30 एमकेआई, मिराज-2000 और तेजस जैसे बेहत आधुनिक लड़ाकू विमान है और यह विमान अत्याधुनिक हथियारों और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली से लैस है. वहीं पाकिस्तान के पास लगभग 400 लड़ाकू विमान है जिसमें जेएफ-17 , जे-10 सी और एफ -16 शामिल हैं और दूसरी तरफ भारत में 500 से अधिक एडवांस लड़ाकू विमान है.पाकिस्तान ने चीन से एचक्यू -9 एयर डिफेंस सिस्टम पाया है जिसे एचक्यू -9 पी भी कहा जाता है लेकिन भारत ने 7-8 मई की रात को पाकिस्तान के एक्शन का जवाब देते हुए लाहौर की सुरक्षा एयर डिफेंस यूनिट को ही मिट्टी में मिला दिया जिसमें एचक्यू -9 सिस्टम भी था बता दें कि इसे एचक्यू -9 पी भी कहा जाता है जहा पी का मतलब पाकिस्तान से है.

India JF -17 and HQ -19 (photo credit google)

एचक्यू -9 की बात करें तो यह एक शक्तिशाली मिसाइल है जिसे चीन ने सीपीएम आईईसी से विकसित किया है. एचक्यू -9 एक लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है. पाकिस्तान ने इस सिस्टम को साल 2021 में अपनी सेना में शामिल किया था जिससे भारत में राफेल, सुखोई और ब्रह्मोस मिसाइलों जैसे हवाई खतरों का मुकाबला हो सके. इसकी रेज की बात करे तो इसकी मारक क्षमता 125 से 200 किलोमीटर है और यह एक साथ 100 लक्ष्यो को ट्रैक कर सकता है लेकिन भारत के सामने इसकी क्षमता कम पड़ गई है.

ये भी पढ़ें:Pahalgam Attack के बाद भारत के फैसलों से बौखलाया पाक, सस्पेंड किया शिमला समझौता

- Advertisement - spot_img

More articles

- Advertisement - spot_img

Latest article